प्रीलिम्स फैक्ट्स: 17 सितंबर, 2019 | 17 Sep 2019
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भारतीय नौसेना (IN), सिंगापुर गणराज्य नौसेना (RSN) और रॉयल थाईलैंड नौसेना (RTN) के बीच पहला त्रिपक्षीय अभ्यास 16 सितंबर, 2019 से पोर्टब्लेयर में शुरु हो गया है।
- पाँच दिवसीय इस अभ्यास का लक्ष्य सिंगापुर, थाईलैंड और भारत के बीच समुद्री अंतर-संबंध को मज़बूती प्रदान करना तथा क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को बेहतर बनाना है।
- इस अभ्यास से तीनों देशों की नौसेनाओं के बीच आपसी विश्वास मज़बूत होगा।
- इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं:
- RSN टिनेसिएस (RSN Tenaciou), एक दुर्जेय श्रेणी का मिसाइल गाइडेड स्टील्थ युद्धपोत;
- थाईलैंड का शाही नौसैनिक पोत (His Majesty's Thailand Ship) क्राबुरी (Kraburi)
- भारतीय नौसेना का जहाज़ रणवीर-एक निर्देशित मिसाइल विध्वंसक (a guided-missile destroyer),
- कोरा, एक मिसाइल युद्धपोत (missile corvette),
- सुकन्या, एक अपतटीय गश्ती पोत (offshore patrol vessel)
- लंबी दूरी का समुद्री टोही एयरक्राफ्ट P8I
- इस अभ्यास का आयोजन दो चरणों- बंदरगाह चरण और समुद्री चरण में किया जाएगा।
- बंदरगाह चरण में पेशेवर बातचीत, आधिकारिक वार्ता, सामाजिक कार्यक्रम और विभिन्न खेल गतिविधियाँ आयोजित करने जैसे कार्यक्रम शामिल होंगे।
- समुद्री चरण में सभी के लिये समुद्रों को शांतिपूर्ण और सुरक्षित बनाने हेतु दोनों नौसेनाओं के बीच अंतर-सक्रियता बढ़ाने और अपने कौशल का विकास करने जैसे कार्यक्रम शामिल होंगे।
- इस अभ्यास का उद्देश्य सिंगापुर, थाईलैंड और भारत के बीच समुद्री अंतर-संबंध (अंतर-संचालन के मामले में) को मज़बूत करना है और इस क्षेत्र में समग्र समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण योगदान देना है।
- तीनों देशों के बीच इस तरह के पहले अभ्यास से सहकारिता को सुदृढ़ करने के अलावा मज़बूत संबंधों के पोषण के लिये नौसेनाओं को एक साथ आने का अवसर मिलेगा।
- इसके अलावा भारत और थाइलैंड के मध्य 16 सिंतबर से 29 सितंबर, 2019 तक मेघालय के उमरोई में मैत्री, 2019 नामक संयुक्त सैन्य अभ्यास का आयोजन भी किया जा रहा है।
- SIMBEX, भारत और सिंगापुर के बीच आयोजित होने वाला द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास है।
अदरक की दो नई प्रजातियाँ
Two new species of ginger
भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (Botanical Survey of India-BSI) के वैज्ञानिकों ने नगालैंड में अदरक (Zingiber athwa Ginger) की दो नई प्रजातियों की खोज की है।
- ज़िंगिबर प्रीनेन्स (Zingiber Perenense) की खोज नगालैंड के पेरेन ज़िले में और ज़िंगिबर डिमापुरेंस (Zingiber Dimapurense) की खोज राज्य के दीमापुर ज़िले में की गई।
- ज़िंगिबर की 141 प्रजातियाँ हैं जो संपूर्ण एशिया, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में पाई जाती हैं। इसकी विविधता का केंद्र दक्षिण-पूर्वी एशिया है। पूर्वोत्तर भारत में इसकी 20 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
ज़िंगिबर प्रीनेन्स
- इसके पत्तेदार शाखाओं (Leafy Shoots) की ऊँचाई 70 सेमी. तक होती है।
