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प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 15 अप्रैल, 2020

  • 15 Apr 2020
  • 12 min read

आर्थिक वृद्धि

Economic Growth

14 अप्रैल, 2020 को COVID-19 वैश्विक महामारी के बीच अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund- IMF) ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिये भारत की आर्थिक वृद्धि दर 1.9% रहने का अनुमान लगाया है।

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मुख्य बिंदु:

  • वहीं अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में 3% की वृद्धि होने का अनुमान लगाया है। 
  • भारत के संदर्भ में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा बताई गई आर्थिक वृद्धि दर अन्य अर्थशास्त्रियों एवं विश्व बैंक द्वारा लगाए गए अनुमान के अनुरूप है। जैसे:
संस्थान

वित्त वर्ष 

अर्थव्यवस्था में वृद्धि    (अनुमान)

गोल्डमैन सैक्स
(Goldman Sachs)

2020-21

1.6% 

विश्व बैंक
(World Bank)

2020-21

1.5-2.8%  

  • भारत की आर्थिक वृद्धि दर 1.9% पर रहने का अनुमान लगाने के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत की अर्थव्यवस्था को सबसे तेज़ी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक माना है। हालाँकि यह वर्ष 1991 के भुगतान संकट के बाद से आर्थिक वृद्धि की सबसे धीमी गति होगी। 
  • वहीं अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अपने आर्थिक पुनर्मूल्यांकन में वित्त वर्ष 2020-21 के लिये चीन की आर्थिक वृद्धि दर 1.2% जबकि अगले वित्त वर्ष 2021-22 के लिये 9.2% रहने का अनुमान लगाया है।

गौरतलब है कि वर्ष 1991 के बाद भारत की आर्थिक वृद्धि में इतनी अधिक गिरावट पहली बार देखने को मिली। वर्ष 1991 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 1.1% तक पहुँच गई थी जिसके कारण तत्कालीन नरसिम्हा राव सरकार को आर्थिक उदारीकरण की नीति अपनानी पड़ी थी।     


ऑपरेशन लाइफलाइन उड़ान

Operation Lifeline UDAN

COVID-19 के कारण हुए राष्ट्रव्यापी लाॅकडाउन के मद्देनज़र सबसे दूरस्थ स्थानों पर भी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये भारत सरकार के नागर विमानन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने ऑपरेशन लाइफलाइन उड़ान (Operation Lifeline UDAN) लॉन्च किया।

मुख्य बिंदु:

  • इस ऑपरेशन के तहत COVID-19 के कारण हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में आवश्यक चिकित्सा सुविधाएँ पहुँचाने के लिये उड़ानें संचालित की जा रही हैं।
  • इन उड़ानों का संचालन एयर इंडिया, अलायंस एयर (Alliance Air), भारतीय वायु सेना, पवन हंस (Pawan Hans) एवं निजी कैरियर्स द्वारा किया जा रहा है।
  • इसके तहत राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेश की सरकारों के लिये आवश्यक ज़रूरतें जैसे- एंज़ाइम, चिकित्सा उपकरण, परीक्षण किट एवं पीपीई, मास्क, दस्ताने एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जा रही है।
  • इसके तहत भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र, द्वीपीय क्षेत्रों एवं पहाड़ी राज्यों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है। एयर इंडिया एवं भारतीय वायु सेना (IAF) ने मुख्य रूप से जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, पूर्वोत्तर भारत एवं द्वीपीय क्षेत्रों के लिये आवश्यक ज़रूरतों को पूरा करने में सहयोग किया है।
  • वर्तमान में ऑपरेशन लाइफलाइन उड़ान के तहत मेडिकल कार्गो एक दिन में 108 टन माल की आवश्यक आपूर्ति कर रहे हैं।  
  • एयर इंडिया को अन्य देशों के लिये महत्त्वपूर्ण चिकित्सा आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये समर्पित कार्गो उड़ानों को संचालित करने की ज़िम्मेदारी दी गई है।

 विश्व चगास रोग दिवस

World Chagas Disease Day

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization-WHO) द्वारा 14 अप्रैल, 2020 को पहली बार विश्व चगास रोग दिवस (World Chagas Disease Day) मनाया गया।

  • गौरतलब है कि 72वीं विश्व स्वास्थ्य सभा (World Health Assembly) ने 24 मई, 2019 को चगास रोग दिवस के पदनाम को मंज़ूरी दी।

उद्देश्य:  

  • इस दिवस का उद्देश्य चगास रोग के बारे में जागरूकता फैलाना है।

मुख्य बिंदु: 

