प्रीलिम्स फैक्ट्स: 13- 07- 2019 | 13 Jul 2019
कांगड़ा शैली
मुगल साम्राज्य के पतन के पश्चात् मुग़ल शैली के कई चित्रकार हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में बस गए, जहाँ उन्हें राजा गोवर्धन सिंह से संरक्षण प्राप्त हुआ।
- इसके परिणामस्वरूप चित्रकला की कांगड़ा शैली का जन्म हुआ।
- इस शैली का सर्वाधिक विकास राजा संसार चंद के संरक्षण में हुआ।
- चित्रकला की अन्य शैलियों के इतर कांगड़ा की यह विशेषता है कि इसमें संवेदनशील और बुद्धिमत्ता की बहुलता पाई जाती है।
- भागवत पुराण सहित गीत-गोविंद, बिहारीलाल की सतसई और नल-दमयंती इस प्रकार की चित्रकारी के प्रमुख विषय रहे हैं।
- संवेदनशीलता से भरपूर यह शैली 19वीं सदी तक काफी लोकप्रिय रही।
अंशुला कांत
भारत की अंशुला कांत को विश्व बैंक की प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) नियुक्त किया गया है।
- अंशुला कांत विश्व बैंक की पहली महिला मुख्य वित्तीय अधिकारी होंगी।
- प्रबंध निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी के रूप में वह निम्नलिखित ज़िम्मेदारियों का निर्वहन करेंगी:
- विश्व बैंक समूह का वित्तीय और जोखिम प्रबंधन।
- वित्तीय रिपोर्टिंग की स्थिति।
- वित्तीय संसाधनों के एकत्रीकरण पर विश्व बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के साथ मिलकर काम करना।
बायबैक टैक्स
Buyback Tax
वित्त मंत्रालय के अनुसार बजट 2018-19 में शेयर बायबैक पर प्रस्तावित 20 फीसद के कर को लागू करने की व्यावहारिता पर गौर किया जाएगा।
- जब कोई कंपनी अपने ही शेयर की निवेशकों से खरीद करती है तो इसे बायबैक कहा जाता है। बायबैक की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन शेयरों का अस्तित्व खत्म हो जाता है। बायबैक के लिये मुख्यत: टेंडर ऑफर या ओपन मार्केट का इस्तेमाल किया जाता है।
- कंपनी द्वारा कई कारणों से बायबैक का फैसला लिया जाता है। सबसे बड़ा कारण है कंपनी की बैलेंसशीट में अतिरिक्त नकदी का होना। कंपनी के पास बहुत अधिक नकदी का होना अच्छा संकेत नहीं माना जाता है। इससे यह माना जाता है कि कंपनी अपनी नकदी का इस्तेमाल नहीं कर पा रही है। शेयर बायबैक के माध्यम से कंपनी अपनी अतिरिक्त नकदी का प्रयोग करती है।
- भारत के आयकर अधिनियम के अनुच्छेद 115-O के तहत घरेलू कंपनी द्वारा लाभांश के रूप में घोषित, वितरित या भुगतान की गई कोई भी राशि लाभांश वितरण कर (Dividend distribution tax-DDT) के लिये कर की पात्र होगी। ये नियम केवल घरेलू कंपनी (विदेशी कंपनी नहीं) पर ही लागू है।
लक्ष्य कार्यक्रम
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के ‘लक्ष्य कार्यक्रम’ (Labour room Quality Improvement Initiative-LaQshya) का उद्देश्य प्रसूति गृह और प्रसूति शल्य चिकित्सा कक्ष देखभाल की गुणवत्ता में सुधार करना है।
लक्ष्य: इस कार्यक्रम से मातृ एवं नवजात अस्वस्थता तथा मृत्यु दर में कमी आएगी, प्रसूति के दौरान एवं उसके बाद की देखभाल की गुणवत्ता में सुधार होगा और सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में सभी गर्भवती महिलाओं को सम्मानपूर्ण मातृत्व देखभाल की सुविधा प्राप्त होगी।
उद्देश्य:
- मातृ और नवजात मृत्यु दर और अस्वस्थता को कम करना।
- प्रसूति तथा इसके तुरंत बाद की अवधि में देखभाल की गुणवत्ता में सुधार, जटिलताओं को संभालना और समय पर रेफरल सुनिश्चित करना तथा एक प्रभावी दो-तरफ़ा अनुवर्ती प्रणाली को सक्षम बनाना।
- सभी गर्भवती महिलाओं को सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में सम्माननीय मातृत्व देखभाल की सुविधा प्रदान करना।
रणनीतियाँ
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी ‘प्रसूति कक्ष मानक दिशा-निर्देश’ तथा 'मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य टूलकिट' के अनुसार प्रसूति गृह और प्रसूति शल्य चिकित्सा कक्ष विन्यास और कार्यप्रवाह को पुनर्गठित/संरेखित किया गया है।
- यह सुनिश्चित करना, कि जीवन संरक्षण में महत्त्वपूर्ण देखभाल की आवश्यकता वाले जटिल गर्भधारण प्रबंधन के लिये राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार कम-से-कम सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और अधिक मामलों के भार वाले ज़िला अस्पतालों में समर्पित प्रसूति एचडीयू (उच्च निर्भरता इकाइयाँ) संचालित की गई हैं।
- बड़े केंद्रों को भेजने से पहले प्रबंधन और जटिलताओं को सँभालते हुए नैदानिक प्रोटोकॉल का दृढ़ता से अनुपालन सुनिश्चित करना।