प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 14 नवंबर, 2019
- 14 Nov 2019
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वायु और हेपा
WAYU and Hepa Air Purifiers
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति के कारण वायु और हेपा एयर प्यूरिफायर्स (WAYU and HEPA air Purifiers) उपकरणों ने काम करना बंद कर दिया है।
वायु के बारे में:
- वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research- CSIR) की नागपुर स्थित राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (National Environmental Engineering Research Institute- NEERI) प्रयोगशाला द्वारा ‘वायु’ का विकास किया गया है।
- यह उपकरण लगभग आधे घंटे में पीएम 10 (PM10) को 600 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर (ug/m3) से घटाकर 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तथा PM2.5 को 300 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर कर सकता है।
- यह उपकरण लगभग 500 वर्ग मीटर तक के दायरे में वायु को शुद्ध कर सकता है।
- इसमें एक पंखा लगा होता है जो हवा को सोखकर उसमे से धूल तथा PM तत्त्वों को अलग करता है।
- इस प्रक्रिया में कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन का टाइटेनियम डाइऑक्साइड के साथ सक्रिय कार्बन का लेप करके कम हानिकारक कार्बन डाइऑक्साइड में ऑक्सीकरण किया जाता है।
- फिर शुद्ध वायु को वापस वायुमंडल में छोड़ दिया जाता है।
हेपा के बारे में:
- यह उपकरण 0.3 माइक्रोन के 99.9% कणों को शुद्ध करने में सक्षम है।
- यह वायु संदूषकों को तंतुओं के एक ज़टिल ज़ाल में फँसा लेता है।
अल्टिमा थुले
Ultima thule renamed
नासा के न्यू हॉरिजन्स अंतरिक्षयान द्वारा खोजे गए सौर मंडल में सबसे दूर स्थित पिंड, अल्टिमा थुले (Ultima thule) का नाम परिवर्तित कर दिया गया है।
अल्टिमा थुले क्या है?
- यह पृथ्वी से अब तक का सबसे दूर स्थित आकाशीय बर्फीला पिंड है।
- अल्टिमा थुले प्लूटो से करीब एक बिलियन (1.6 बिलियन किलोमीटर) मील दूर है।
- इस कुइपर बेल्ट ऑब्जेक्ट को वर्ष 2014 में हबल स्पेस टेलीस्कोप द्वारा खोजा गया था।
- अभी तक आधिकारिक तौर पर इसे 2014 MU69 के रूप में जाना जाता था और अल्टिमा थुले उपनाम दिया गया था।
परिवर्तित नाम
- वर्तमान में इसका आधिकारिक नाम अरोकोथ (Arrokoth) कर दिया गया है जो ब्रह्मांड तथा सितारों के बारे में सोच की प्रेरणा को दर्शाता है।
अल्फांसो आम
Alphonso from malawi, for mumbai
अफ्रीका के मलावी से महाराष्ट्र के लिये अल्फांसो आम (Alphonso Mango) का प्रतिदिन निर्यात किया जा रहा है।
आयात क्यों किया जा रहा है?
- भारत में अक्तूबर से दिसंबर माह के दौरान आम उपलब्ध नहीं होता है, परंतु इस अवधि में अफ्रीका के मलावी में आम की पैदावार की जाती है।
- इसका निर्यात भारत तथा अन्य देशों को किया जाता है।
- इस आम की गंध और स्वाद अफ्रीका से आने के बावजूद भी महाराष्ट्र के देवगड ज़िले के अल्फांसो की तरह ही है।
अल्फांसो आम के बारे में:
- अल्फांसो आम को फलों का राजा माना जाता है तथा महाराष्ट्र में इसे ‘हापुस’ नाम से भी जाना जाता है।
- अपनी सुगंध और रंग के साथ-साथ अपने स्वाद के चलते इस आम की मांग भारतीय बाज़ारों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में भी है।
- महाराष्ट्र के रत्नागिरि, सिंधुदुर्ग, पालघर, ठाणे और रायगढ़ ज़िलों के अल्फांसो आम को भौगोलिक संकेत (Geographical Indication- GI) टैग प्रदान किया जा चुका है।
- भारत से इसका निर्यात जापान, कोरिया तथा यूरोप को किया जाता है।