प्रारंभिक परीक्षा
प्रिलिम्स फैक्ट्स : 17 जुलाई, 2021
- 17 Jul 2021
- 10 min read
AI द्वारा संचालित शिकायत प्रबंधन एप्लीकेशन
AI Powered Grievance Management Application
हाल ही में रक्षा मंत्री ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence-AI) संचालित शिकायत प्रबंधन एप्लीकेशन लॉन्च किया। जिसको रक्षा मंत्रालय ने आईआईटी-कानपुर की मदद से विकसित किया है।
- इससे पहले भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India- CJI) द्वारा कानूनी अनुसंधान में न्यायाधीशों की सहायता के लिये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित पोर्टल ‘SUPACE’ लॉन्च किया गया था।
प्रमुख बिंदु
एप्लीकेशन के विषय में:
- यह परियोजना शिकायत निवारण में AI, डेटा साइंस और मशीन लर्निंग तकनीकों का उपयोग करने के लिये सरकार द्वारा शुरू की गई अपनी तरह की पहली पहल है। यह एक नागरिक केंद्रित सुधार है।
- इसे रक्षा मंत्रालय द्वारा आईआईटी-कानपुर की मदद से विकसित किया है।
- यह लोगों की शिकायतों को स्वचालित रूप से देखकर उनका विश्लेषण करेगा और मानवीय हस्तक्षेप को कम करेगा, समय की बचत करेगा तथा शिकायतों के निपटान में अधिक पारदर्शिता लाएगा।
महत्त्व:
- इस एप्लीकेशन का अधिकाधिक उपयोग शिकायतों की प्रकृति को समझने तथा जहाँ से शिकायतें आ रही उस स्थान के बारे में जानकारी प्राप्त करने में होगा जिससे ऐसे नीतिगत बदलाव लाने में मदद मिलेगी जिनकी सहायता से शिकायतों को दूर करने हेतु प्रणालीगत सुधार किये जा सकते हैं।
- इस एप्लीकेशन की शुरुआत शासन और प्रशासन में AI-आधारित नवाचारों की शुरूआत का प्रतीक है। इस परियोजना की सफलता अन्य मंत्रालयों में इसके विस्तार का मार्ग प्रशस्त करेगी।
- प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (Department of Administrative Reforms & Public Grievances- DARPG) के केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (Centralized Public Grievances Redress and Monitoring System- CPGRAMS) पोर्टल पर बहुत अधिक शिकायतें प्राप्त होती हैं।
- CPGRAMS, नागरिकों को संबंधित विभाग के साथ की जा रही शिकायत को ऑनलाइन ट्रैक करने में सक्षम बनाता है और DARPG को शिकायत की निगरानी करने में भी सक्षम बनाता है।
गेको की नई प्रजाति: ओडिशा
New Gecko Species: Odisha
हाल ही में ओडिशा के वन अधिकारियों ने हेमीफिलोडैक्टाइलस (Hemiphyllodactylus) वर्ग की नई खोजी गई सूक्ष्म गेको प्रजाति को संरक्षित करने हेतु कुछ उपायों की घोषणा की है।
प्रमुख बिंदु
परिचय:
- इस गेको प्रजाति को पहली बार वर्ष 2014 में ओडिशा के गंजम ज़िले में देखा गया था। हेमीफिलोडैक्टाइलस मिनिमस (Hemiphyllodactylus minimus) की नई प्रजाति इस वर्ग का सबसे छोटा सदस्य है, जिसके शरीर का आकार छह सेंटीमीटर से थोड़ा अधिक है।
- इसे गंजम स्लेंडर गेको (Ganjam Slender Gecko) कहा जाता है।
- यह इस वर्ग की सातवीं भारतीय प्रजाति, उत्तरी पूर्वी घाट से दूसरी और विश्व स्तर पर 41वीं प्रजाति है। यह इस वर्ग की पहली गैर-द्वीपीय प्रजाति है जो तराई क्षेत्र के आवासों में पाई गई है।
गेको (Geckos):
- गेको, जीवों की सरीसृप श्रेणी के अंतर्गत आती हैं और अंटार्कटिका को छोड़कर सभी महाद्वीपों में पाई जाती हैं। इन रंगीन छिपकलियों ने वर्षावनों से लेकर रेगिस्तानों तथा ठंडे पहाड़ी ढलानों तक के आवासों के लिये स्वयं को अनुकूलित किया है।
- गेको की अधिकाँश प्रजातियाँ रात्रिचर होती हैं, जिसका अर्थ है कि वे रात में सक्रिय होती हैं, लेकिन दिन के दौरान सक्रिय रहने वाली गेको प्रजातियाँ कीटों, फलों और फूलों के पराग पर निर्भर होती हैं।
- गेको को प्रजातियों को छह श्रेणियों के तहत विभाजित किया गया है:
