प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 17 मई, 2019
- 17 May 2019
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ससकावा पुरस्कार 2019
हाल ही में आपदा जोखिम न्यूनीकरण संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (United Nations Office for Disaster Risk Reduction-UNDRR) ने प्रमोद कुमार मिश्रा को आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिये ससकावा पुरस्कार 2019 से सम्मानित किया है।
- श्री मिश्रा ने आपदा से प्रभावित समुदायों की समस्याओं का सामना करने हेतु उनकी क्षमता में आवश्यक सुधार के लिये लंबे समय तक मदद की।
- उन्होंने सामाजिक समावेशन के महत्त्वपूर्ण सिद्धांत का अनुपालन करते हुए सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों की स्थिति में सुधार हेतु असमानता तथा गरीबी को कम करने कि दिशा में सराहनीय कार्य किया।
ससकावा पुरस्कार के बारे में
- संयुक्त राष्ट्र का यह पुरस्कार किसी ऐसे व्यक्ति/संस्थान को दिया जाता है, जो अपने समुदाय के बीच आपदा जोखिम न्यूनीकरण में सक्रिय भूमिका निभाने के साथ ही इसका पक्षधर भी हो।
- जिनेवा में ग्लोबल प्लेटफॉर्म फॉर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (Global Platform for Disaster Risk Reduction- GPDRR) 2019 के छठे सत्र में इस पुरस्कार की घोषणा की गई।
- वर्ष 2019 के लिये ससकावा पुरस्कार की थीम ‘बिल्डिंग इनक्लूसिव एंड रेजिलिएंट सोसाइटीज़’ (Building Inclusive and Resilient Societies) थी।
कलमकारी
कलमकारी आंध्र प्रदेश में प्रचलित एक हस्तकला है जिसमें रंगीन ब्लॉक या हाथ से सूती कपड़े पर चित्रकारी की जाती है।
- कलमकारी चित्रकला में आमतौर पर एक तेज़, नुकीले छेद वाली बाँस की कलम का उपयोग करते हुए सूती कपड़ों को चित्रित किया जाता है। बाँस की कलम कपड़े पर रंग के प्रवाह को नियंत्रित करती है।
- कलमकारी नाम की उत्पत्ति दो फारसी शब्दों ‘कलम’ और ‘कारी’ से हुई है जिनका अर्थ क्रमशः कलम तथा शिल्प/कौशल होता है।
- रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों के पौराणिक चरित्रों को चित्रित करने के लिये कलमकारी चित्रकला को एक जीवंत और अद्वितीय माध्यम माना जाता है।
- भारत में कलमकारी के दो रूप विकसित हुए हैं। जो इस प्रकार हैं-
- मछलीपट्नम कलमकारी (Machilipatnam style- Krishna district)
- श्रीकलाहस्ति कलमकारी (Srikalahasti style- Chittoor district)
- कलमकारी की मछलीपट्नम शैली में मूल रूप से नक्काशे गए पारंपरिक ब्लॉकों पर हाथों से चित्रकारी की जाती है।
- चित्रकला की श्रीकलाहस्ती शैली में हिंदू पौराणिक कथाओं से प्रेरणा लेकर महाकाव्यों और लोककथाओं के दृश्यों का वर्णन किया जाता है।
शेषचलम जैवमंडल रिज़र्व
गर्मी के बढ़ते प्रकोप की वज़ह से शेषचलम जैवमंडल रिज़र्व के जानवर प्यास बुझाने के लिये जंगल से लगे गाँवों की तरफ बढ़ रहे हैं।
- वन अधिकारियों ने पाया कि स्लेंडर लोरिस (Slender Loris) और पैंगोलिन जैसी शांत स्वभाव और लुप्तप्राय प्रजातियाँ भी इंसानी बस्तियों की तरफ बढ़ रही हैं।
- शेषचलम पहाड़ी यानी आंध्र प्रदेश का पहला जैवमंडल रिज़र्व, चित्तूर और कडप्पा ज़िलों के दक्षिण-पूर्वी घाटों में स्थित है।
- इसे 2010 में भारत के जैवमंडल रिज़र्व के रूप में नामित किया गया था।
- यह जैवमंडल रिज़र्व वानस्पतिक रूप से समृद्ध है और इसमें स्थानिक और दुर्लभ वनस्पतियाँ भी पाई जाती हैं।
विश्व उच्च रक्तचाप दिवस
हर साल 17 मई को ‘विश्व उच्च रक्तचाप दिवस’ (World Hypertension Day) मनाया जाता है। गौरतलब है कि इस दिवस का उद्देश्य उच्च रक्तचाप के बारे में जागरूकता फैलाने और लोगों को इस मूक हत्यारे को नियंत्रित करने के लिये प्रोत्साहित करना है।
- इस वर्ष ‘विश्व उच्च रक्तचाप दिवस’ की थीम ‘नो योर नंबर्स’ (Know Your Numbers) है।
- उच्च रक्तचाप दुनिया भर में मृत्यु की एक बड़ी वज़ह है जिसे रोका जा सकता है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (National Family Health Survey) के अनुसार, 2017 में पूरे भारत में 22.5 मिलियन लोगों की जाँच में पाया गया कि हर आठ में से एक भारतीय उच्च रक्तचाप से पीड़ित है।
उच्च रक्तचाप
- उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन तब होता है जब किसी व्यक्ति की धमनी का रक्तचाप एक निश्चित स्तर से ऊपर उठ जाता है। इसे आमतौर पर ब्लडप्रेशर के रूप में भी जाना जाता है।
- उच्च रक्तचाप होने का सीधा मतलब यह है कि पूरे शरीर में रक्त की आपूर्ति करने के लिये हृदय को सामान्य से अधिक पंप करना पड़ता है।
- उच्च रक्तचाप को अक्सर ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है क्योंकि जब तक शरीर के अंग गंभीर रूप से प्रभावित न हों तब तब इसका कोई लक्षण परिलक्षित नहीं होता है।
स्टारलिंक
- स्टारलिंक स्पेसएक्स की एक परियोजना है जिसके तहत परिक्रमा करते हुए अंतरिक्षयानों के क्लस्टर के साथ ब्रॉडबैंड नेटवर्क बनाए जाने की योजना है।
- यह एक नए फ्लैट-पैनल डिज़ाइन पर आधारित होगा, जिसमें क्रिप्टन-ईंधन प्लाज़्मा थ्रस्टर्स, उच्च-शक्ति एंटीना और अंतरिक्ष में अन्य वस्तुओं से स्वतः दूर जाने की क्षमता होगी।
- स्पेसएक्स के अनुसार, फाल्कन-9 रॉकेट की सहायता से 60 उपग्रहों का पेलोड प्रक्षेपित किया जाएगा जिसका वज़न 15 टन (13,620 किलोग्राम) होगा।