- Zingiber Perenense के पुष्प का ओष्ठक (Labellum or Lip) सफेद होता है जिसके चारों ओर बैंगनी-लाल रंग की धारियाँ होती हैं। इसके पराग का आकार दीर्घवृत्ताकार होता है।
ज़िंगिबर डिमापुरेंस
- यह आकार में लंबा होता है तथा इसकी पत्तीनुमा शाखाएँ (Leafy Shoots) 90-120 सेंटीमीटर तक की ऊँचाई वाली होती हैं।
- इसके ओष्ठक का रंग सफ़ेद होता है, साथ ही इस पर गहरे बैंगनी-लाल रंग के धब्बे होते हैं। इसका पराग अंडाकार-दीर्घवृत्ताकार होता है।
क्रायोड्रेकॉन बोरियस
(Cryodrakon boreas)
जर्नल ऑफ वर्टिब्रेट पेलियनटॉलोजी (Journal of Vertebrate Paleontology) में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, क्रायोड्रेकॉन बोरियस उड़ने वाला सबसे बड़ा जीव था।
- इसके पंखों का विस्तार (Wingspan) 10 मीटर तथा वज़न लगभग 250 किग्रा था।
- इसके अवशेष पहली बार तीस साल पहले कनाडा के अलबर्टा में मिले थे, उस समय इसे टेरोसोर प्रजाति के एक डायनासोर के रूप में वर्गीकृत किया गया था। लेकिन अब इसे एक अलग प्रकार के जीव के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- उस समय (लगभग 77 मिलियन वर्ष पूर्व) पाए जाने वाले अन्य स्तनधारियों की तरह क्रायोड्रेकॉन भी मांसाहारी था, संभवतः यह छिपकली, छोटे स्तनधारी जीवों और यहाँ तक कि डायनासोर के बच्चों को भी खा जाता था।
- जल के बड़े निकायों को पार कर सकने की क्षमता के बावजूद, इसके अवशेषों की प्राप्ति का स्थान और अन्य विशेषताएँ इसके अंतर्देशीय निवास (Inland Habitat) का संकेत देती हैं।
टेरोसोर (Pterosaurs)
- ये उड़ने वाले सरीसृप थे जिनका संबंध विलुप्त हो चुके गण (Order) या क्लेड (Clade) टेरोसोररिया (Pterosauria) से था।
- टेरोसोर अधिकांशतः मेसोज़ोइक (Mesozoic) युग- ट्राइऐसिक युग (Triassic) के अंत से लेकर क्रीटेशियस युग (Cretaceous) के अंत तक, जीवित थे। ये पहले कशेरुकी (vertebrates) प्राणी थे जो उड़ने में सक्षम थे।
- टेरोसोरस की 100 से अधिक ज्ञात प्रजातियाँ हैं।
- बड़े आकार और व्यापक स्तर पर वितरण (पूरे उत्तर और दक्षिण अमेरिका, एशिया, अफ्रीका और यूरोप) के बावजूद इनके केवल खंडित अवशेष ही प्राप्त हुए हैं, ऐसे में यह नई खोज विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण है।
जिराफ की आबादी में कमी
अफ्रीका में दुनिया के सबसे ऊँचे स्तनधारियों की आबादी तेज़ी से घटती जा रही है।
जिराफ
(Giraffes)
- जिराफ दुनिया का सबसे ऊँचा स्तनधारी है। जिराफ के पैर की लंबाई लगभग 6 फीट होती है।
- इसका वैज्ञानिक नाम Giraffa camelopardalis है।
- इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (International Union for Conservation of Nature-IUCN) के पास उपलब्ध आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 1985 से 2015 के बीच पूरे महाद्वीप में जिराफों की संख्या में 40% तक की गिरावट दर्ज की गई है।
- IUCN की रेड लिस्ट में जिराफ को सुभेद्य (Vulnerable) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
- इनकी संख्या में गिरावट का कारण पर्यावासों की क्षति तथा निवास स्थानों के विखंडन को माना जा रहा है।
- इनके अवैध शिकार का एक पारंपरिक कारण यह भी है कि इनकी त्वचा और पूँछ के बालों को उपहार के रूप में दिया जाता है।