प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स : 14 फरवरी, 2019
- 14 Feb 2019
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ई-औषधि पोर्टल (e-AUSHADHI portal)
आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी औषधियों की ऑनलाइन लाइसेंस प्रणाली के लिये ई-औषधि (e-AUSHADHI) नामक पोर्टल लॉन्च किया गया है।
- ई-औषधि पोर्टल का लक्ष्य पारदर्शिता बढ़ाना, सूचना प्रबंधन सुविधा में सुधार लाना, डेटा के इस्तेमाल में सुधार लाना और उत्तरदायित्व बढ़ाना है।
- इस पोर्टल के माध्यम से आवेदनों की प्रक्रिया तथा समय-सीमा के बारे में प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में SMS और ई-मेल के ज़रिये जानकारी दी जाएगी।
- नया ई-पोर्टल आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी ऑटोमेटेड ड्रग हेल्प इनिशिएटिव (Automated Drug Help Initiative) के लिये एक मूल आधार है।
- यह पोर्टल लाइसेंस प्रदाता अधिकारी, निर्माताओं और उपभोक्ताओं के लिये मददगार होने के साथ-साथ लाइसेंसशुदा निर्माताओं तथा उनके उत्पादों, रद्द की गई और नकली औषधियों के बारे में जानकारी, शिकायतों के लिये संबंधित अधिकारी के संपर्क-सूत्र भी तत्काल उपलब्ध कराएगा।
तीसरा भारत- जर्मन पर्यावरण सम्मेलन
Third Indo-German Environment Forum-IGEnvF
13 फरवरी, 2019 को तीसरे भारत-जर्मन पर्यावरण सम्मेलन का आयोजन नई दिल्ली में किया गया।
- इस सम्मेलन की थीम ‘स्वच्छ वायु, हरित अर्थव्यवस्था’ (Cleaner Air, Greener Economy) थी।
- इस एक दिवसीय सम्मेलन में सामूहिक विचार-विमर्श और सामानांतर अधिवेशनों के माध्यम से वायु प्रदूषण नियंत्रण, कचरा प्रबंधन की चुनौतियों, समाधानों और आवश्यक कार्यक्रमों के साथ-साथ क्रमशः पेरिस समझौते (Paris Agreement) तथा संयुक्त राष्ट्र एजेंडा 2030 (Agenda 2030 of UN) पर आधारित NDCs (राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान) और सतत् विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals-SDGs) के कार्यान्वयन पर ज़ोर दिया गया।
- इस सम्मेलन का आयोजन दोनों देशों के पर्यावरण मंत्रालयों ने ज़र्मन बिज़नेस की एशिया-प्रशांत समिति और फिक्की के सहयोग से किया।
- सम्मेलन में मंत्रालयों, कारोबार एवं विज्ञान जगत के साथ-साथ विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के लगभग 250 प्रतिनिधियों ने अपनी भागीदारी दर्ज की।
- इस अवसर पर भारत और जर्मनी के बीच स्वच्छ वायु और वस्त्र क्षेत्र के लिए संदर्भ की तैयारी के बारे में दो संयुक्त आशय घोषणापत्रों (Joint Declaration of Intent-JDI) का भी आदान-प्रदान किया गया।
ट्रांस फैटी एसिड पर जागरूकता अभियान
केरल स्वास्थ्य विभाग ने व्यावसायिक रूप से उपलब्ध खाद्य पदार्थों में ट्रांस फैटी एसिड (Trans Fatty Acid-TFA) के हानिकारक प्रभावों पर सार्वजनिक जागरूकता उत्पन्न करने और ट्रांस फैटी एसिड हेतु निर्धारित वर्तमान वैधानिक सीमाओं को पूरा करने के लिये स्थानीय खाद्य उद्योग को प्रोत्साहित करने की एक कार्य योजना बनाई है।
- इस पहल को विश्व बैंक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (Indian Food Safety and Standards Authority-FSSAI) और राज्य खाद्य सुरक्षा विंग द्वारा सहायता प्रदान की जा रही है।