प्रीलिम्स फैक्ट्स: 20 सितंबर, 2019 | 20 Sep 2019
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana (PMMVY)
‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’ के लाभार्थियों की संख्या 1 करोड़ के पार पहुँच गई है, जो इस योजना के लिये एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।
- आँकड़ों के अनुसार, योजना के तहत लाभार्थियों को वितरित की गई कुल राशि 4,000 करोड़ रुपए के पार पहुँच गई है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
(Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana-PMMVY)
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत 1 जनवरी, 2017 को देश भर में गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं के कल्याण हेतु शुरू की गई थी।
- यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसे महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित किया जा रहा है।
- इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को सीधे उनके बैंक खाते में नकद लाभ प्रदान किया जाता है ताकि बढ़ी हुई पोषण संबंधी ज़रूरतों को पूरा किया जा सके और वेतन हानि की आंशिक क्षतिपूर्ति की जा सके।
- लक्षित लाभार्थी:
- सभी गर्भवती महिलाएँ और स्तनपान कराने वाली माताएँ, जिन्हें केंद्र सरकार या राज्य सरकारों या सार्वजनिक उपक्रमों के साथ नियमित रूप से रोज़गार पर रखा गया है या जो किसी भी कानून के तहत समान लाभ प्राप्त कर रही हैं।
- PMMVY के तहत सभी पात्र लाभार्थियों को तीन किश्तों में 5,000 रुपए दिये जाते हैं और शेष राशि जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत मातृत्व लाभ की शर्तों के अनुरूप संस्थागत प्रसूति करवाने के बाद दी जाती है। इस प्रकार औसतन एक महिला को 6,000 रुपए प्राप्त होते हैं।
विश्व का दूसरा सबसे बड़ा कोयला ब्लॉक
बीरभूम कोयला क्षेत्र का देउचा पंचमी कोयला ब्लॉक (Deaucha Panchami Coal Block) पर्यावरणीय चिंताओं के मद्देनज़र अपने उद्घाटन के समय से ही चर्चा में रहा।
- बीरभूम कोयला क्षेत्र का देउचा पंचमी कोयला ब्लॉक विश्व का दूसरा सबसे बड़ा कोयला ब्लॉक है जो पश्चिम बंगाल में स्थित है।
- कोयला भंडारण की क्षमता के कारण यह कोयला खदान एशिया का सबसे बड़ा कोयला खदान या कोयला ब्लॉक है।
- यह पश्चिम बंगाल की सबसे नई कोयला खदान है।
- बीरभूम कोयला क्षेत्र में प्रस्तावित खनन परियोजना हाल ही में इस क्षेत्र के लोगों की अपेक्षित पर्यावरणीय चिंताओं और विस्थापन के कारण चर्चा में रही है।
ऋण मेला
Loan Mela
वित्त मंत्रालय ने धीमी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये देश के 400 जिलों में ऋण मेलों (Loan Mela) के आयोजन की घोषणा की है।
- ऋण मेलों के आयोजन का मुख्य उद्देश्य बाज़ार में तरलता को बढ़ाना है।
- उल्लेखनीय है कि तरलता के बावजूद बैंक मानक मौद्रिक नीति के उपायों का सख्ती से पालन नहीं कर रहे थे।
- वित्त मंत्रालय का यह कदम बैंकों को मजबूर करेगा की वे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (Non-Banking Financial Company), जो कि देश में छोटे व्यवसायों को ऋण प्रदान करने के लिये प्रमुख स्रोत हैं, को आवश्यक धन की पूर्ति करें ताकि वह धन अंतिम ग्राहकों तक पहुँच सके।
- ग्राहकों को ऋण वितरण हेतु बैंक तथा NBFC एक-दूसरे के साथ भागीदारी करेंगे।
- ऋण मेले के तहत मुख्यतः (1) घर खरीदारों सहित खुदरा ग्राहकों (2) कृषि तथा किसानों और (3) सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यमों को ऋण प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है कि MSME के तनाव को कम करने तथा अपने कर्ज़ को डूबने से बचाने के लिये सभी सार्वजनिक बैंक अब 31 मार्च, 2020 तक MSME संबंधी तनावग्रस्त ऋणों को NPA या नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (Non-Performing Assets) के रूप में वर्गीकृत नहीं करेंगे।
भारत की तत्काल भुगतान सेवा
(India’s Immediate Payment Service-IMPS)
भारत की तत्काल भुगतान सेवा (India’s Immediate Payment Service-IMPS) को उन 54 देशों के विश्लेषण में दुनिया की सबसे अच्छी वास्तविक समय भुगतान सेवा का दर्जा दिया गया है, जहाँ इस प्रकार की सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
- IMPS पूरे भारत में प्रयोग होने वाली वास्तविक समय में धन हस्तांतरण सेवा है जिसके अंतर्गत इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा से धन का किसी अन्य खाते में हस्तांतरण किया जा सकता है।
- इसका प्रयोग निजी या वाणिज्यिक दोनों प्रकार से किया जा सकता है।
- IMPS का इस्तेमाल 24*7 तथा बैंक अवकाश के दौरान भी किया जा सकता है।
- इसके प्रयोग से जुड़ी सबसे मुख्य बात यह है कि इसे भारत के किसी भी बैंक तथा किसी भी प्लेटफॉर्म - मोबाइल, इंटरनेट और एटीएम (ATM) से किया जा सकता है।
- IMPS के लाभ:
- तत्काल फंड हस्तांतरण
- कभी भी प्रयोग किया जा सकता है
- सुरक्षित हस्तांतरण
- आसानी से उपलब्ध
- लागत
- लागत प्रभावी