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प्रीलिम्स फैक्ट्स : 18 जनवरी, 2019

  • 18 Jan 2019
  • 8 min read

जल्लीकट्टू (Jallikattu)


सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जल्लीकट्टू पर कानूनी तौर पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद हर साल जनवरी में पोंगल के समय इस प्रतियोगिता का आयोजन होता रहा है। इस पारंपरिक आयोजन में हर साल लोगों के गंभीर रूप से घायल होने, यहाँ तक कि मरने की खबरें भी आती रही हैं।

  • जल्लीकट्टू, तमिलनाडु का एक प्राचीन पारंपरिक खेल है, जो फसलों की कटाई के अवसर पर पोंगल के समय आयोजित किया जाता है।
  • जल्लीकट्टू तमिल के दो शब्दों ‘जल्ली’ और ‘कट्टू’ से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है सांड़ के सींग पर सोने या चांदी के बांधे गए सिक्के।
  • इस खेल में बैलों के सींगों में सिक्के या नोट फँसाकर रखे जाते हैं और फिर उन्हें भड़काकर भीड़ में छोड़ दिया जाता है, ताकि लोग बैलों के सींगों को पकड़कर उन्हें काबू में करें।​
  • कथित तौर पर पराक्रम से जुड़े इस खेल में विजेताओं को नकद इनाम वगैरह भी देने की परंपरा है।
  • उल्लेखनीय है कि इस खेल के आरंभिक दिनों में एक बैल को नियंत्रण में लेने का प्रयास एक ही व्यक्ति द्वारा किया जाता था, लेकिन आधुनिक जल्लीकट्टू खेल के दौरान बैलों को भड़काने के लिये उन्हें शराब पिलाने से लेकर उनकी आँखों में मिर्च तक डाली जाती है और उनकी पूंछों को मरोड़ा भी जाता है, ताकि वे तेज़ दौड़ें।
  • पिछले कुछ सालों को छोड़ दें तो तमिलनाडु में यह खेल बिना किसी विरोध के आयोजित होता रहा है।

उन्नति (UNNATI) कार्यक्रम


17 जनवरी, 2019 को बंगलूरु में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation-ISRO) के ‘उन्नति’ (UNNATI) कार्यक्रम की शुरुआत की गई।

  • उन्नति (UNNATI) का पूरा नाम UNispace Nanosatellite Assembly & Training by ISRO है।
  • यह नैनोसैटेलाइट (nanosatellites) विकास पर एक क्षमता निर्माण कार्यक्रम (capacity building programme) है, जो अन्वेषण और बाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग पर पहले संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (United Nations Conference on the Exploration and Peaceful Uses of Outer Space) की 50वीं वर्षगांठ (UNISPACE 50) मनाने के लिये ISRO की एक पहल है जिसकी घोषणा 18 जून, 2018 को वियना में आयोजित संगोष्ठी के दौरान की गई थी।
  • उल्लेखनीय है कि अन्वेषण और बाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग पर पहले संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन का आयोजन वर्ष 1968 में वियना (ऑस्ट्रिया) में किया गया था।
  • यह कार्यक्रम विकासशील देशों के प्रतिभागियों को नैनोसैटेलाइट्स के संयोजन, एकीकरण और परीक्षण में उनकी क्षमताओं को मजबूत करने के अवसर प्रदान करता है।
  • UNNATI कार्यक्रम को इसरो के यू.आर.राव सैटेलाइट सेंटर (U.R. Rao Satellite Centre-URSC) द्वारा 3 सालों तक 3 बैचों में संचालित करने की योजना है और इसका लक्ष्य 45 देशों के 90 अधिकारियों को लाभ पहुँचाना है।
  • प्रत्येक बैच की अवधि 8-सप्ताह की होगी और इसमें नैनोसैटेलाइट की परिभाषा, उपयोगिता, अंतरिक्ष मलबे पर उनके प्रभाव को नियंत्रित करने वाले कानून, डिजाइन ड्राइवर्स, विश्वसनीयता और गुणवत्ता आश्वासन तथा नैनोसैटेलाइट्स के संयोजन, एकीकरण और परीक्षण संबंधी सैद्धांतिक पाठ्यक्रम शामिल होंगे।
  • इस कार्यक्रम के प्रथम बैच की शुरुआत 17 देशों (अल्ज़ीरिया, अर्जेंटीना, अजरबैजान, भूटान, ब्राज़ील, चिली, मिस्र, इंडोनेशिया, कज़ाकिस्तान, मलेशिया, मैक्सिको, मंगोलिया, मोरक्को, म्याँमार, ओमान, पनामा और पुर्तगाल) के 30 प्रतिभागियों के साथ की गई है।

प्रधानमंत्री रोज़गार प्रोत्साहन योजना (Pradhan Mantri Rozgar Protsahan Yojana)


रोज़गार सृजन के लिये सरकार की महत्त्वपूर्ण योजना ‘प्रधानमंत्री रोज़गार प्रोत्साहन योजना’ (PMRPY) ने 14 जनवरी, 2019 तक एक करोड़ से अधिक लोगों को लाभान्वित कर कीर्तिमान स्थापित किया है।

  • PMRPY की घोषणा 07 अगस्त, 2016 को की गई थी और उसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organization-EPFO) के ज़रिये श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) लागू कर रहा है।
  • योजना के तहत सरकार नियोक्ता (employer) के योगदान का पूरा 12 प्रतिशत का भुगतान कर रही है।
  • इसमें कर्मचारी भविष्य निधि (Employees’ Provident Fund) और कर्मचारी पेंशन योजना (Employees’ Pension Scheme) दोनों शामिल हैं।
  • सरकार का यह योगदान उन नए कर्मचारियों के संबंध में तीन वर्षों के लिये है, जिन्हें EPFO में 01 अप्रैल, 2016 को या उसके बाद पंजीकृत किया गया हो तथा जिनका मासिक वेतन 15 हजार रुपये तक है।

दीनदयाल विकलांग पुनर्वास योजना  Deendayal Disabled Rehabilitation Scheme (DDRS)


17 जनवरी, 2019 को मुंबई में दीनदयाल विकलांग पुनर्वास योजना (DDRS) पर एक क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।

  • इस क्षेत्रीय सम्मलेन में देश के पश्चिमी क्षेत्र की कार्यक्रम कार्यान्वयन एजेंसियों (Programme Implementing Agencies-PIAs) ने भाग लिया।
  • इस क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन संशोधित योजना के प्रावधानों का प्रसार करने और कार्यान्वयन एजेंसियों को विभाग के संपर्क में लाने के लिये किया गया था।
  • इस सम्मेलन ने केंद्र सरकार से लेकर कार्यान्वयन एजेंसियों तक सभी हितधारकों के साथ बातचीत करने का एक शानदार अवसर प्रदान किया।
  • DDRS भारत सरकार की एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना (Central Sector Scheme) है जो वर्ष 1999 से विकलांग व्यक्तियों के शिक्षा और पुनर्वास के लिये काम करने वाले गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिये लागू की गई है।
  • इस योजना को वर्ष 2018 में संशोधित किया गया था। संशोधित योजना 1 अप्रैल, 2018 से लागू है।
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