प्रीलिम्स फैक्ट्स: 12 अप्रैल, 2019 | 12 Apr 2019
थ्री-पर्सन बेबी
हाल ही में ग्रीक और स्पैनिश डॉक्टरों की एक टीम ने दो महिलाओं और एक पुरुष के आनुवंशिक तत्त्वों का उपयोग करके एक बच्चे (ग्रीस में) को जन्म दिया है।
- चिकित्सा जगत में इस तकनीक को स्पिंडल ट्रांसफर के नाम से जाना जाता है। इस तकनीक में तीन लोगों के डीएनए के मिश्रण का इस्तेमाल किया जाता है। आम भाषा में इस तकनीक को थ्री-पर्सन बेबी या थ्री-पैरेंट बेबी भी कहा जाता है।
- इस तकनीक की सहायता से पहले बच्चे का जन्म मेक्सिको में हुआ था।
- वैज्ञानिक, शोधकर्त्ता और अन्य बुद्धिजीवी इस तकनीक के नैतिक औचित्य पर सवाल खड़े करते हैं।
- इस प्रक्रिया को माइटोकॉन्ड्रियल बीमारियों से पीड़ित माताओं तथा मौजूदा आईवीएफ उपचारों में मदद करने हेतु विकसित किया गया था।
- माइटोकॉन्ड्रिया हमारे पूरे डीएनए का करीब 0.0005% डीएनए धारण करता है किंतु जन्म लेने वाले बच्चे इसे केवल अपनी माँ से ही प्राप्त करते हैं। यदि माँ के माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए में कोई खामी हो तो बच्चे में भी बीमारी उत्पन्न होने की पूरी संभावना बन जाती है।
नई मानव प्रजाति
हाल ही में शोधकर्त्ताओं ने एक और मानव प्रजाति के अवशेष का पता लगाया है।
- फिलीपींस के सबसे बड़े द्वीप लूज़ोन में पाई गई इस प्रजाति का नाम होमो लूज़ोनेंसिस (Homo luzonensis) रखा गया है।
- फिलीपींस में लूज़ोन द्वीप पर पाए गए दो वयस्कों और एक बच्चे की 13 हड्डियों और दाँतों के आधार पर ही इसे (होमो लुजोनेंसिस) को एक अलग प्रजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- होमो लूज़ोनेंसिस प्रजाति कद में लगभग 3-4 फीट ऊँची थी और 50,000 से 67,000 साल पहले लूज़ोन द्वीप पर रहती थी। ये आधुनिक मनुष्यों के प्राचीन संबंधी (प्रत्यक्ष पूर्वज नहीं) हो सकते हैं।