प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 17 अक्तूबर, 2019
- 17 Oct 2019
- 9 min read
बुकर पुरस्कार: 2019
Booker prize: 2019
कनाडा की मार्गरेट एटवुड (Margaret Atwood) और ब्रिटेन की बर्नाडिन एवरिस्टो (Bernardine Evaristo) को वर्ष 2019 के बुकर पुरस्कार के लिये संयुक्त रूप से चुना गया है।
प्रमुख तथ्य:
- मार्गरेट एटवुड को उपन्यास द टेस्टामेंट (The Testaments) तथा बर्नाडिन एवरिस्टो को गर्ल, वूमैन, अदर (Girl, Woman, Other) नामक उपन्यास के लिये बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- बुकर पुरस्कार सामान्यतः केवल एक ही व्यक्ति को दिया जाता है, परंतु निर्णायक मंडल द्वारा इस बार दो लेखिकाओं को संयुक्त रूप से चुना गया।
- इससे पहले भी वर्ष 1974 तथा वर्ष 1992 में यह पुरस्कार संयुक्त रूप से दिया जा चुका है।
- मार्गरेट एटवुड सर्वाधिक आयु (79वर्ष) की बुकर पुरस्कार विजेता बनी हैं जबकि बर्नाडिन एवारिस्टो बुकर पुरस्कार पाने वाली पहली अश्वेत महिला हैं।
- मार्गरेट एटवुड दूसरी बार बुकर पुरस्कार विजेता बनीं हैं। पहली बार उन्हें यह पुरस्कार वर्ष 2000 में उनकी पुस्तक द ब्लाइंड असेसिन (Blind Assassin) के लिये मिला था।
- मार्गरेट एटवुड से पहले ब्रिटिश लेखिका हिलेरी मेंटल (Hilary Mantel) ने यह पुरस्कार दो बार जीता था।
बुकर पुरस्कार के बारे में:
- बुकर पुरस्कार वर्ष 1969 से प्रदान किया जा रहा है।
- बुकर पुरस्कार वर्ष के सर्वोत्तम अंग्रेज़ी उपन्यास को दिया जाता है, इस उपन्यास का प्रकाशन यूनाइटेड किंगडम या आयरलैंड में होना चाहिये।
भारत और बुकर पुरस्कार:
- भारत के तीन लेखकों; अरविंद अडिगा को वर्ष 2008 में उनके उपन्यास द व्हाइट टाइगर (The White Tiger) के लिये, किरण देसाई को वर्ष 2006 में उपन्यास द इनहेरिटेंस ऑफ लॉस (The Inheritance of Loss) के लिये तथा अरुधंति रॉय को उपन्यास गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स (God of Small Things) के लिये बुकर पुरस्कार मिल चुका है।
- भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी के उपन्यास क्विचोटे (Quichotte) को इस वर्ष के बुकर पुरस्कार के लिये अंतिम छह उपन्यासों में शामिल किया गया था। सलमान रुश्दी को इससे पहले वर्ष 1981 में उनके उपन्यास मिडनाइट्स चिल्ड्रेन के लिये बुकर पुरस्कार मिला।
यूनेस्को एशिया-प्रशांत पुरस्कार
UNESCO Asia-Pacific Awards
सांस्कृतिक विरासत संरक्षण (Cultural Heritage Conservation) के लिये यूनेस्को एशिया-प्रशांत पुरस्कार (UNESCO Asia-Pacific Awards) 2019 की घोषणा की गई।
यूनेस्को एशिया-प्रशांत पुरस्कार के बारे में:
- यह पुरस्कार यूनेस्को के एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा सांस्कृतिक विरासत संरक्षण हेतु दिया जाता है।
- यह पुरस्कार उन व्यक्तियों और संगठनों के निजी प्रयासों को मान्यता देता है जिन्होंने इस क्षेत्र में धरोहरों को संरक्षित किया है।
- यह पुरस्कार वर्ष 2000 से दिया जा रहा है।
- इसके तहत निम्न श्रेणियों में पुरस्कार दिया जाता है-
- उत्कृष्टता का पुरस्कार (Award of Excellence)
- विशिष्टता का पुरस्कार (Award of Distinction)
- योग्यता का पुरस्कार (Award of Merit)
- प्रतिष्ठित मेंशन (Honourable Mention)
- विरासत के संदर्भ में नए डिज़ाइन (New Design in Heritage Contexts)
यूनेस्को एशिया-प्रशांत पुरस्कार 2019:
