प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स : 12 फरवरी, 2019
- 12 Feb 2019
- 10 min read
‘लाइट हाउस परियोजना चुनौती’
(Light House Project Challenge)
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (Ministry of Housing & Urban Affairs-MoHUA) ने GHTC-इंडिया के तहत लाइट हाउस परियोजनाओं के निर्माण हेतु पूरे देश में 6 स्थलों का चयन करने के लिये राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के लिये एक चुनौती की शुरुआत की है।
- इस चुनौती के निर्धारित मानदंडों के अनुसार, सबसे अधिक अंक अर्जित करने वाले 6 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को लाइट हाउस परियोजनाएँ प्रदान की जाएंगी। इन राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY-Urban) के दिशा-निर्देशों के अनुसार परियोजनाओं के निर्माण के लिये केंद्रीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
- इसके अलावा, नई प्रौद्योगिकी के उपयोग और अर्थव्यवस्थाओं से संबंधित मुद्दों से निपटने और अन्य संबंधित कारकों के कारण होने वाले किसी अतिरिक्त लागत के प्रभाव को दूर करने के लिये राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लिये प्रौद्योगिकी नवाचार अनुदान (Technology Innovation Grant-TIG) का भी प्रावधान किया गया है।
GHTC-इंडिया
- आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय पहले ही वैश्विक आवास प्रौद्योगिकी चुनौती-इंडिया (Global Housing Technology Challenge-India) की शुरूआत कर चुका है। इस चुनौती के तीन घटक हैं-
- ग्रांड एक्सपो एवं सम्मेलन का आयोजन करना।
- दुनिया भर से प्रमाणित प्रदर्शन योग्य प्रौद्योगिकियों की पहचान करना।
- उष्मायन और त्वरित सहायता के लिये किफायती, स्थायी आवास की स्थापना के माध्यम से संभावित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना।
- अंतिम रूप से चयनित वैश्विक प्रौद्योगिकी प्रदाताओं को प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के ढांचे के अंदर लाइट हाउस परियोजनाओं की योजना बनाने और निर्माण के लिये आमंत्रित किया जाएगा।
स्वच्छ शक्ति -2019
(Swachh Shakti-2019)
पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ने हरियाणा सरकार के साथ मिलकर स्वच्छ शक्ति 2019 का आयोजन किया।
- स्वच्छ शक्ति का यह तीसरा सम्मेलन था जिसका आयोजन कुरुक्षेत्र में किया गया।
- स्वच्छ शक्ति-2019 एक राष्ट्रीय आयोजन है, जिसका उद्देश्य स्वच्छ भारत मिशन में ग्रामीण महिलाओं द्वारा निभाई गई नेतृत्वकारी भूमिका पर प्रकाश डालना है।
- इस आयोजन में पूरे देश की महिला सरपंच और पंच शामिल हुईं।
- इस वर्ष महिलाओं के सशक्तीकरण के उद्देश्य से लगभग 15,000 महिलाओं ने स्वच्छ शक्ति कार्यक्रम में भाग लिया है।
- इस कार्यक्रम के दौरान महिला सरपंचों द्वारा स्वच्छ भारत के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में ज़मीनी स्तर पर अपनाई गई बेहतरीन पद्धतियों को साझा किया जाता है।
- इस कार्यक्रम में स्वच्छ भारत की उपलब्धियों और हाल ही में आयोजित स्वच्छ सुंदर शौचालय, (Neat and Clean Toilet) जो कि विश्व में अपनी तरह का एक अनूठा अभियान है का भी पहली बार इसमें प्रदर्शन किया गया।
पृष्ठभूमि
- स्वच्छ शक्ति कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2017 में गुजरात के गांधीनगर से हुई थी। तब देश भर से 6 हज़ार महिला सरपंचों ने इसमें भाग लिया था।
- दूसरे स्वच्छ शक्ति सम्मेलन का आयोजन 2018 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ में किया गया था। जिसमें 8 हज़ार महिला सरपंच, 3 हज़ार महिला स्वच्छाग्रही तथा देश भर में विभिन्न क्षेत्रों से आई महिलाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया था।
