प्रारंभिक परीक्षा
प्रिलिम्स फैक्ट: 13 अक्तूबर, 2021
- 13 Oct 2021
- 7 min read
नई सिकाडा प्रजाति: नगालैंड
New Cicada Species: Nagaland
हाल ही में नगालैंड के नगा पहाड़ियों में एक नई सिकाडा प्रजाति (प्लैटोमिया कोहिमेन्सिस) पाई गई थी।
- इससे पहले मेघालय में सिकाडस सवाज़ाना मिराबिलिस और सल्वाज़ाना इम्पेरालिस की दो प्रजातियों की खोज की गई थी।
प्रमुख बिंदु
- नई सिकाडा प्रजाति के बारे में:
- सिकाडा हेमीप्टेरान कीड़े हैं जो अपने ज़ोरदार, जटिल और प्रजाति-विशिष्ट ध्वनिक संकेतों या आवाज़ों के लिये जाने जाते हैं।
- हेमिप्टेरान कीड़े, जिन्हें वास्तविक बग भी कहा जाता है, ये अपने माउथपार्ट का उपयोग भोजन खाने के लिये करते हैं।
- नई सिकाडा प्रजाति पूर्वी हिमालय में नगा पहाड़ियों से वर्णित प्लैटिलोमिया राधा समूह से संबंधित है।
- यह नियमित और समयबद्ध रूप से शाम के समय आवाज़ करते हैं।
- टिम्बल विभिन्न कीड़ों में ध्वनि उत्पन्न करने वाली झिल्ली है।
- सिकाडा हेमीप्टेरान कीड़े हैं जो अपने ज़ोरदार, जटिल और प्रजाति-विशिष्ट ध्वनिक संकेतों या आवाज़ों के लिये जाने जाते हैं।
- सिकाडा का महत्त्व:
- वे पेड़ो के लिये अधिक फायदेमंद होते हैं। इनके द्वारा मिट्टी में वायु रंध्रों का निर्माण कर वायु का संचालन किया जाता है और एक बार जब वे मर जाते हैं, तो उनका शरीर बढ़ते पेड़ों के लिये नाइट्रोजन के एक महत्त्वपूर्ण स्रोत के रूप में काम करता है।
- अपने ध्वनिक तरीकों के साथ वे एक स्वस्थ वन पारिस्थितिकी तंत्र के संकेतक के रूप में कार्य करते हैं।
- प्राकृतिक वास:
- अधिकांश सिकाडा कैनोपी के आसपास रहते हैं और बड़े पेड़ों वाले प्राकृतिक जंगलों में पाए जाते हैं।
- भारत और बांग्लादेश में सिकाडा की सामान्य विविधता दुनिया में सबसे अधिक है, इसके बाद चीन का स्थान है।
- खतरा:
- सिकाडा की घटती आबादी का कारण बड़े पैमाने पर प्राकृतिक वन भूमि को मानव बस्तियों और कृषि क्षेत्रों के रूप में उपयोग में लाने के साथ-साथ जंगलों को जलाना है।
- चूँकि इसे एक स्वादिष्ट व्यंजन माना जाता है और इसकी अच्छी कीमत मिलती है, जिसके कारण इनके अस्तित्त्व पर खतरा उत्पन्न हो गया है।
भारतीय चंदन
(Indian Sandalwood)
'आज़ादी का अमृत महोत्सव' पहल के एक हिस्से के रूप में हाल ही में भारत सरकार ने भारतीय चंदन की खेती और प्रबंधन पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य चंदन प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र स्थापित करना, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास में मूल्यवर्द्धन के साथ-साथ किसानों एवं युवा उद्यमियों के बीच खेती के नए तरीकों को पेश करना है।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- ‘संतालम एल्बम’ (Santalum Album), जिसे प्रायः भारतीय चंदन के रूप में जाना जाता है, मूलतः चीन, भारत, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस में पाई जाने वाली एक शुष्क पर्णपाती वन प्रजाति है।
- चंदन लंबे समय से भारतीय विरासत और संस्कृति से जुड़ा हुआ है, क्योंकि भारत विश्व के चंदन व्यापार में 85% का योगदान देता है। हालाँकि बीते कुछ समय में इस आँकड़े में गिरावट आई है।
- यह उष्णकटिबंधीय छोटा वृक्ष लाल लकड़ी और छाल के कई गहरे रंगों (गहरा भूराऔर लाल) के साथ 20 मीटर तक ऊँचा होता है।
- ‘संतालम एल्बम’ यानी भारतीय चंदन की लड़की काफी मज़बूत एवं टिकाऊ होती है।
- ‘संतालम एल्बम’ (Santalum Album), जिसे प्रायः भारतीय चंदन के रूप में जाना जाता है, मूलतः चीन, भारत, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस में पाई जाने वाली एक शुष्क पर्णपाती वन प्रजाति है।
- IUCN रेड लिस्ट: सुभेद्य
- प्रयोग:
- भारत में इसे ‘चंदन’ अथवा ‘श्रीगंधा’ के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय परंपरा में चंदन का एक विशेष स्थान है जहाँ जीवन की शुरुआत से लेकर मृत्यु तक इसका उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जाता रहा है।
- चंदन की लकड़ी का उपयोग फर्नीचर और नक्काशी के लिये भी किया जाता है। लकड़ी और जड़ों में 'चंदन का तेल' भी मौजूद होता है, जिसका उपयोग इत्र, सौंदर्य प्रसाधन, साबुन और दवाओं में किया जाता है। चंदन के वृक्ष की ‘छाल’ में ‘टैनिन’ मौजूद होता है, जिसका उपयोग ‘डाई’ के लिये किया जाता है।
- चंदन के तेल में एंटीसेप्टिक, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीपस्मोडिक गुण मौजूद होते हैं।
- इसका उपयोग ‘अरोमाथेरेपी’ में तनाव व उच्च रक्तचाप को कम करने और घावों को ठीक करने तथा त्वचा के दोषों का इलाज के लिये किया जाता है।
- प्रमुख उत्पादक क्षेत्र: भारत में चंदन अधिकांशतः आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में पाया जाता है।
चंदन बाज़ार
- यद्यपि दुनिया में चंदन की कई किस्में उपलब्ध हैं, भारतीय चंदन और ऑस्ट्रेलियाई चंदन विश्व भर में प्रसिद्ध हैं तथा बाज़ार में इनका उत्कृष्ट व्यावसायिक मूल्य प्राप्त होता है।
- विश्व स्तर पर भारत और ऑस्ट्रेलिया चंदन के सबसे बड़े उत्पादक हैं, जबकि सबसे बड़े बाज़ार अमेरिका, चीन, जापान और भारत में स्थित हैं।