  • यह बीमारी धीरे-धीरे फैलती है और यह मुख्य रूप से उन गरीब लोगों को प्रभावित करती है जिनके पास उचित स्वास्थ्य देखभाल की कमी होती है। इसलिये इसे साइलेंट एवं साइलेंस्ड (Silent And Silenced) बीमारी भी कहा जाता है।
  • इस बीमारी का ‘चगास’ नाम डॉ कार्लोस रिबेइरो जस्टिनिआनो चगास (Dr Carlos Ribeiro Justiniano Chagas) के नाम से लिया गया है, जिन्होंने 14 अप्रैल, 1909 को ब्राज़ील में इस बीमारी के पहले रोगी का निदान किया था।
  • इसे एक उपेक्षित उष्णकटिबंधीय बीमारी (Neglected Tropical Disease- NTD) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। जिसका अर्थ है कि यह विश्व के विकासशील देशों में कम आय वाली आबादी को प्रभावित करती है।
  • इस रोग को अमेरिकन ट्रिपैनोसोमियासिस (American Trypanosomiasis) भी कहा जाता है। यह बीमारी विशेषकर लैटिन अमेरिका में सबसे ज्यादा गरीबी से ग्रस्त समुदायों को नुकसान पहुँचाती है।
  • चगास रोग ट्रायटोमिन (Triatomine) नामक एक कीड़े के काटने से होता है जो व्यक्ति के चेहरे पर काटता है इसलिए इसे ‘किसिंग बग’ (Kissing Bug) भी कहा जाता है। 
  • यह संक्रामक रोग है जो ट्रायटोमिन में मौजूद प्रोटोजन पैरासाइट से होता है किंतु यह सर्दी एवं फ्लू की तरह संक्रामक रोग नहीं है अर्थात् यह एक व्यक्ति से दूसरे में नहीं पहुँचता है।

क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म

Crowdfunding Platform

COVID-19 महामारी के कारण राष्ट्रव्यापी लाकडाउन के मद्देनज़र ऑनलाइन क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म (Crowdfunding Platform) लोगों की वित्तीय सहायता के स्रोत के रूप में उभरा है।

Crowdfunding

मुख्य बिंदु: 

  • COVID-19 महामारी के कारण ऑनलाइन फंडिंग अभियान किसी शहर में फँसे हुए प्रवासियों एवं दैनिक मज़दूरी पाने वाले मज़दूरों की सामुदायिक रसोई तक पहुँच बनाने में मदद कर रहा है किंतु अब क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म ट्रांसजेंडर समुदायों, सर्कस कलाकारों, उबर ड्राइवरों, फूड डिलीवरी कर्मियों, ग्रामीण कारीगरों, नर्तक एवं स्वच्छंद श्रमिकों की सहायता के लिये आगे आ रहे हैं।

क्राउडफंडिंग (Crowdfunding):

  • क्राउडफंडिंग किसी व्यक्ति या संगठन के लिये धन जुटाने के उद्देश्य से परिवार, मित्रों, अजनबियों, व्यवसायों आदि के माध्यम से फंड एकत्र करने का एक तरीका है।
  • क्राउडफंडिंग के तहत जागरूकता फैलाने के लिये लोग सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं परिणामतः वे धन इकट्ठा करने के पारंपरिक तरीकों की तुलना में अधिक संभावित दाताओं तक पहुँच सकते हैं।

क्राउडफंडिंग के मुख्य प्रकार: 

  • पीयर-टू-पीयर लेंडिंग (Peer-to-peer lending): अधिकांश लोग एक कंपनी को पैसा इस समझ के साथ देते हैं कि पैसा ब्याज के साथ चुकाया जाएगा। यह बैंक से पारंपरिक उधार लेने के समान है बजाय इसके कि बहुत सारे निवेशकों से उधार लिया जाए।
  • इक्विटी क्राउडफंडिंग (Equity crowdfunding): निवेश के बदले में एक व्यवसाय में कई निवेशकों को हिस्सेदारी बेची जाती है। यह स्टॉक एक्सचेंज या उद्यम पूंजी पर सामान्य स्टॉक को कैसे खरीदा या बेचा जाता है, के विचार के सामान है।
  • पुरस्कार-आधारित क्राउडफंडिंग (Rewards-Based Crowdfunding): व्यक्ति अपने योगदान के बदले में एक गैर-वित्तीय पुरस्कार जैसे कि माल या सेवाओं को प्राप्त करने के लिये  दान करता है।
  • दान आधारित क्राउडफंडिंग (Donation-based crowdfunding): व्यक्ति बिना किसी वित्तीय या भौतिक रिटर्न देने वाली एक विशिष्ट धर्मार्थ परियोजना के बड़े वित्तपोषण उद्देश्य को पूरा करने के लिये छोटी मात्रा में दान करते हैं।
  • लाभ-बँटवारा/राजस्व-बँटवारा (Profit-sharing/Revenue-sharing): व्यवसाय धन के बदले भविष्य में मुनाफे या राजस्व को लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।
  • ऋण-प्रतिभूति क्राउडफंडिंग (Debt-securities crowdfunding): व्यक्ति कंपनी द्वारा जारी ऋण सुरक्षा जैसे कि बॉन्ड में निवेश करते हैं।
  • हाइब्रिड मॉडल (Hybrid models): यह व्यवसायों को एक से अधिक क्राउडफंडिंग प्लेटफाॅर्मों  के तत्वों को संयोजित करने का अवसर प्रदान करता है।
  • इन प्लेटफार्मों के माध्यम से धन इकट्ठा करके ऐसे कमज़ोर लोगों की मदद की जा रही है। जिनके COVID-19 महामारी के कारण आर्थिक आय के साधन बंद हो गए हैं  
  • इन प्लेटफार्मों में 100 करोड़ रुपए से अधिक की निधि की सुविधा प्रदान की गई है। आमतौर पर ऑनलाइन क्राउडफंडिंग अभियान फंड जुटाने के लिये शुल्क लेते हैं।
  • COVID-19 के दौरान क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म का प्राथमिक उद्देश्य ज़रूरतमंदों को भोजन प्रदान करना रहा है उसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों के लिये व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण हेतु धन जुटाना है
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