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प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 19-07-2019

  • 19 Jul 2019
  • 10 min read

दो सिर वाला कछुआ

हाल ही में मलेशिया में एक आकर्षक दो सिर वाला कछुए का बच्चा पाया गया था लेकिन कुछ दिनों बाद ही इसकी मृत्यु हो गई।

Turtles

  • यह कछुआ मबूल द्वीप (Mabul Island) पर, ग्रीन टर्टल्स (Green Turtles) के एक घोंसले में पाया गया था।
  • कुछ विसंगतियों के साथ भी यह चलने-फिरने और तैरने के क्रम में अपनी गतिविधियों को समन्वित करने में सक्षम था लेकिन लंबे समय तक इसके जीवन के आसार कम थे।
  • पर्यावरणविदों/अध्ययनकर्त्ताओं ने इसे एक दुर्लभ घटना बताया है।
  • हालाँकि इस तरह के दुर्लभ कछुए के जन्म की यह घटना पहली बार नहीं थी इससे पहले वर्ष 2014 में मलेशिया के पूर्वी तट के एक द्वीप पर ऐसा ही एक कछुआ पाया गया था जो तीन महीने तक जीवित रहा।

ग्रीन सी टर्टल (चेलोनिया मायदस)

Green Sea Turtle (Chelonia mydas)

  • हरे रंग के इस समुद्री कछुए को ग्रीन सी टर्टल/ब्लैक सी टर्टल (Black Sea Turtle) या पैसिफिक ग्रीन टर्टल (Pacific Green Turtle) भी कहते हैं
  • यह चेलोनीडी (Cheloniidae) कुल की बड़े समुद्री कछुए की एक प्रजाति है।
  • यह वंश चेलोनिया (Chelonia) की एकमात्र प्रजाति है

सागर मैत्री 2

(SAGAR MAITRI 2)

हाल ही में ‘सागर मैत्री 2’ (SAGAR MAITRI 2) मिशन के लिये वैज्ञानिक अनुसंधान से जुड़े भारतीय नौसेना के पोत ‘INS सागरध्‍वनि (INS Sagardhwani) को कोच्चि से रवाना किया गया।

sagar Maitri

  • INS सागरध्‍वनि को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation- DRDO) की एक प्रमुख प्रयोगशाला, नौसेना भौतिक एवं समुद्र विज्ञान प्रयोगशाला (Naval Physical and Oceanographic Laboratory- NPOL), कोच्चि द्वारा डिजाइन एवं विकसित किया गया है।
  • यह भारतीय जल में महासागर अनुसंधान प्रयोगों का संचालन करता है और NOPL की समुद्र-संबंधी आँकड़े एकत्रित करके देता है। इसका संचालन भारतीय नौसेना करती है।
  • सागर मैत्री (SAGAR MAITRI) भारतीय अनुसंधान एवं विकास संगठन की एक अनूठी पहल है।
  • इसका उद्देश्य ‘समुद्री एवं संबंधित अंतरविषयी प्रशिक्षण व अनुसंधान पहल (Marine And Related Intervention Training and Research Initiatives) के तहत अंडमान सागर में एक फोकस के साथ संपूर्ण उत्‍तरी हिंद महासागर में आँकड़ों का संग्रह करना तथा समुद्र अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में हिंद महासागर क्षेत्र के सभी देशों के साथ दीर्घावधि सहयोग स्‍थापित करना है। इसीलिये इस मिशन का नाम सागर मैत्री रखा गया है।
  • भारतीय नौसेना तथा भौतिक एवं समुद्री प्रयोगशाला (NPOL) का यह मिशन दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के साथ संबंधों को मज़बूत करेगा और अनुसंधान को बेहतर बनाएगा।
  • भारतीय नौसना और NPOL की सोनार (SONAR) प्रणाली, पानी के अंदर निगरानी प्रौद्योगिकी तथा समुद्री पर्यावरण व समुद्री सामग्री पर संयुक्‍त रूप से अनुसंधान एवं विकास का कार्य कर रहे हैं।

इंटरनेट साथी

(Internet Saathi)

गूगल इंडिया (Google India) और टाटा ट्रस्ट (Tata Trusts) ने पंजाब और ओडिशा के गाँवों में इंटरनेट साथी (Internet Saathi) पहल का विस्तार किया है।

