प्रीलिम्स फैक्ट्स: 13 सितंबर, 2019 | 13 Sep 2019
मैत्री, 2019
(Maitree, 2019)
भारत और थाइलैंड के मध्य 16 सिंतबर से 29 सितंबर, 2019 तक मेघालय के उमरोई में मैत्री, 2019 नामक संयुक्त सैन्य अभ्यास का आयोजन किया जाएगा।
उद्देश्य: अपने-अपने देशों में आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों के दौरान प्राप्त अनुभवों को साझा करना।
प्रमुख विशेषताएँ
- अभ्यास मैत्री एक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जिसे वर्ष 2006 से थाइलैंड और भारत में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है।
- विशेष तथ्य है कि भारत अनेक देशों के साथ सैन्य प्रशिक्षण अभ्यासों का संचालन करता है। किंतु, वैश्विक आतंकवाद के बदलते परिदृश्य में थाइलैंड के साथ अभ्यास मैत्री दोनों देशों की सुरक्षा संबंधी चुनौतियों को देखते हुए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है।
- इस अभ्यास में वनों और शहरी परिदृश्य में आतंकवाद विरोधी कार्रवाई पर आधारित कंपनी स्तर के संयुक्त प्रशिक्षण को भी शामिल किया गया है।
- रॉयल थाईलैंड नौसेना और भारतीय नौसेना वर्ष 2005 से हिंद महासागर क्षेत्र में कॉर्पैट (Coordinated Patrols-CORPATs) में भाग ले रहे हैं।
संयुक्त सैन्य अभ्यास से भारतीय सेना और रॉयल थाइलैंड आर्मी के बीच रक्षा सहयोग बढ़ेगा। इससे दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने के साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने में मदद मिलेगी।
अन्य देशों के साथ भारत के संयुक्त सैन्य अभ्यास |
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अभ्यास का नाम | देश |
गरुड़ शक्ति | इंडोनेशिया |
एकुवेरिन | मालदीव |
हैंड-इन-हैंड | चीन |
कुरुक्षेत्र | सिंगापुर |
मित्र शक्ति | श्रीलंका |
नोमेडिक एलिफेंट | मंगोलिया |
शक्ति | फ्राँस |
सूर्य किरण | नेपाल |
युद्धाभ्यास | अमेरिका |
भगवान नटराज
37 वर्ष पहले दक्षिणी तमिलनाडु के एक मंदिर से चोरी हुई एक प्राचीन पंचलोहे [एक प्रकार की मिश्रधातु जिसमें सोना(Au), चांदी (Ag), तांबा (Cu), जस्ता (Zn) और लोहा (Fe) होता है] की भगवान नटराज की मूर्ति को हाल ही में भारत वापस लाया गया है।
- इस प्रतिमा में शिव को उनके दाहिने पैर पर संतलिुत रूप से खड़े हुए और उसी पैर के पंजे से अज्ञान या विस्मृति के दैत्य ‘अपस्मार’ को दबाते हुए दिखाया गया है।
- साथ ही शिव भुजंगत्रासित की स्थिति में अपने बाएँ पैर को उठाए हुए हैं जो ‘तिरोभाव’ यानी भक्त के मन से माया या भ्रम का परदा हटाने का प्रतीक है। उनकी चारों भुजाएँ बाहर की ओर फैली हुई हैं और मुख्य दाहिना हाथ ‘अभय हस्त’ की मुद्रा में उठा हुआ है।
- उनका ऊपरी दायाँ हाथ डमरू, जो उनका प्रिय वाद्य है, पकड़े हुए तालबद्ध ध्वनि उत्पन्न करता हुआ दिखाया गया है। ऊपरी बायाँ ‘दोलहस्त’ मुद्रा में दाहिने हाथ की ‘अभयहस्त’ मुद्रा से जुड़ा हुआ है।
- उनकी जटाएँ दोनों ओर छिटकी हुई हैं और उस वृत्ताकार ज्वाला को छू रही हैं जो नृत्यरत संपूर्ण आकृति को घेरे हए है।
- नटराज के रूप में नृत्य करते हुए शिव की सुप्रसिद्ध प्रतिमा का विकास चोल काल से हो चुका था और उसके बाद इस जटिल कांस्य प्रतिमा के नाना रूप तैयार किये गए।
K2-18b
खगोलविदों ने K2-18b नामक एक ग्रह की खोज की है जहाँ पर निवास के लिये आवश्यक परिस्थितियाँ जैसे- पानी और सामान्य तापमान के होने की संभावना है।
- K2-18b बाह्यअंतरिक्ष में एक ग्रह है। यह पृथ्वी से 110 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है।
- K2-18b का द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान से आठ गुना अधिक है।
- K2-18b से संबंधित यह अध्ययन नेचर एस्ट्रोनॉमी ( Nature Astronomy) नमक जर्नल में प्रकाशित किया गया।
- खगोलविदों ने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और नासा के हबल स्पेस टेलीस्कोप द्वारा वर्ष 2016 और 2017 में एकत्र किए गए डेटा का उपयोग करते हुए K2-18b के वातावरण से फिल्टर हुए प्रकाश (Starlight) का विश्लेषण करने के लिये ओपन-सोर्स एल्गोरिदम विकसित किया।
- इस अध्ययन के निष्कर्षों के अनुसार, इस ग्रह पर जलवाष्प की उपस्थिति की संभावनाएँ है। जलवाष्प की उपलब्धता से इस ग्रह के वायुमंडल में हाइड्रोजन और हीलियम की उपस्थिति की संभावना व्यक्त की जा रही है।
- इस ग्रह के वायुमंडल में नाइट्रोजन और मीथेन सहित अन्य अणुओं के मौजूद होने की भी संभावना है लेकिन इसको लेकर किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं एकत्र की जा सकी है।