प्रारंभिक परीक्षा
प्रिलिम्स फैक्ट्स: 21 जुलाई, 2021
- 21 Jul 2021
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‘स्टैंड अप इंडिया’ योजना
Stand Up India Scheme
वित्त मंत्रालय ने स्टैंडअप इंडिया योजना को वर्ष 2025 तक बढ़ा दिया है।
प्रमुख बिंदु
योजना की शुरुआत:
- इस योजना को अप्रैल 2016 में आर्थिक सशक्तिकरण और रोज़गार सृजन पर ध्यान केंद्रित करते हुए ज़मीनी स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिये लॉन्च किया गया था।
उद्देश्य:
- महिलाओं तथा अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय के लोगों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देना, ताकि व्यापार, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में ग्रीनफील्ड उद्यम शुरू करने में तैयार एवं प्रशिक्षु दोनों प्रकार के उधार लेने वालों की मदद की जा सके।
बैंक ऋण को सुविधा प्रदान करना:
- इस योजना का उद्देश्य ग्रीनफील्ड उद्यम स्थापित करने के लिये अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की प्रति बैंक शाखा में कम-से-कम एक अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति उधारकर्त्ता और कम-से-कम एक महिला उधारकर्त्ता को 10 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए के बीच बैंक ऋण की सुविधा प्रदान करना है।
- यह उद्यम विनिर्माण, सेवा या व्यापारिक क्षेत्र से संबंधित हो सकता है।
योग्यता:
- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और/या महिला उद्यमी; 18 वर्ष से अधिक आयु।
- योजना के तहत ऋण केवल ग्रीनफील्ड परियोजनाओं के लिये उपलब्ध हैं।
- 'ग्रीनफील्ड परियोजना' का तात्पर्य ऐसी परियोजना से है, जिसमें किसी पूर्व कार्य/परियोजना का अनुसरण नहीं किया जाता है। अवसंरचना में अप्रयुक्त भूमि पर तैयार की जाने वाली परियोजनाएँ जिनमें मौजूदा संरचना को फिर से तैयार करने या ध्वस्त करने की आवश्यकता नहीं होती है, उन्हें 'ग्रीन फील्ड परियोजना' कहा जाता है।
- उधारकर्त्ता को किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान में चूककर्त्ता नहीं होना चाहिये।
- गैर-व्यक्तिगत उद्यमों के मामले में, कम-से-कम 51% शेयरधारिता और नियंत्रण हिस्सेदारी किसी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति या महिला उद्यमी के पास होनी चाहिये।
नए परिवर्तन:
- योजना के तहत ऋण के लिये मार्जिन मनी की आवश्यकता को '25 प्रतिशत तक' से घटाकर '15 प्रतिशत तक' कर दिया गया है और कृषि से संबंधित गतिविधियों को योजना में शामिल किया गया है।
कनेक्ट सेंटर:
- सिडबी (भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक) और नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) के कार्यालय को स्टैंड-अप कनेक्ट सेंटर (SUCC) के रूप नामित किया गया है।
अभी तक का प्रदर्शन:
- बैंकों ने पिछले पाँच वर्षों में योजना के तहत लगभग 1,16,266 लाभार्थियों के लिये 26,204 करोड़ रुपए के ऋण मंज़ूर किये हैं।
- इस योजना से 93,094 से अधिक महिला उद्यमियों को लाभ हुआ है।