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प्रीलिम्स फैक्ट्स : 15 जनवरी, 2019

  • 15 Jan 2019
  • 12 min read

वुमनिया ऑन गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस
(Womaniya on Government e Marketplace)


गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) ने ‘वुमनिया ऑन GeM’ पहल की शुरुआत की है।

  • GeM की इस पहल का उद्देश्य विभिन्न सरकारी मंत्रालयों, विभागों और संस्थानों के ज़रिये महिला उद्यमियों और महिला स्वयं सहायता समूहों को हस्तशिल्प एवं हथकरघा, सहायक सामग्री, जूट उत्पाद, घरों के साज-सजावट के सामानों की सीधे बिक्री करने में सहायता प्रदान करना है।
  • GeM की इस पहल से महिला उद्यमियों को समेकित आर्थिक वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी।
  • वुमनिया वेबसाइट के होम पेज पर विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों (Central Public Sector Enterprises-CPSEs) हेतु महिला उद्यमियों की सेवाओं और दैनिक उपयोग की वस्तुओं की बिक्री को बढ़ावा देने के लिये अभियान के बारे में जानकारी उपलब्ध रहेगी।
  • वुमनिया ऑन GeM महिला उद्यमियों के लिये आर्थिक अवसरों को बढ़ाएगा जिससे संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास लक्ष्य 5 – ‘लैंगिक समानता हासिल करें और सभी महिलाओं एवं लड़कियों को सशक्त करें’ के लक्ष्य और उद्देश्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।

GeM

  • गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (Government e Marketplace) एक सरकारी कंपनी है जिसकी स्थापना वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry) के तहत की गई है।
  • गवर्नमेंट ई-मार्केट प्‍लेस का संक्षिप्‍त रूप जेम (GeM) है जहाँ सामान्‍य प्रयोक्‍ता वस्‍तुओं और सेवाओं की खरीद की जा सकती है। सरकारी अधिकारियों द्वारा खरीद के लिये जेम गतिशील, स्‍वपोषित, प्रयोक्‍ता अनुकूल पोर्टल है।

सेना प्रौद्योगिकी सेमिनार (आरटेक-2019)
(Army Tech Seminar -ARTECH 2019)


11 जनवरी, 2019 को भारतीय सेना ने दिल्ली कैंट के मानेकशॉ केंद्र (Manekshaw Centre) में सेना प्रौद्योगिकी सेमिनार-2019 (आरटेक 2019) का आयोजन किया।

  • इस सेमिनार की थीम ‘युद्ध क्षेत्र में उभरती प्रौद्योगिकी का विध्वंसक प्रभाव’ (Disruptive Impact of Emerging Technologies on Land Warfare) थी।
  • सेमिनार का उद्देश्य सैन्य, शिक्षा क्षेत्र और उद्योग से जुड़े साझेदारों के लिये युद्ध पर प्रभाव डालने वाली उभरती प्रौद्योगिकी का स्वरूप उपलब्ध कराना था।
  • सेमिनार के दौरान सेना, DRDO, शिक्षा क्षेत्र और उद्योगों द्वारा विकसित सैन्य साजो सामान की एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया।

स्‍वदेश दर्शन और प्रसाद योजनाओं के तहत चार नई परियोजनाएँ


पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन ढाँचागत विकास योजनाओं ‘स्‍वदेश दर्शन’ और ‘प्रसाद’ के तहत मेघालय, गुजरात और उत्‍तर प्रदेश में 190.46 करोड़ रुपए की लगात वाली चार नई परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है।

स्वदेश दर्शन के तहत स्वीकृत परियोजनाएँ-


1. स्‍वदेश दर्शन योजना के उत्‍तर-पूर्व सर्किट के तहत मेघालय की पश्चिम खासी पहाड़ियों (West Khasi Hills) के विकास [नॉन्गख्‍लाव (Nongkhlaw)-क्रेम टिरोट (Krem Tirot)-खुदोई  (Khudoi) और कोहमांग फॉल्‍स (Kohmang Falls)-खरी (Khri) नदी-मावथडराइशन (Mawthadraishan), शिलांग (Shillong)], जयंतिया पहाड़ी (क्रांग सूरी फॉल्‍स (Krang Suri Falls)-शिरमांग (Shyrmang)-लुक्‍सी (Iooksi)], गारो पहाड़ी (नॉकरेक रिज़र्व (Nokrek Reserve), कट्टा बील (Katta Beel), सिजू गुफा (Siju Caves)] में 84.95 करोड़ रुपए की परियोजना को मंज़ूरी दी है।

  • ये परियोजनाएँ मेघालय की कम चर्चित जगहों के विकास पर केंद्रित है।

2. स्‍वदेश दर्शन योजना के आध्‍यात्मिक सर्किट के तहत गोरखनाथ मंदिर (गोरखपुर), देवीपाटन मंदिर, बलरामपुर और वात्‍वासनी मंदिर (डुमरियागंज) के विकास के लिये 21.16 करोड़ रुपए को मंज़ूरी दी है।

प्रसाद योजना के तहत स्वीकृत योजनाएँ


1. प्रसाद योजना के तहत मंत्रालय ने उत्‍तर प्रदेश के मथुरा ज़िले में ‘गोवर्धन के विकास’ के लिये 39.74 करोड़ रुपए की परियोजना को मंज़ूरी दी है। इसके तहत गोवर्धन परिक्रमा मार्ग, कुसुम सरोवर, चंद्रा सरोवर और मानसी गंगा का विकास किया जाएगा।

