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डेली अपडेट्स

प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 14 जून, 2019

  • 14 Jun 2019
  • 6 min read

इंटरनेट ट्रेंड्स रिपोर्ट: 2019
(Internet Trends Report: 2019)

  • हाल ही में मैरी मीकर (Mary Meeker), जो कि अमेरिकी वैश्विक प्रौद्योगिकी निवेश फर्मों की मालिक है ने विश्व में सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्त्ताओं से संबंधित ‘इंटरनेट ट्रेंड्स 2019’ (Internet Trends 2019) नामक वार्षिक रिपोर्ट जारी की, जिसमें चीन को पहले तथा भारत को दूसरे स्थान पर रखा गया है।
  • इंटरनेट का सर्वाधिक उपयोग करने वाले शीर्ष देशों की सूची में क्रमशः चीन (21%), भारत (12%) और संयुक्त राज्य अमेरिका (8%) शामिल हैं।
  • मीकर केे अनुसार, भारत में इंटरनेट तक पहुँच बढ़ाने में दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • भारत में नियमित रूप से इंटरनेट नियमों का विनियमन भी किया जाता है।
  • वर्तमान समय में विश्व की लगभग 50% से अधिक आबादी इंटरनेट का उपयोग करती है, जबकि इंटरनेट उपयोगकर्त्ताओं की इस आबादी का 53% हिस्सा एशिया-प्रशांत क्षेत्र में निवास करता हैं।
  • इस समय वैश्विक स्तर पर दैनिक लेन-देन का 59% भुगतान डिजिटल तरीके से किया जाता है।
  • कुल इंटरनेट उपयोगकर्त्ताओं में से 55% उपयोगकर्त्ता ऐसे देशों में रहते हैं जहाँ राजनीतिक, सामाजिक या धार्मिक सामग्री को सेंसर या नियंत्रित किया गया है।
  • फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर समाचार प्राप्त करने के सबसे बड़े स्रोत बने हुए हैं।
  • मोबाइल उपकरणों पर मनोरंजन पर लगने वाला समय (33%) टेलीविजन देखने बिताए गए समय (34%) के लगभग बराबर है।

वरुणास्त्र
(Varunastra)

  • भारतीय नौसेना ने स्वदेश विकसित हैवीवेट टॉरपीडो (एक प्रकार का स्वचालित विस्पोटक प्रक्षेपास्त्र) ‘वरुणास्त्र’ (Varunastra) को अपने शस्त्रागार में शामिल करने का फैसला किया है।
  • इस प्रकार के प्रक्षेपास्त्र के शामिल होने के साथ भारत उन आठ देशों के समूह में शामिल हो जाएगा जिनके पास हैवीवेट टॉरपीडो के निर्माण की क्षमता हैं।
  • टारपीडो सिगार के आकार वाली एक स्व-चालित तथा पानी के नीचे लक्ष्य को भेद सकने वाली मिसाइल होती है, जिसे पनडुब्बी, जलीय युद्धपोतों या हवाई जहाज़ द्वारा प्रक्षेपित किया जा सकता है। यह जलीय युद्धपोतों एवं पनडुब्बियों को नष्ट करने में सक्षम होती है।
  • वरुणास्त्र जहाज़ से प्रक्षेपित की जा सकने वाली, विद्युत-चालित, पानी के अंदर लक्ष्य को भेदने में सक्षम मिसाइल है। यह सर्वाधिक उन्नत स्वचालित और रिमोट-संचालित प्रणालियों में से एक है। यह स्वयं लक्ष्य का पता लगाने में सक्षम है। यह पानी के नीचे स्टेल्थ पनडुब्बियों को भी नष्ट कर सकती है।
  • इसकी लंबाई सात से आठ मीटर, वज़न 1,500 किलोग्राम तथा व्यास 533 मिलीमीटर है। पनडुब्बी रोधी इलेक्ट्रिक टारपीडो प्रक्षेपित होने पर 40 समुद्री मील या 74 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है। लेकिन, इसकी ऑपरेशनल रेंज 40 किमी. है और यह 250 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री ले ले जाने में सक्षम है।
  • इस मिसाइल को नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (Naval Science and Technology Laboratory-NTSL), विशाखापत्तनम और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (Bharat Dynamics Limited -BDL), हैदराबाद दोनों ने संयुक्त रूप से विकसित किया है।

नौसेना विज्ञान और तकनीकी प्रयोगशाला

(Naval Science and Technology Laboratory-NSTL)

  • नौसेना विज्ञान और तकनीकी प्रयोगशाला (Naval Science & Technological Laboratory-NSTL) की स्थापना 20 अगस्त, 1969 को विशाखापत्तनम में हुई थी।
  • इसका उद्देश्य भारतीय नौसेना को पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रमुख नौसैनिक प्रणालियों (अंडरवाटर माइन्स, टॉरपीडो, फायर कंट्रोल सिस्टम, वेपन लॉन्चर, टारगेट, डिकॉय, आदि) का विकास करना है।

भारत डायनामिक्स लिमिटेड

(Bharat Dynamics Limited-BDL)

  • यह रक्षा मंत्रालय के तहत भारत सरकार का एक उपक्रम है जिसकी स्थापना वर्ष 1970 में हैदराबाद में हुई थी।
  • इसका लक्ष्य निर्देशित मिसाइलों और सहयोगी रक्षा उपकरणों का विनिर्माण है।
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