प्रीलिम्स फैक्ट्स: 12 नवंबर, 2019 | 12 Nov 2019
प्लायोसॉर
Pliosaur
हाल ही में पोलैंड में अवस्थित स्वेतोक्रिज़्स्की पर्वत (Swietokrzyskie Mountains) के उत्तर में प्लायोसॉर (Pliosaur) सरीसृपों की अस्थियों के अवशेष पाये गए हैं।
प्लायोसॉर के बारे में:
- प्लायोसॉर एक प्रकार के विशालकाय मांसाहारी सरीसृप है जो लगभग 150 मिलियन वर्ष पहले महासागरों में पाया जाता था।
- इसलिये इन्हें समुद्री राक्षस की संज्ञा दी गई।
- इन सरीसृपों की बड़ी खोपड़ी तथा बड़े एवं तीव्र दाँतों के साथ विशाल जबड़ा होता था।
- इन्हें सबाॅर्डर प्लायोसाउरेडिया (Suborder Pliosauroidea) वर्ग में रखा गया है, इस वर्ग के सदस्यों को प्लायोसॉर कहा जाता है।
- ऐसा माना जाता है कि ज़ुरैसिक काल में स्वेतोक्रिज़्स्की पर्वत एक द्वीपसमूह था इसके आसपास गर्म लैगून और छिछला समुद्री क्षेत्र था। यह समुद्री क्षेत्र जीवाश्म वैज्ञानिकों द्वारा खोजे गए समुद्री सरीसृप का निवास स्थान था।
- जिन क्षेत्रों में अवशेषों की खोज की गई थी उन्हे समुद्री सरीसृपों के जीवाश्मों से समृद्ध माना जाता है।
गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती
550th Birth Anniversary of Sri Guru Nanak Dev Ji
12 नवंबर 2019 (कार्तिक पूर्णिमा) को गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती को प्रकाश पर्व के रुप में मनाया जा रहा है।
गुरु नानक देव जी कौन थे?
- गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में कार्तिक महीने में पूर्णिमा के दिन ननकाना साहिब (वर्तमान में पाकिस्तान में स्थित है) में हुआ था।
- गुरु नानक देव 10 सिख गुरुओं में से पहले और सिख धर्म के संस्थापक थे।
- गुरु नानक देव जी एक दार्शनिक, समाज सुधारक, चिंतक और कवि थे
- इन्होने समानता और भाईचारे पर आधारित समाज तथा महिलाओं के सम्मान की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
- गुरु नानक देव जी ने विश्व को 'नाम जपो, किरत करो, वंड छको' का संदेश दिया जिसका अर्थ है- ईश्वर के नाम का जप करो, ईमानदारी और मेहनत के साथ अपनी ज़िम्मेदारी निभाओ तथा जो कुछ भी कमाते हो उसे ज़रूरतमंदों के साथ बाँटो।
- ये एक आदर्श व्यक्ति थे, जो एक संत की तरह रहे और पूरे विश्व को 'कर्म' का संदेश दिया।
- उन्होंने भक्ति के 'निर्गुण' रूप की शिक्षा दी।
- इसके अलावा उन्होंने अपने अनुयायियों को एक समुदाय में संगठित किया और सामूहिक पूजा (संगत) के लिये कुछ नियम बनाए।
डेमोसिल क्रेन
Demoiselle crane
हाल ही में राजस्थान के जोधपुर के एक गाँव में लगभग 37 डेमोसिल क्रेन (Demoiselle crane) मृत पाई गई हैं।
- पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार, इन पक्षियों की मौत कीटनाशक युक्त खाद्यान्न के सेवन से हुई है।
डेमोसिल क्रेन के बारे में:
- सारस की प्रजाति डेमोसिल क्रेन को स्थानीय बोल चाल की भाषा में कुरजा कहा जाता है।
- ये प्रवासी पक्षी हैं जो साइबेरिया से हजारों किलोमीटर लंबा सफर तय करके भारत में प्रत्येक वर्ष आते हैं।
- राजस्थान में प्रत्येक वर्ष लगभग पचास स्थानों पर कुरजा पक्षी आते हैं और अक्तूबर से मार्च माह तक यहाँ निवास करते हैं।
- पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान में जोधपुर, बीकानेर और नागौर ज़िलों में लगभग 35,000 डेमोसिल क्रेन हैं।
- जिनमे से कुछ पक्षी यूरेशिया के क्रेन वर्किंग ग्रुप (Crane working Group Of Eurashia) द्वारा चलाये गए ‘1000 क्रेन प्रोजेक्ट’ के तहत चिह्नित किये गए हैं।
पेडोफिलिया
Paedophilia
विशेषज्ञों के अनुसार पेडोफिलिया (Paedophilia) का उपचार संभव है।
पेडोफिलिया क्या है?
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation- WHO) के अनुसार पेडोफिलिया एक ऐसा मनोरोग है जिसमें रोगी, बच्चों के प्रति यौन इच्छाओं से ग्रसित रहता है।
- विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले चार वर्षों में लगभग 300 से अधिक रोगियों के द्वारा एक ऑनलाइन पोर्टल के तहत परामर्श के लिये संपर्क किया गया है।
- इस मनोरोग को पूर्णतः उपचारित नहीं किया जा सकता परंतु दवा तथा परामर्श के माध्यम से व्यक्ति के व्यवहार को नियंत्रित किया जा सकता है।
- बर्लिन की एक यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों के अनुसार पुरुष आबादी का कम से कम 1% पीडोफिलिया से ग्रसित है जिसके लक्षण किशोरावस्था के बाद से प्रकट होते हैं।
- पीडोफिलिया बाल शोषण से अलग है।