- स्वच्छ भारत अभियान के क्षेत्र में किये गए सराहानीय कार्यों के लिये इन महिलाओं को सम्मानित किया गया था।
सांस्कृतिक विरासत युवा नेतृत्व कार्यक्रम
(Cultural Heritage Youth Leadership Programme-CHYLP)
केंद्रीय संस्कृति मंत्री द्वारा लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी गई जानकारी के अनुसार, संस्कृति मंत्रालय ने युवाओं में भारतीय संस्कृति और विरासत के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिये सांस्कृतिक विरासत युवा नेतृत्व कार्यक्रम(CHYLP) हेतु सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र(CCRT) को वर्ष 2018-19 के दौरान 10 लाख रुपए आवंटित किये।
कार्यक्रम के बारे में
- भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रति लगाव को बढ़ाने और स्कूली बच्चों में सांस्कृतिक जागरूकता के प्रोत्साहन के उद्देश्य से 19 नवंबर, 2011 को सांस्कृतिक विरासत युवा नेतृत्व कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी।
- इस योजना का उद्देश्य क्षेत्रीय भाषाओं के माध्यम से पिछड़े क्षेत्रों में रह रहे अलाभान्वित बच्चों पर खास ध्यान देना है।
सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र(CCRT)
- सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र एक अग्रणी संस्थान है, जो शिक्षा को संस्कृति के साथ जोड़ने का कार्य कर रहा है।
- इसकी स्थापना मई 1979 में कमलादेवी चट्टोपाध्याय तथा डॉ. कपिला वात्स्यायन द्वारा की गई थी।
- यह केंद्र संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण में एक स्वायत्त संस्थान के रूप में कार्यरत है।
- इस केंद्र का मुख्य सैद्धांतिक उद्देश्य बच्चों को सात्विक शिक्षा प्रदान कर उनका भावात्मक व आध्यात्मिक विकास करना है।
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है तथा इसके तीन क्षेत्रीय केंद्र हैं, जो भारतीय कला और संस्कृति के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु पश्चिम में उदयपुर, दक्षिण में हैदराबाद तथा पूर्वोत्तर में गुवाहाटी में स्थित हैं।
बौद्ध सर्किट के अंतर्गत पाँच नई परियोजनाओं को मंज़ूरी
बौद्ध सर्किट स्वदेश दर्शन योजना के तहत विकास के लिये चिह्नित विषयगत (थीम आधारित) सर्किटों में से एक है। मंत्रालय ने इस सर्किट के तहत 361.97 करोड़ की 5 नई परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है।
ये पाँच परियोजनाएँ हैं-
- सांची-सतना-रीवा-मंदसौर-धार में बौद्ध सर्किट का विकास (मध्य प्रदेश)
- श्रावस्ती, कुशीनगर, और कपिलवस्तु में बौद्ध सर्किट का विकास (उत्तर प्रदेश)
- बोधगया के पश्चिमी तरफ माया सरोवर के निकट कन्वेंशन सेंटर का निर्माण (बिहार)
- जूनागढ़-गिर-सोमनाथ-भरूच-कच्छ-भावनगर-राजकोट-मेहसाणा बौद्ध सर्किट का विकास (गुजरात)
- सलीहुंडम-थोटलाकोंडा-बाविकोन्डा-बोज्जनाकोंडा-अमरावती-अनुपू बौद्ध सर्किट का विकास (आंध्र प्रदेश)
स्वदेश दर्शन योजना
- स्वदेश दर्शन योजना पर्यटन मंत्रालय की महत्त्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है, जिसका उद्देश्य देश में योजनाबद्ध और प्राथमिकता के आधार पर खास विशेषता वाले सर्किटों का विकास करना है।
- इस योजना के तहत सरकार जहाँ एक ओर पर्यटकों को बेहतर अनुभव और सुविधाएँ देने के उद्देश्य से गुणवत्तापूर्ण ढाँचागत विकास पर ज़ोर दे रही है, वहीं दूसरी ओर आर्थिक वृद्धि को भी प्रोत्साहित कर रही है।
- इस योजना की शुरुआत 2014-15 में की गई थी।
- इस योजना के तहत जिन विषयगत आधारों पर सर्किटों का विकास किया जाता है, उनके नाम हैं- पूर्वोत्तर भारत सर्किट, बौद्ध सर्किट, हिमालय सर्किट, तटीय सर्किट, कृष्णा सर्किट, रेगिस्तान सर्किट, जनजातीय सर्किट, इको सर्किट, वन-जीवन सर्किट, ग्रामीण सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, रामायण सर्किट एवं धरोहर सर्किट।