प्रीलिम्स फैक्ट्स: 13 जनवरी, 2020 | 13 Jan 2020
कोरोनावायरस
Coronavirus
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) के अनुसार चीन के वुहान (Wuhan) में कोरोनावायरस के एक नये प्रकार का पता चला है जो निमोनिया जैसी बीमारी का कारक है।
मुख्य बिंदु:
- कोरोनावायरस, एक विशिष्ट वायरस फैमिली से संबंधित है। इस वायरस फैमिली में कुछ वायरस सामान्य रोगों जैसे सर्दी, जुकाम और कुछ गंभीर रोगों जैसे श्वसन एवं आँत के रोगों का कारण बनते हैं।
- कोरोनावायरस की सतह पर कई उभार होते हैं जिसके कारण यह वायरस आकार में राजा के मुकुट की तरह दिखता है, इसलिये इसका नाम ‘कोरोनावायरस’ है।
- कोरोनावायरस मनुष्य के अलावा सुअर, मवेशी, बिल्ली, कुत्ते, ऊँट, हाथी जैसे स्तनधारियों को भी प्रभावित कर सकता है।
- कोरोनावायरस के चार सामान्य निम्नलिखित प्रकार होते हैं-
- 229E अल्फा कोरोनावायरस (Alpha Coronavirus)
- NL63 अल्फा कोरोनावायरस (Alpha Coronavirus)
- OC43 बीटा कोरोनावायरस (Beta Coronavirus)
- HKU1 बीटा कोरोनावायरस (Beta Coronavirus)
- कोरोनावायरस के चार सामान्य निम्नलिखित प्रकार होते हैं-
- चार सामान्य कोरोनावायरस के अतिरिक्त अन्य दो विशिष्ट निम्नलिखित कोरोनावायरस होते हैं-
- कोरोनावायरस मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम
- कोरोनावायरस सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम
कोरोनावायरस मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम
(Middle East Respiratory Syndrome- MERS CoV):
- पहली बार MERS Cov का पता वर्ष 2012 में सऊदी अरब में लगाया गया था। इस कारण इस वायरस को मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस (MERS CoV) कहा जाता है।
- MERS Cov से प्रभावित अधिकतर रोगियों में बुखार, जुकाम और श्वसन समस्याएँ हो जाती हैं।
सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस
(Severe Acute Respiratory Syndrome- SARS CoV):
- SARS CoV से पहली बार वर्ष 2002 में दक्षिण चीन के ग्वांगडोंग प्रांत (Guangdong Province) में मानव में संक्रमण पाया गया।
- SARS CoV से प्रभावित अधिकतर रोगियों में इन्फ्लूएंजा, बुखार, घबराहट, वात-रोग, सिरदर्द, दस्त, कंपन जैसी समस्याएँ पाई जाती हैं।
गौरतलब है कि कोरोनावायरस संक्रमण के लिये अभी तक कोई टीका उपलब्ध नहीं है।
कन्नुम पोंगल
Kaanum Pongal
तमिलनाडु के सलेम ज़िले में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले कन्नुम पोंगल (Kaanum Pongal) का (जल्लीकट्टू की भाँति लेकिन इसमें बैल के बजाय भारतीय लोमड़ी का प्रयोग किया जाता है) का आयोजन किया जायेगा।
मुख्य बिंदु:
- कन्नुम् पोंगल का आयोजन इस मान्यता में किया जाता है कि इससे भरपूर वर्षा होगी ।
- भारतीय लोमड़ी को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम,1972 के तहत एक संरक्षित (Protected) प्रजाति घोषित किया गया है जिससे इसका शिकार करना या पकड़ना प्रतिबंधित है।
भारतीय लोमड़ी या बंगाल फॉक्स
(Indian Fox/Bengal Fox)
- इसका वैज्ञानिक नाम वुलपेस बेंगालेंसिस (Vulpes Bengalensis) है।
- इसका मूल निवास भारत, नेपाल और पाकिस्तान सहित पूरा भारतीय उपमहाद्वीप है।
- इसे अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature- IUCN) की रेड लिस्ट में ‘बहुत कम संकट’ (Least Concern) श्रेणी में रखा गया है।
पोंगल त्योहार (Pongal Festival) के बारे में
- पोंगल, भारत के तमिलनाडु राज्य में चार दिनों तक चलने वाला फसल कटाई उत्सव है।
- पोंगल त्योहार, भोगी पोंगल (Bhogi Pongal) के दिन (तमिल कैलेडर के एक महीने मर्घाज़ी का अंतिम दिन) से शुरू होता है। इसी दिन ‘बोगी पांडिगई’ (Bogi Pandigai) भी मनाया जाता है।
