प्रीलिम्स फैक्ट्स: 23- 07- 2019 | 23 Jul 2019
भारतमाला परियोजना
Bharatmala Project
हाल ही में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री द्वारा राज्यसभा में एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी गई कि भारतमाला परियोजना के तहत मार्च 2019 तक कुल 225 सड़क परियोजनाओं (कुल 9,613 किलोमीटर) को मंज़ूरी दी गई।
- सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा वर्ष 2017- 18 से भारतमाला कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
- भारत सरकार की यह फ्लैगशिप राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी राजमार्ग परियोजना है।
- इसके अंतर्गत आर्थिक गलियारे, फीडर कॉरीडोर और इंटर कॉरीडोर, राष्ट्रीय कॉरीडोर, तटवर्ती सड़कें, बंदरगाह संपर्क सड़कें आदि का निर्माण किया जा रहा है।
- इस कार्यक्रम की अवधि वर्ष 2017-18 से वर्ष 2021- 22 तक है। चरण-1 में कुल 34,800 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जाना है जिसमें शामिल हैं:
- 5,000 किलोमीटर राष्ट्रीय कॉरीडोर।
- 9,000 किलोमीटर आर्थिक गलियारे।
- 6,000 किलोमीटर फीडर कॉरीडोर और इंटर कॉरीडोर।
- 2,000 किलोमीटर सीमावर्ती सड़कें।
- 2,000 किलोमीटर तटवर्ती सड़कें एवं बंदरगाह संपर्क सड़कें।
- 800 किलोमीटर हरित क्षेत्र एक्सप्रेस वे।
- 10,000 किलोमीटर अधूरे सड़क निर्माण कार्य।
- इसमें निर्माण कार्य करने वाली मुख्य एजेंसियाँ हैं: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग और औद्योगिक विकास निगम तथा लोक निर्माण विभाग।
- इस परियोजना का वित्तीयन ऋण फंड, बजटीय आवंटन, निजी निवेश, टोल ऑपरेटर आदि के माध्यम से किया जा रहा है।
लाभ
- पूरे देश में सड़क संपर्क में सुधार।
- आर्थिक गलियारों से कार्गो की त्वरित आवाजाही में वृद्धि।
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि।
- निवेश में तेज़ी एवं रोज़गार सृजन में वृद्धि होने की संभावना।
काकीनाडा होप आइलैंड
Kakinada Hope Island
हाल में काकीनाडा होप आइलैंड का विकास, कोनसीमा (आंध्र प्रदेश) नामक परियोजना को वर्ल्ड क्लास कोस्टल एंड इको टूरिज्म सर्किट (World Class Coastal & Eco Tourism Circuit) नाम दिया गया है। इसे स्वदेश दर्शन योजना (Swadesh Darshan Scheme) के तहत स्वीकृत किया गया था।
होप आइलैंड
- यह आंध्र प्रदेश के पूर्व गोदावरी ज़िले में रेत से निर्मित लगभग 200 साल पहले बना टैडपोल के आकार का एक द्वीप है।
- यह कोरिंगा वन्यजीव अभयारण्य (Coringa Wildlife Sanctuary) और श्री कुक्कुटेश्वर स्वामी मंदिर (Sri Kukkuteswara Swamy Temple) से लगभग 10 किमी. की दूरी पर स्थित है।
स्वदेश दर्शन योजना
Swadesh Darshan Scheme
पर्यटन मंत्रालय ने वर्ष 2014-15 में पर्यटन स्थलों के थीम आधारित एकीकृत विकास के लिये ‘स्वदेश दर्शन योजना’ की शुरूआत की।
- यह योजना पर्यटन मंत्रालय की महत्त्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है, जिसका उद्देश्य देश में योजनाबद्ध और प्राथमिकता के तौर पर खास विशेषता वाले सर्किटों का विकास करना है।
- इस योजना के तहत सरकार जहाँ एक ओर पर्यटकों को बेहतर अनुभव और सुविधाएँ देने के उद्देश्य से गुणवत्तापूर्ण ढाँचागत विकास पर ज़ोर दे रही है, वहीं दूसरी ओर आर्थिक वृद्धि को भी प्रोत्साहित कर रही है।
- उल्लेखनीय है कि तीर्थस्थल संरक्षण एवं आध्यात्मिक विकास के लिये ‘प्रसाद’ (Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual, Heritage Augmentation Drive-PRASHAD) परियोजना की शुरुआत की है।
सारस क्रेन
Sarus Cranes
उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद ज़िले में सारस क्रेन (Grus Antigone) की आबादी में पिछले पाँच वर्षों में कोई वृद्धि नहीं हुई है।
- प्रभागीय वन विभाग द्वारा आयोजित वार्षिक जनगणना के अनुसार, गाज़ियाबाद ज़िले के मुरादनगर में केवल एक जोड़ी सारस क्रेन पाए गए जिसे लगातार पाँच वर्षों से देखा जा रहा है।
- सारस दुनिया का सबसे लंबा उड़ने वाला पक्षी है। वर्ष 2014 में इसे उत्तर प्रदेश का आधिकारिक राज्य पक्षी घोषित किया गया था।
- सारस क्रेन आमतौर पर आर्द्रभूमि जैसे दलदली स्थानों में निवास करते हैं।
- एक कृषि क्षेत्र में सिर्फ एक जोड़ी सारस देखे जाते हैं जो अनुसंधान का एक महत्त्वपूर्ण विषय है।
- यह वाइल्डलाइफ (संरक्षण) अधिनियम, 1972 [Wildlife (Protection) Act, 1972] की अनुसूची IV के तहत तथा IUCN रेड लिस्ट में भेद्य (Vulnerable) के रूप में भी सूचीबद्ध है।
- हाल की एक जनगणना के दौरान उत्तर प्रदेश के हापुड़ ज़िले में 30 वयस्क सारस क्रेन तथा इनके 16 चूजों की उपस्थिति की सूचना मिली। गौतम बुद्ध नगर में जून में एक जनगणना में पाँच वन रेंज और आर्द्रभूमि पर कुल 140 सारस क्रेन की संख्या दर्ज की गई थी।
- हालाँकि गाज़ियाबाद से सटे अन्य क्षेत्रों में बहुत से सारस देखे गए, लेकिन गाज़ियाबाद में लगातार पाँच वर्षों से सिर्फ एक जोड़ी सारस का देखा जाना चिंता का विषय है।