प्रिलिम्स फैक्ट्स : 17 अप्रैल, 2021 | 17 Apr 2021

आहार क्रांति मिशन

Aahaar Kranti Mission

हाल ही में सरकार ने पोषण के विषय में जागरूकता फैलाने हेतु एक समर्पित मिशन ‘आहार क्रांति’ (Aahaar Kranti) की शुरुआत की है।

प्रमुख बिंदु

आहार क्रांति के विषय में:

  • इस मिशन को भारत और विश्व में बहुतायत में भूख तथा बीमारियों की गंभीर समस्या का समाधान करने के लिये तैयार किया गया है।
  • यह पोषण तथा भारत में स्थानीय रूप से उपलब्ध पौष्टिक भोजन, फलों ​​और सब्जियों तक पहुँच स्थापित करने के बारे में समर्पित एक मिशन है।
  • शामिल संगठन: इस मिशन को  लॉन्च करने के लिये प्रवासी भारतीय अकादमिक और वैज्ञानिक संपर्क (PRABHASS), ग्लोबल इंडियन साइंटिस्ट्स एंड टेक्नोक्रेट्स फोरम (GIST), विज्ञान भारती (विभा) तथा विज्ञान प्रसार (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का एक स्वायत्त निकाय) एक साथ आए हैं।
  • मिशन का आदर्श वाक्य है- ‘उत्तम आहार-उत्तम विचार’ या ‘Good Diet-Good Cognition’। 

कार्यान्वयन की रणनीति:

  • इस मिशन का संदेश पोषण ‘क्या’ और ‘क्यों’ होता है के रूप में या खेलों के माध्यम से या ‘कैसे करे’ जैसे निर्देशों के रूप में पाठ्यक्रम के माध्यम से प्रदान किया जाएगा।
  • इसकी विषयवस्तु ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में अग्रेंज़ी और हिन्दी के अलावा सभी मातृ भाषाओं में उपलब्ध कराई जाएगी।
  • इस कार्यक्रम में शिक्षकों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जो प्रशिक्षण के बाद अनेक छात्रों को इस कार्यक्रम का संदेश देंगे, यह संदेश छात्रों के माध्यम से उनके परिवारों तक पहुँचेगा और अंत में बड़े पैमाने पर समाज में इसका प्रचार होगा।

महत्त्व:

  • संयुक्त राष्ट्र (United Nation) ने भी वर्ष 2021 को फलों और सब्जियों के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में घोषित किया है, जो आहार क्रांति के साथ बहुत अच्छी तरह से मेल खाता है।
  • यह मिशन संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्य- 3 के अनुरूप है जो मानव कल्याण पर बल देता है।
  • यह आयुर्वेद आधारित पोषण के समृद्ध ज्ञान को व्यवहार में लाने में मदद करेगा।

वैश्विक भुखमरी सूचकांक- 2020 पर भारत का प्रदर्शन

  • 'वैश्विक भुखमरी सूचकांक (Global Hunger Index)- 2020 में भारत 107 देशों में 94वें स्थान पर रहा है।
    •  भारत भुखमरी सूचकांक में 27.2 के स्कोर के साथ 'गंभीर' (Serious) की श्रेणी में शामिल है।
  • प्रमुख संकेतकों के आधार पर भारत का प्रदर्शन:
    • भारत की 14 प्रतिशत आबादी ‘अल्पपोषित’ (Undernourishment) है।
    • भारतीय बच्चों में ‘स्टंटिंग’ (Stunting) की दर 37.4 प्रतिशत दर्ज की गई है।
    • चाइल्ड ‘वेस्टिंग’ (Wasting) में भारत की स्थिति में गिरावट देखी गई है। भारत का स्कोर 17.3 प्रतिशत रहा है।
    • भारत में ‘बाल मृत्यु’ (Child Mortality) दर में सुधार हुआ है, जो अब 3.7 प्रतिशत है।

भारत ने 156 देशों के लिये पुनः बहाल किया ई-वीजा

India Restores E-Visa for 156 Countries

हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affair) ने 156 देशों से चिकित्सीय परिचर्याओं सहित चिकित्सा कारणों, व्यापार और सम्मेलनों में भाग लेने के उद्देश्य से आने वाले विदेशियों के लिये इलेक्ट्रॉनिक वीजा (ई-वीजा) सुविधा बहाल कर दी है।

  • अभी पर्यटकों के लिये ई-वीजा बहाल नहीं किया गया है।

प्रमुख बिंदु

ई-वीजा:

  • शुरुआत: ई-वीजा प्रणाली की शुरुआत सरकार द्वारा वर्ष 2014 में की गई थी। वर्ष 2017-2018 में इस सुविधा का विस्तार किया गया था।
    • यह प्रक्रिया जापान, सिंगापुर, फिनलैंड, लक्ज़मबर्ग और न्यूज़ीलैंड के लिये वर्ष 2010 के टूरिस्ट वीज़ा ऑन अराइवल (Tourist Visa on Arrival- TVOA) स्कीम में निहित है।
    • सरकार ने  ई-वीजा को इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण (Electronic Travel Authorisation) के साथ TVOA का विलय कर शुरू किया है।
  • पाँच श्रेणियाँ: ई-वीजा पाँच श्रेणियों में प्रदान किया जाता है– पर्यटन, व्यवसाय, सम्मेलन, चिकित्सा और चिकित्सीय परिचर्या।
  • प्रक्रिया:
    • इस व्यवस्था के अंतर्गत एक विदेशी यात्रा करने से चार दिन पहले ई-वीजा के लिये ऑनलाइन आवेदन कर सकता है।
    • आवेदक द्वारा दिये गए विवरण के सत्यापित होने के पश्चात् एक ‘इलेक्ट्रॉनिक यात्रा अधिकार-पत्र’ (Electronic Travel Authorization) जनरेट किया जाता है, जिसे देश में आगमन करने के बाद चेक पोस्ट पर दिखाना होता है।
    • ई-वीजा के माध्यम से भारत में केवल 28 निर्दिष्ट अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों और पाँच प्रमुख बंदरगाहों पर प्रवेश की अनुमति है।
  • नोडल मंत्रालय: इसका नोडल मंत्रालय गृह मंत्रालय है जो विदेशियों को वीज़ाजारी करता है।
  • यह सुविधा पाकिस्तान के नागरिकों को उपलब्ध नहीं है, लेकिन ये इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में नियमित वीज़ा के लिये आवेदन कर सकते हैं।
  • ई-वीजा उन विदेशी राजनयिकों के लिये मान्य नहीं हैं जिन्हें अलग से ऐसी सुविधा प्राप्त है।

वर्तमान स्थिति:

  • यद्यपि यह सुविधा 171 देशों में उपलब्ध है, लेकिन वर्ष 2020 में लगाए गए प्रतिबंधों की घोषणा के बाद अभी इसे केवल 156 देशों के लिये बहाल किया गया है।
  • चीन, ब्रिटेन, कनाडा, हॉन्गकॉन्ग, इंडोनेशिया, ईरान, मलेशिया और सऊदी अरब को अभी इस सुविधा से बाहर रखा गया है।