- वर्ष 2019 में 5 श्रेणियों की 16 उपश्रेणियों में 5 देशों (न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, भारत, भूटान और चीन) को पुरस्कार प्रदान किया गया।
- इस वर्ष उत्कृष्टता का पुरस्कार हेतु चीन के ताई क्वुन (Tai Kwun)- विरासत और कला केंद्र को चुना गया।
- इस वर्ष भारत को तीन श्रेणियों में चार पुरस्कार प्रदान किये गए:
- विशिष्टता का पुरस्कार:
- विक्रम साराभाई पुस्तकालय (भारतीय प्रबंधन संस्थान- अहमदाबाद)
- योग्यता का पुरस्कार:
- केनेथ एलियाहु सिनेगॉग (Keneseth Eliyahoo Synagogue), मुंबई
- लेडी ऑफ ग्लोरी चर्च (Lady of Glory Church), मुंबई
- प्रतिष्ठित मेंशन:
- फ्लोरा फाउंटेन (Flora Fountain), मुंबई
- विशिष्टता का पुरस्कार:
भारतीय नौसेना प्रशिक्षण बेड़ा
Indian Navy Training Squadron
भारतीय नौसेना का पहला प्रशिक्षण बेड़ा 14 से 17 अक्तूबर, 2019 तक तंज़ानिया का दौरा कर रहा है।
प्रशिक्षण बेड़े में शामिल पोत:
- तीर (Tir), सुजाता और शार्दुल पोत- भारतीय नौसेना।
- सारथी पोत- भारतीय तटरक्षक बल।
उद्देश्य:
- सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और सैन्य संबंधों को मज़बूत बनाना।
भारत का प्रशिक्षण बेड़ा:
- दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ के अधीन भारतीय नौसेना का पहला प्रशिक्षण बेड़ा कोच्चि में स्थित है।
- यह भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक सहित मित्र देशों के सैनिकों को प्रशिक्षण देता है।
- इसके पाठ्यक्रम में सीमैनशिप (Seamanship), नेवीगेशन, शिप-हैंडलिंग (Shiphandling), बोट-वर्क (Boat-Work ) और इंजीनियरिंग इत्यादि का प्रशिक्षण शामिल है।
तंज़ानिया:
- तंज़ानिया हिंद महासागर के तट पर स्थित पूर्वी अफ्रीका का एक देश है।
- तंज़ानिया के उत्तर में युगांडा, विक्टोरिया झील और केन्या; पूर्व में हिंद महासागर; पश्चिम में बुरुंडी एवं रवांडा तथा दक्षिण-पश्चिम में मोज़ाम्बिक, न्यासा झील, मलावी व ज़ाम्बिया स्थित हैं।
- हिंद महासागर में स्थित माफिया (Mafiya), ज़ंज़ीबार और पेम्बा द्वीप तंज़ानिया शासित हैं।
- इसकी औपचारिक राजधानी डोडोमा, जबकि वास्तविक (de facto) राजधानी दारेस्लाम (Dar es Salaam) है।
रंगदुम/रेंगदुम बौद्ध मठ
Rangdum Buddhist Monastery
भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण द्वारा केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के कारगिल ज़िले में स्थित रंगदुम/रेंगदुम बौद्ध मठ (Rangdum Buddhist Monastery) को राष्ट्रीय महत्त्व का स्मारक घोषित किये जाने पर विचार किया जा रहा है।
रंगदुम/रेंगदुम बौद्ध मठ के बारे में:
- 18वीं शताब्दी में निर्मित यह मठ लद्दाख की सुरू घाटी (Suru Valley) में स्थित है।
- सुरू घाटी से सुरू नदी बहती है जो सिंधु नदी की सहायक नदी है।
- यह एक तिब्बती बौद्ध मठ है जो गेलुग्पा संप्रदाय (Gelugpa Sec) से संबंधित है।
उद्देश्य:
- लद्दाख में पर्यटन को बढ़ावा देना।
भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण
(Archaeological Survey of India- ASI)
- भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण राष्ट्र की सांस्कृतिक विरासतों के पुरातत्त्वीय अनुसंधान तथा संरक्षण के लिये एक प्रमुख संगठन है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1861 में की गई थी।
- भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण संस्कृति मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।