2. प्रसाद योजना के तहत 44.59 करोड़ रुपए की ‘सोमनाथ-फेज-2 में तीर्थाटन सुविधाओं का विकास’ नामक परियोजना को मंज़ूरी दी गई है।

पृष्ठभूमि


पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन स्‍थलों के थीम आधारित एकीकृत विकास के लिये ‘स्‍वदेश दर्शन योजना’ की शुरूआत की और तीर्थस्‍थल संरक्षण एवं आध्‍यात्मिक विकास के लिये ‘प्रसाद’ (Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual, Heritage Augmentation Drive-PRASHAD) परियोजना की शुरूआत की है।


ओवरड्राफ्ट (Overdraft)


हाल ही में सरकार ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत ओवरड्राफ्ट की सीमा को 5,000 रुपए से बढ़ाकर 10,000 रुपए करने का फैसला किया है।

क्या होता है ओवरड्राफ्ट?

      • जब कोई व्यक्ति अपने बैंक खाते में जमाराशि से अधिक धनराशि निकालता है और खाते में उसका बैलेंस शून्य से नीचे चला जाता है तो उसे ‘ओवरड्राफ्ट’ कहते हैं।
      • ओवरड्राफ्ट एक प्रकार की कर्ज़ सुविधा है जो बचत खाता, चालू खाता और सावधि जमा होने पर उपलब्ध होती है।
      • इसके ज़रिये खाताधारक अचानक आवश्यकता पड़ने पर बैंक से कुछ समय के लिये उधार ले सकता है। लेकिन वह एक निर्धारित सीमा जिसे ‘ओवरड्राफ्ट लिमिट’ कहते है, तक ही उधार ले सकता है।
      • बैंक खाताधारक की साख और उसके खाते द्वारा किये गए हस्तांतरण के आधार पर ओवरड्राफ्ट लिमिट का निर्धारण करता है।
      • प्रधानमंत्री जन-धन योजना के अंतर्गत यह सुविधा परिवार में केवल एक सदस्य (विशेष रूप से महिला) के लिये उपलब्ध होती है अर्थात् यदि किसी परिवार में एक से अधिक जन-धन खाताधारक हैं तो यह सुविधा केवल एक ही खाते पर ही मिलेगी।
      • 2,000 रुपए तक के ओवरड्राफ्ट हेतु कोई शर्त नहीं रखी गई है और यह सुविधा 18-65 आयु वर्ग के लोगों के लिये उपलब्ध है।

ओवरड्राफ्ट पर भी देना पड़ता है ब्याज

      • जिस प्रकार से बैंक अन्य ऋणों पर ब्याज वसूलता है उसी प्रकार ओवरड्राफ्ट पर भी ग्राहक को ब्याज की अदायगी करनी पड़ती है। हालाँकि, ब्याज की यह दर क्रेडिट कार्ड के ज़रिये मिलने वाले उधार की तुलना में कम भी हो सकती है।

लाभ

  • खाते में धनराशि कम होने पर भी कोई आवश्यक काम नहीं रुकता है, जैसे- एक व्यक्ति ने किसी दूसरे व्यक्ति को चेक दिया और जब दूसरा व्यक्ति उस चेक को भुनाने के लिये बैंक गया, तब तक पहले व्यक्ति के खाते में मौज़ूद धनराशि चेक की राशि से कम हो गई तो ऐसी स्थिति में चेक बाउंस हो सकता है। लेकिन ओवरड्राफ्ट की सुविधा होने पर बैंक उस चेक को क्लियर कर देगा और इस प्रकार भुगतान करने में कोई रुकावट नहीं आएगी।

फिलिप कोटलर प्रेसीडेंशिअल अवार्ड

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहला फिलिप कोटलर प्रेज़िडेंशियल पुरस्कार (Philip Kotler Presidential award) प्रदान किया गया।

  • यह पुरस्कार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके दूरदर्शी नेतृत्व के लिये प्रदान किया गया है।
  • यह पुरस्कार तीन आधार रेखाओं- पीपुल (People), प्रॉफिट (Profit) और प्लैनेट (Planet) पर केंद्रित है, जो प्रत्येक वर्ष किसी देश के नेता को प्रदान किया जाएगा।
  • यह अवार्ड प्रोफेसर फिलिप कोटलर के नाम से दिया गया जो ‘नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी, केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट’ (Northwestern University, Kellogg School of Management) के विश्व प्रसिद्ध प्रोफेसर है।

केरल में आध्यात्मिक सर्किट
(Spiritual Circuit in Kerala)


केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय (Union Ministry of Tourism) ने केरल में 14 ज़िलों के 133 धार्मिक स्थलों को जोड़ने वाले आध्यात्मिक सर्किट के विकास को स्वदेश दर्शन (Swadesh Darshan) योजना के तहत मंज़ूरी दी है।

    • योजना में शामिल किये गए धार्मिक स्थलों का चयन उनके ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्त्व के आधार पर किया गया है।
    • योजना के अंतर्गत किये जाने वाले विकास कार्यों में सामुदायिक हॉल, अन्नधान मंडपम (Annadhana Mandapam), बहुउद्देशीय हॉल, शौचालय, कैफेटेरिया, पार्किंग सुविधाएँ, रास्ते, रोशनी,पहचान सूचकों (signages), डस्टबिन आदि की व्यवस्था करना शामिल है।
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