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प्रीलिम्स फैक्ट्स : 22 जनवरी, 2019

  • 22 Jan 2019
  • 11 min read

कटौती प्रस्ताव (Cut Motion)


भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार, सरकार द्वारा संसद के समक्ष प्रत्येक वर्ष एक ‘वार्षिक वित्तीय विवरण’ प्रस्तुत किया जाता है जिसे ‘बजट’ (Budget) कहते हैं।

  • संसद में बजट पेश किये जाने के बाद उस पर सामान्य चर्चा होती है तत्पश्चात् लोकसभा विभागानुसार ‘अनुदान की मांगों’ पर चर्चा करती है और उन्हें स्वीकृति देती है। लेकिन ‘अनुदान की मांगों’ (Demands For Grants) पर चर्चा के दौरान यदि कोई सदस्य चाहता है कि बजट में किसी विभाग के लिये आवंटित राशि में कटौती की जाए तो वह सदस्य एक नोटिस देकर इस संबंध में प्रस्ताव पेश कर सकता है, इस प्रस्ताव को कटौती प्रस्ताव या Cut Motion कहते हैं।

कटौती प्रस्ताव लाने के कारण

  1. सरकार की नीति को अस्वीकार करने के इरादे से : इसमें संसद सदस्यों द्वारा संबंधित विभाग की अनुदान मांगों में कटौती कर उसे केवल 1 रुपए करने का प्रस्ताव किया जाता हैं। ऐसा करने का स्पष्ट कारण यह है कि सदस्यों द्वारा सरकार की उक्त नीति को अस्वीकार किया जा रहा है। अगर यह प्रस्ताव मंज़ूर हो जाता है तो सरकार के समक्ष असहजता की स्थति पैदा हो सकती है।
  2. इकॉनमी कट: इसके अंतर्गत सदस्य किसी क्षेत्र की अनुदान मांगों में से एक निश्चित राशि की कटौती का प्रस्ताव करते हैं लेकिन यह प्रस्ताव पेश करते समय सदस्यों को यह बताना होता है कि अनुदान की मांगों में आवंटित की गई राशि से उस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
  3. टोकन कट : इसके अंतर्गत सदस्य किसी मंत्रालय की अनुदान मांगों में से 100 रुपए की टोकन कटौती का प्रस्ताव करते हैं। सरकार से कोई विशेष शिकायत होने पर भी सदस्य ऐसा करते हैं।

लेकिन कटौती प्रस्ताव को प्रस्तुत करने के लिये स्वीकृति दी जाएगी अथवा नहीं इसका निर्णय लोकसभा अध्यक्ष ही करता है।

कटौती प्रस्ताव का जवाब:


इस प्रस्ताव का जवाब उसी मंत्रालय के मंत्री द्वारा दिया जाता है जिसकी अनुदान की मांगों पर संसद में चर्चा की गई हो।

महत्त्व

  • संसद सदस्य कटौती प्रस्ताव के ज़रिये बजट के संबंध में सरकार की जवाबदेहिता सुनिश्चित करने का काम करते हैं।
  • इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि कटौती प्रस्ताव संसद सदस्यों के लिये एक प्रकार के वीटो पॉवर के समान है।

उभयचरों की 19 प्रजातियाँ गंभीर रूप से लुप्तप्राय (19 species of amphibians are critically endangered)


हाल ही में भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (Zoological Survey of India-ZSI) ने भारतीय उभयचरों की एक अद्यतन सूची जारी की है।

      • ZSI के वैज्ञानिक 2009 से ही अन्य संस्थानों के साथ मिलकर समय-समय पर भारतीय उभयचरों की सूची को अद्यतन करते रहे हैं।
      • वर्षवार सूचीबद्ध प्रजातियों की संख्या

♦ 2009 में 284
♦ 2010 में 311
♦ 2011 में 314
♦ 2012 और 2013 में 342
♦ 2015 में 384
♦ 2017 में 405

      • सूची में उन प्रजातियों का उल्लेख भी किया गया है जो प्रकृति के संरक्षण के लिये अंतर्राष्ट्रीय संगठन (International Union for Conservation of Nature-IUCN) के अनुसार अगर खतरे में हैं।
      • ZSI की वर्तमान सूची में भारत की 432 उभयचर प्रजातियों के नाम, खोज का वर्ष और IUCN की रेड लिस्ट में उनके संरक्षण को दर्ज किया गया है।
      • सूचीबद्ध उभयचरों में 19 प्रजातियों को गंभीर रूप से लुप्तप्राय माना गया, जबकि 33 प्रजातियों को संकटग्रस्त माना गया है।
      • सूची में 19% उभयचरों को ऐसी प्रजातियों के रूप में वर्गीकृत किया गया है जिनके बारे में डेटा अपर्याप्त है और 39% प्रजातियाँ ऐसी हैं जिनका मूल्यांकन IUCN द्वारा नहीं किया गया है।

