इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 20 नवंबर, 2019

  • 20 Nov 2019
  • 6 min read

सूर्य ग्रहण

Solar Eclipse

26 दिसंबर, 2019 को होने वाला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) केरल के चेरुवथुर (Cheruvathur) में दिखाई देगा।

Solar Eclipse

  • चेरुवथुर विश्व के उन तीन स्थानों में से एक है, जहाँ सूर्य ग्रहण सबसे स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
  • यह सूर्य ग्रहण कतर, संयुक्त अरब अमीरात तथा ओमान में शुरू होगा परंतु चेरुवथुर की विशेष भू-वैज्ञानिक स्थिति होने के कारण यह भारत में सर्वप्रथम दिखाई देगा।

सूर्य ग्रहण के बारे में

  • जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आता है, तो पृथ्वी पर सूर्य के प्रकाश के बजाय चंद्रमा की परछाई दिखती है, इस स्थिति को सूर्यग्रहण कहते हैं।
  • सामान्यतः सूर्यग्रहण अमावस्या से संबंधित माना जाता है परंतु चन्द्रमा के कक्ष तल में 5 डिग्री झुकाव होने के कारण यह अमावस्या से आगे-पीछे हो जाता है।
  • जब सूर्य का आंशिक भाग छिपता है तो उसे आंशिक सूर्यग्रहण तथा जब पूर्णतः सूर्य छिप जाता है तो उसे पूर्ण सूर्यग्रहण कहा जाता है।
    • पूर्ण सूर्य ग्रहण के समय सूर्य की परिधि पर डायमंड रिंग (Dimond Ring) या हीरक वलय की संरचना निर्मित होती है।

महाबोधि मंदिर

Mahabodhi Temple

हाल ही में दक्षिण कोरिया के बौद्ध भिक्षुओं ने बिहार के बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Temple) में प्रार्थना की।

Mahabodhi Temple

मंदिर के बारे में

  • महाबोधि मंदिर परिसर भगवान बुद्ध के जीवन से संबंधित चार पवित्र स्थलों में से एक है।
    • गौतम बुद्ध को यहाँ एक पीपल के वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
  • इस परिसर के पहले मंदिर का निर्माण सम्राट अशोक द्वारा तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में कराया गया था तथा वर्तमान मंदिर अनुमानतः 5 वीं या 6 वीं शताब्दी में निर्मित माना जाता है।
  • यह सबसे प्राचीन बौद्ध मंदिरों में से एक है जो पूरी तरह से ईंटों से बना हुआ है।
  • महाबोधि मंदिर को वर्ष 2002 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।

बौद्ध भिक्षु कौन होते हैं?

  • बुद्ध के अनुयायियों के दो वर्ग थे- उपासक (जो परिवार के साथ रहते थे) और भिक्षु (जिन्होंने गृहस्थ जीवन त्यागकर संयासी जीवन अपना लिया)।
  • बौद्ध भिक्षु एक संगठन के रूप में रहते थे जिन्हें बुद्ध ने संघ का नाम दिया।
  • स्त्रियों को भी संघ में प्रवेश की अनुमति दी गई। संघ के सभी सदस्यों को समान अधिकार प्राप्त थे।

रानी लक्ष्मीबाई

Rani Laxmibai

19 नवंबर, 2019 को रानी लक्ष्मीबाई की 191वीं जयंती मनाई गई।

Rani Laxmibai

लक्ष्मीबाई के बारे में:

  • इनका जन्म 19 नवंबर, 1828 को वाराणसी के एक मराठी परिवार में हुआ था तथा इनके बचपन का नाम मणिकर्णिका था।
  • वर्ष 1842 में 14 वर्ष की उम्र में इनका विवाह झाँसी के महाराजा गंगाधर राव के साथ कर दिया गया उसके बाद से इन्हें लक्ष्मीबाई के नाम से जाना गया।

1857 के विद्रोह में इनकी भूमिका:

  • इस विद्रोह का आरंभ 10 मई, 1857 को मेरठ में कंपनी के भारतीय सिपाहियों द्वारा किया गया, तत्पश्चात यह कानपुर, बरेली, झाँसी, दिल्ली, अवध आदि स्थानों तक फैल गया।
  • झाँसी में जून 1857 में रानी लक्ष्मीबाई के नेतृत्व में विद्रोह प्रारंभ हुआ।
    • लार्ड डलहौजी की राज्य हड़प नीति या व्यपगत के सिद्धांत द्वारा अंग्रेज़ों ने राजाओं के दत्तक पुत्र लेने ले अधिकार को समाप्त कर दिया तथा वैध उत्तराधिकारी नहीं होने की स्थिति में राज्यों का विलय अंग्रेज़ी राज्यों में कर दिया गया।
    • रानी लक्ष्मीबाई द्वारा इस व्यवस्था का विरोध किया गया।

श्रीशैलम बांध

Srisailam Dam

एक रिपोर्ट के अनुसार, आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम बांध (Srisailam Dam) की स्थिति खराब होने के कारण इसके मरम्मत, संरक्षण और रख-रखाव कार्यों की तत्काल आवश्यकता है।

Srisailam Dam

श्रीशैलम बांध की अवस्थिति:

  • यह बाँध आंध्र प्रदेश के कुन्नूर ज़िले में कृष्णा नदी पर अवस्थित है।
  • वर्ष 1960 में शुरू की गई यह परियोजना देश में दूसरी, सबसे अधिक क्षमता वाली पनबिजली परियोजना है।
  • इस बाँध का निर्माण समुद्र तल से लगभग 300 मीटर की ऊँचाई पर नल्लामलाई पहाड़ियों की एक गहरी खाई में किया गया है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2