- बोगी पंडिगई उत्तर भारत के पंजाब राज्य में मनाये जाने वाले लोहड़ी (Lohri) नामक फसल त्योहार की तरह है।
- पोंगल में दूसरा दिन सबसे महत्वपूर्ण होता है जिसे थाई पोंगल (Thai Pongal)/सूर्य पोंगल (Surya Pongal) कहा जाता है और यह उत्तर भारत में मनाये जाने वाले मकर संक्रांति (Makar Sankranti) उत्सव की तरह होता है।
- उल्लेखनीय है कि थाई पोंगल तमिल सौर कैलेंडर के अनुसार थाई महीने (Thai month) का पहला दिन है।
- थाई पोंगल के बाद क्रमशः मट्टू पोंगल (Mattu Pongal), कन्नुम पोंगल (Kaanum Pongal) का स्थान आता है।
मगर (क्रोकोडायलस पेलोस्ट्रिस)
Mugger (Crocodylus Palustris)
वार्षिक मगरमच्छ जनगणना (Annual Crocodile Census) के अनुसार, ओडिशा के गंजम जिले के घोड़हाडा जलाशय (Ghodahada Reservoir) और उसके आसपास के क्षेत्र में मगर (Mugger Crocodile) की संख्या बढ़ गई है।
मगर के बारे में
- इसका वैज्ञानिक नाम क्रोकोडायलस पेलोस्ट्रिस (Crocodylus Palustris) है।
- इसे मार्श क्रोकोडाइल (Marsh Crocodile) या स्वैम्प क्रोकोडाइल (Swamp Crocodile) भी कहा जाता है।
- यह उत्तरी भारत के एक छोटे से हिस्से को छोड़कर अधिकांश भारत पाया जाता है। यह पूर्व में म्यांमार से लेकर पश्चिम में ईरान के मध्य पाया जाता है।
- मगर अधिकतर ताजे पानी जैसे नदियों, झीलों, पहाड़ी धाराओं और गाँव के तालाबों में पाया जाता है किंतु यह ताजे पानी और तटीय खारे पानी के लैगून में रह सकता है।
- यह ओडिशा में पाई जाने वाली तीन मगरमच्छ प्रजातियों में से एक है इसके इतर दो अन्य सतकोसिया के घड़ियाल और भितरकनिका में खारे पानी के मगर हैं।
- इसे अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature-IUCN) की रेड लिस्ट में सुभेद्य (Vulnerable) श्रेणी में रखा गया है।
- यह मगर अन्य मगरमच्छ प्रजातियों की तुलना में कम आक्रामक होता है और ये जलाशय एवं उसके आस-पास के तालाबों की मछलियों को आहार के रुप में उपयोग करते हैं।
घोड़हाडा जलाशय:
- घोड़हाडा जलाशय ओडिशा के लखारी घाटी अभयारण्य (Lakhari Valley Sanctuary) के पास स्थित है और यह पूर्वी घाट का एक हिस्सा है।
- इस जलाशय को जल, घोड़हाडा नदी (Ghodahada River) से प्राप्त होता है जो रुशिकुल्या (Rushikulya) की सहायक नदी है।
राष्ट्रीय युवा दिवस 2020
National Youth Day 2020
प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।
उद्देश्य: इसका मुख्य उद्देश्य देश का भविष्य माने जाने वाले युवाओं में तर्कसंगत सोच को बढ़ावा देना है।
मुख्य बिंदु:
- देश के प्रति स्वामी विवेकानंद के योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने वर्ष 1984 में, इनके जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में घोषित किया था।
- राष्ट्रीय युवा दिवस का पहली बार वर्ष 1985 में मनाया गया था।
- अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस 12 अगस्त को मनाया जाता है।
23वाँ राष्ट्रीय युवा महोत्सव-2020
(23th National Youth Festival-2020)
- 23वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव 2020 का आयोजन केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय (Ministry of Youth Affairs and Sports) एवं उत्तर प्रदेश सरकार ने संयुक्त रूप लखनऊ में किया गया।
- इसका उद्देश्य एक ऐसा क्षेत्र विकसित करना है जहाँ युवा अपनी सामाजिक और सांस्कृतिक विशिष्टता का आदान-प्रदान कर सकते हैं। जिससे विविध सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश का यह मिश्रण 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' (Ek Bharat Shreshtha Bharat) के उद्देश्य को साकार कर सके।
- केंद्र सरकार वर्ष 1995 से राष्ट्रीय युवा महोत्सव का आयोजन कर रही है।
- इस बार राष्ट्रीय युवा महोत्सव की थीम ‘फिट यूथ फिट इंडिया’ (FIT YOUTH FIT INDIA) है।