IUCN की स्थिति

      • IUCN रेड लिस्ट विश्व की जैव विविधता के स्वास्थ्य का एक संकेतक है।
      • IUCN के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 40 प्रतिशत उभयचरों के विलुप्त होने का खतरा है।
      • IUCN के अनुसार, गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियाँ वे हैं जो जंगलों से विलुप्त होने के उच्च जोखिम का सामना कर रही हैं।

भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण (Zoological Survey of India-ZSI)

      • समृद्ध जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने हेतु अग्रणी सर्वेक्षण, अन्वेषण और अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण (ZSI) की स्थापना तत्कालीन 'ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य' में 1 जुलाई, 1916 को की गई थी।
      • इसका उद्भव 1875 में कलकत्ता के भारतीय संग्रहालय में स्थित प्राणी विज्ञान अनुभाग की स्थापना के साथ ही हुआ था।

स्वाइन फ्लू (Swine Flu)

      • एक बार फिर देश भर से स्वाइन फ्लू के संक्रमण की खबरें सामने आ रही हैं और यह संक्रमण तेज़ी से फ़ैल रहा है।
      • यह H1N1 नामक फ्लू वायरस के कारण होता है। H1N1 एक प्रकार का संक्रामक वायरस है, यह सूअर, पक्षी और मानव जीन का एक संयोजन है, जो सूअरों में एक साथ मिश्रित होते हैं और मनुष्यों तक फैल जाते हैं।
      • H1N1 एक प्रकार से श्वसन संबंधी बीमारी का कारण बनता है जो कि बहुत संक्रामक होता है।
      • H1N1 संक्रमण को स्वाइन फ्लू के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि अतीत में यह उन्हीं लोगों को होता था जो सूअरों के सीधे संपर्क में आते थे।
      • H1N1 की तीन श्रेणियाँ हैं - A, B और C
      • A और B श्रेणियों को घरेलू देखभाल की आवश्यकता होती है, जबकि श्रेणी C में तत्काल अस्पताल में भर्ती कराने और चिकित्सा की आवश्यकता होती है क्योंकि इसके लक्षण और परिणाम बेहद गंभीर होते हैं और इससे मृत्यु भी हो सकती है।

fever

      • स्वाइन फ्लू इन्फ्लूएंजा टाइप ए वायरस का ही दूसरा नाम है जो सूअरों (स्वाइन) को प्रभावित करता है। हालाँकि स्वाइन फ्लू आमतौर पर मनुष्यों को प्रभावित नहीं करता है, लेकिन 2009-2010 में इसने एक वैश्विक प्रकोप (महामारी) का रूप धारण कर लिया था, तब 40 वर्षों से अधिक समय के बाद फ्लू के रूप में कोई महामारी पूरी दुनिया में फैली थी।

भारत सबसे भरोसेमंद देशों में से एक (India Among The Most Trusted Nations)


सरकार, व्यापार, गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) और मीडिया की बात करें तो भारत विश्व स्तर पर सबसे भरोसेमंद देशों में से एक है।

      • एडेलमैन ट्रस्ट बैरोमीटर (Edelman Trust Barometer) रिपोर्ट 2019, जो दावोस में आयोजित हो रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum) की बैठक से ठीक पहले जारी की गई है, के अनुसार वैश्विक विश्वसनीयता सूचकांक (Global Trust Index) तीन अंकों की मामूली वृद्धि के साथ 52 अंकों तक पहुँच गया है।
      • जागरूक जनता सूचकांक में 79 और सामान्य आबादी के भरोसा सूचकांक में 88 अंकों के साथ चीन इस सूचकांक में सबसे ऊपर है।
      • भारत जागरूक जनता की श्रेणी में दूसरे स्थान पर और सामान्य आबादी श्रेणी में तीसरे स्थान पर है।
      • ये निष्कर्ष 16 अक्तूबर से 16 नवंबर, 2018 तक 27 बाज़ारों में कराए गए ऑनलाइन सर्वेक्षण पर आधारित हैं। इसमें 33,000 से अधिक लोगों के जवाब को शामिल किया गया है।
      • ब्रांड संबंधी विश्वसनीयता के मामले में उन कंपनियों का नाम आता है जिनके मुख्यालय स्विटज़रलैंड, जर्मनी और कनाडा में हैं। इसके बाद जापान का स्थान आता है। वहीं भारत, मेक्सिको और ब्राज़ील में स्थित कंपनियाँ भरोसे के मामले में निचले स्थानों पर हैं। इसके बाद चीन और दक्षिण कोरिया का स्थान आता है।
      • एडेलमैन (Edelman) एक वैश्विक संचार विपणन फर्म है जो दुनिया के प्रमुख व्यवसायों और संगठनों के ब्रांड और उनकी प्रतिष्ठा में वृद्धि करने, उन्हें बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने के लिये उनके साथ भागीदार के रूप में कार्य करती है।
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