Internet Sathi

  • इंटरनेट साथी कार्यक्रम वर्ष 2015 में शुरू किया गया था।
  • इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में महिलाओं के बीच डिज़िटल साक्षरता की सुविधा प्रदान करना है।
  • कार्यान्वयन: गाँवों की महिलाओं को इंटरनेट का उपयोग करने के लिये प्रशिक्षित किया जाता है और उन्हें डेटा-सक्षम उपकरणों से सुसज्जित किया जाता है।
  • इन महिलाओं को इंटरनेट साथीज़ के रूप में जाना जाता है ये ट्रेनर के रूप में काम करती हैं, ताकि उनके गाँव की अन्य महिलाओं को इंटरनेट इस्तेमाल करने में मदद मिल सके और वे इससे लाभान्वित हो सकें।
  • कवरेज क्षेत्र: राजस्थान में पायलट के रूप में शुरू किये गए कार्यक्रम का विस्तार गुजरात, झारखंड, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार, हरियाणा, तमिलनाडु, गोवा, कर्नाटक उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना राज्यों तक किया गया है।
    • पंजाब और ओडिशा जल्द ही इस सूची में जुड़ जाएंगे।
  • कार्यक्रम की प्रगति: इसने अब तक लगभग 70,000 इंटरनेट साथियों को प्रशिक्षित किया है, जिससे देश की लगभग 2.6 करोड़ महिलाएँ प्रभावित हुई हैं।
  • प्रभाव: इस कार्यक्रम ने ग्रामीण भारत में लैंगिक आधार पर डिज़िटल साक्षरता के
  • अंतराल को कम करने में योगदान दिया है।
    • उल्लेखनीय है कि डिजिटल साक्षरता के मामले में महिला-पुरुष अनुपात वर्ष 2015 में 1:10 था जो वर्ष 2018 में बढ़कर 4:10 हो गया।
  • इस कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित महिलाओं में से कुछ ने अपना स्वयं का सूक्ष्म व्यवसाय भी शुरू किया है जैसे कि सिलाई, मधुमक्खी पालन/शहद उत्पादन और ब्यूटी पार्लर आदि।

वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर

(One Stop Crisis Centre)

केंद्र सरकार की योजना के तहत वन स्टॉप क्राइसेस सेंटर तैयार की गई है। इसके अंतर्गत ज़िला स्तर पर वन स्टॉप सेंटर (One Stop Centre- OSC) खोले गए हैं।

One Stop Centre

  • वन स्टॉप सेंटर में एक ही छत के नीचे पीडि़त महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक वैधानिक एवं विभिन्न प्रकार की सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।
  • वन स्टॉप सेंटर में हिंसा से प्रभावित महिलाओं से प्राप्त शिकायतों का रिकॉर्ड रहता है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय समय-समय पर इसके कामकाज की समीक्षा करता है।
  • इसमें दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक वन स्टॉप सेंटर में 5 बेड होने चाहिये साथ ही पीड़ितों के 5 दिनों तक अस्थायी रूप से रहने की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिये।
  • योजना के तहत, OSC के लिये एक केंद्र व्यवस्थापक, केस वर्कर, मेडिकल कर्मियों, पुलिस सुविधा अधिकारी, साइको-सोशल काउंसलर, कानूनी परामर्शदाता, सुरक्षा गार्ड, IT स्टाफ और बहुउद्देश्यीय कर्मचारियों की आवश्यकता होती है।
  • OSC कार्यकारियों का क्षमता निर्माण राष्ट्रीय, क्षेत्रीय एवं राज्य प्रशिक्षण तथा कार्यशालाओं के माध्यम से किया जाता है ताकि OSC कर्मचारियों की ज़वाबदेही में सुधार हो सके।
  • ज़िला स्तर पर OSC के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये मीडिया द्वारा प्रचार अभियान भी चलाए जाते हैं।

हैंड मेड इन इंडिया

(Hand Made in India)

भारत के उद्यमिता विकास संस्थान (Entrepreneurship Development Institute of India- EDII) ने हाथ से बनाई गई कला को बढ़ावा देने के लिये ‘हैंड मेड इन इंडिया’ (Hand Made in India- HMI) परियोजना प्रस्तुत की है।

Handmade in India

  • इस परियोजना का उद्देश्य बुनकरों में उद्यमशीलता की क्षमता विकसित करना है।
  • इस योजना के अंतर्गत उद्यमशीलता की क्षमता विकसित करने के लिये लगभग 5,000 बुनकरों, कारीगरों और व्यापारियों को शामिल किया गया है।
  • यह परियोजना तीन वर्षों में कार्यान्वित की जाएगी। पहले चरण में इसे 6 केंद्रों तक विस्तारित किया गया है।
  • इन हथकरघा समूहों में गुजरात में भुज एवं सुरेंद्रनगर, ओडिशा में बरगढ़, असम में कामरूप, मध्य प्रदेश में महेश्वर और तमिलनाडु में सलेम शामिल हैं।
  • इस योजना का उद्देश्य बुनकरों के कौशल को उन्नत बनाना, नए युग की विपणन रणनीतियाँ प्रस्तुत करना, ऋण उपलब्धता में वृद्धि सुनिश्चित करना, बुनाई की परंपरा में युवा पीढ़ी को शामिल करना है।
  • बुनाई एवं संबद्ध गतिविधियों में महिला सशक्तीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
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