- कारफोडैक्टिलिडे (Carphodactylidae)
- डिप्लोडैक्टाइलिडे (Diplodactylidae)
- यूबलफेरिडे (Eublepharidae)
- गेकोनिडे (Gekkonidae)
- फाइलोडैक्टाइलिडे (Phyllodactylidae)
- स्फेरोडैक्टिलिडे (Sphaerodactylidae)
भारत में गेको की अन्य प्रजातियाँ:
- इंडियन गोल्डन गेको (श्रेणी- Gekkonidae) भारत (तमिलनाडु, ओडिशा, आंध्र प्रदेश) के लिये स्थानिक है। इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (Wildlife Protection Act) की अनुसूची 1 के तहत सूचीबद्ध किया गया है।
- IUCN रेड लिस्ट: कम चिंतनीय (Least Concern- LC)
- गेकोनिडे श्रेणी की टोके गेको (Tokay Gecko) भारत-मलय क्षेत्र में व्यापक रूप से पाई जाती है। इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची 4 के तहत सूचीबद्ध किया गया है।
- IUCN रेड लिस्ट: कम चिंतनीय (Least Concern- LC)
उमंग एप
UMANG App
हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने उमंग (Unified Mobile Application for New-age Governance- UMANG) एप में मैप सेवाओं को सक्षम किया है।
- इस एप के माध्यम से नागरिक एक बटन के क्लिक पर अपने आस पास के निकटतम स्थान पर सरकारी सुविधाओं, जैसे मंडियाँ, ब्लड बैंक आदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे तथा वे इसे मैप माई इंडिया द्वारा निर्मित भारत के सबसे विस्तृत और संवादात्मक सड़क और ग्राम स्तर के नक्शों पर भी देख सकेंगे।
प्रमुख बिंदु
- उमंग मोबाइल एप (यूनिफाइड मोबाइल एप्लीकेशन फॉर न्यू-एज गवर्नेंस) भारत सरकार का एकल, एकीकृत, सुरक्षित, मल्टी-चैनल, मल्टी-प्लेटफॉर्म, बहुभाषी, मल्टी-सर्विस मोबाइल एप है।
- यह केंद्र तथा राज्य के विभिन्न संगठनों के उच्च प्रभाव वाली सेवाओं तक पहुँच प्रदान करता है। वर्तमान में इसकी 2000+ सेवाएँ हैं।
- ‘उमंग’ का उद्देश्य भारत में मोबाइल गवर्नेंस को फास्ट ट्रैक करना है।
- ‘उमंग’ भारत सरकार की ढेर सारी सेवाओं जैसे- स्वास्थ्य देखभाल, वित्त, शिक्षा, आवास, ऊर्जा, कृषि, परिवहन से लेकर उपयोगिता और रोज़गार एवं कौशल तक तक आसान पहुँच प्रदान करके नागरिकों के लिये 'ईज ऑफ लिविंग' को सक्षम बनाता है।
- ‘उमंग’ के प्रमुख साझेदार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO), प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना से जुड़े विभाग, कर्मचारी राज्य बीमा निगम, स्वास्थ्य मंत्रालय, शिक्षा, कृषि, पशुपालन और कर्मचारी चयन आयोग (SSC) हैं।
- उमंग एप को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीज़न (National e-Governance Division- NeGD), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा विकसित किया गया था।
- यह ‘डिजिटल इंडिया’ से जुड़ी एक पहल है।
- उमंग एप के के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य में वर्ष 2020 में 'उमंग इंटरनेशनल' नाम इसे इसका अंतर्राष्ट्रीय संस्करण लॉन्च किया गया था।
- अंतर्राष्ट्रीय संस्करण उन चुनिंदा देशों के लिये है जिनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं।
- यह भारतीय अंतर्राष्ट्रीय छात्रों, NRIs और विदेशों में भारतीय पर्यटकों को किसी भी समय भारत सरकार की सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करेगा।
- यह उमंग पर उपलब्ध 'भारतीय संस्कृति' सेवाओं के माध्यम से भारत को विश्व भर में प्रस्तुत करने में भी मदद करेगा और विदेशी पर्यटकों के बीच भारत आने के लिये रुचि पैदा करेगा।
- उमंग ने फरवरी 2018 में दुबई, संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित छठे विश्व सरकार शिखर सम्मेलन में 'सर्वश्रेष्ठ एम-सरकारी सेवा' (Best m-Government service) का पुरस्कार प्राप्त किया।