प्रीलिम्स फैक्ट्स: 11 दिसंबर, 2019 | 11 Dec 2019
फ्रॉगफोन
FrogPhone
हाल ही में वैज्ञानिकों ने जंगलों में रहने वाले जीवों की निगरानी के लिये एक नई डिवाइस ‘फ्रॉगफोन’ विकसित की है।
मुख्य बिंदु:
- मेंढकों की निगरानी के लिये सबसे ज़्यादा प्रभावी होने के कारण इस डिवाइस को "फ्रॉगफोन" नाम दिया गया है।
- यह दुनिया की पहली ऐसी सौर-संचालित रिमोट सर्वेक्षण डिवाइस है जो मेंढकों की आवाज़ को पहचान सकती है और 3G एवं 4G सेलफोन के ज़रिये उनका सर्वेक्षण कर सकती है इसके लिये न तो प्री-रिकार्डिंग की ज़रूरत है और न ही किसी तरीके की आवाज़ अपलोड करना ज़रूरी है।
- शोधकर्त्ताओं का मानना है कि तालाबों, पोखरों और नदियों के आसपास एक बार इस डिवाइस को इंस्टाल करने के बाद कभी भी मेंढकों की आवाज़ को सेलफोन की मदद से सुना जा सकता है।
शोधकर्त्ता टीम:- इसे ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय और कैनबरा विश्वविद्यालय की एक टीम द्वारा विकसित किया गया है।
फ्रॉगफोन कैसे काम करता है:
- फ्रॉगफोन द्वारा मेंढकों के निवास स्थान को संकेत भेजने और इसे वापस प्राप्त करने में तीन सेकंड का समय लगता है।
- इन कुछ सेकंडों के दौरान डिवाइस का तापमान सेंसर सक्रिय हो जाएगा और पर्यावरणीय डेटा जैसे वायु का तापमान, पानी का तापमान और बैटरी वोल्टेज टेक्स्ट मैसेज के रूप में संकेत भेजने वाले के सेलफोन पर आ जाएगा।
- शोधकर्त्ता फ्रॉगफोन को दूर से डायल करने के बाद प्राप्त डेटा का विश्लेषण करके मेंढकों से संबंधित हर छोटी - बड़ी जानकारी को आसानी से एकत्र कर सकेंगे।
फ्रॉगफोन की उपयोगिता:
- यह डिवाइस लागत और जोखिमों को कम करेगा।
- फ़ील्ड साइट पर मानव उपस्थिति के नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सकेगा।
- वन्यजीव संरक्षण की दिशा में यह डिवाइस नई रणनीति बनाने में मदद कर सकती है।
- इस डिवाइस से स्थानीय मेंढकों की जनसंख्या की निगरानी करके पर्यावरणीय स्वास्थ्य की स्थिति का पता लगाया जा सकता है।
कीर्ति मठ की 25वीं स्थापना वर्षगाँठ
25th Founding Anniversary of Kirti Monastery
कीर्ति मठ की 25वीं स्थापना वर्षगाँठ के उद्घाटन समारोह के अवसर पर मैक्लोडगंज, धर्मशाला में 14वें दलाई लामा ने मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया।
- कीर्ति गोम्पा (मठ) की स्थापना वर्ष 1472 में त्सोंगखापा (Tsongkhapa) के एक शिष्य रोंगपा चेनाकपा (Rongpa Chenakpa) ने की थी।
- कीर्ति रिनपोचे (Kirti Rinpoche) द्वारा स्थापित पहला कीर्ति मठ गीलरंग (Gyelrang) में था। इस समय चीन के सिचुआन में दो मुख्य कीर्ति मठ तकत्संग ल्हामो (Taktsang Lhamo) और नगावा प्रांत में स्थित हैं।
- चीन द्वारा तिब्बत पर आक्रमण किये जाने से पहले यह क्षेत्र खाम के ऐतिहासिक तिब्बती क्षेत्र का हिस्सा था।
- टकत्संग ल्हामो (Taktsang Lhamo) को ‘सांस्कृतिक क्रांति’ के दौरान नष्ट कर दिया गया था और अब इसे फिर से बनाया गया है।
- 12वें कीर्ति त्सेन्जब रिनपोचे (मठ का मुखिया बनने वाले 55वें लामा) अब निर्वासन में रहते हैं।
- कीर्ति त्सेन्जब रिनपोचे ने तिब्बती निर्वासित भिक्षुओं को आश्रय देने के लिये अप्रैल 1990 में भारत के धर्मशाला में एक कीर्ति मठ की स्थापना की थी।
वर्ल्ड हैबिटेट अवार्ड
World Habitat Award
हाल ही में ओडिशा सरकार ने ‘JAGA Mission’ के लिये वर्ल्ड हैबिटेट अवार्ड (World Habitat Award) जीता।
मुख्य बिंदु:
- वर्ल्ड हैबिटेट अवार्ड्स की स्थापना, वर्ष 1985 में बिल्डिंग एंड सोशल हाउसिंग फाउंडेशन (Building and Social Housing Foundation) द्वारा की गई थी।
- यह पुरस्कार वर्ल्ड हैबिटेट (यूके में स्थित) द्वारा यूएन-हैबिटेट (UN-Habitat) के साथ मिलकर प्रदान किया जाता है।
- यह पुरस्कार दुनिया भर से अभिनव, उत्कृष्ट और क्रांतिकारी आवासीय विचारों, परियोजनाओं एवं कार्यक्रमों की पहचान स्वरूप प्रदान किया जाता है।
- ओडिशा सरकार ने अपनी महत्त्वाकांक्षी पहल ’JAGA’ मिशन के लिये विश्व पर्यावास पुरस्कार जीता है, जिसके तहत झुग्गियों में रहने वाले 52,682 शहरी गरीब परिवारों को ‘भूमि अधिकार प्रमाण पत्र’ प्रदान किया गया है।
‘JAGA’ मिशन-ओडिशा
- ओडिशा सरकार ने 7 मई, 2018 को इस मिशन की शुरुआत की थी।
- इस मिशन का उद्देश्य "आत्म-सम्मान और बेदखली के सतत भय से मुक्ति" देने के वादे के तहत मलिन बस्तियों में रहने वाले एक लाख शहरी गरीबों को लाभान्वित करना।
- ‘टाटा ट्रस्ट’ और ‘नॉर्मन फोस्टर फाउंडेशन’ के सहयोग से इस मिशन को अंजाम दिया जा रहा है।
- हाल ही में इस परियोजना को शहरी गरीबों के जीवन को बदलने में तकनीकी नवाचार के लिये ‘भारत भू-स्थानिक उत्कृष्टता पुरस्कार’ (India Geospatial Excellence Award) से भी सम्मानित किया गया था।
भारतीय संस्कृति पोर्टल
Indian Culture Portal
हाल ही में केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने भारत की समृद्ध मूर्त और अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की जानकारी प्राप्त करने के लिये ‘भारतीय संस्कृति पोर्टल’ लॉन्च किया।
विशेषताएँ:
- यह पहला सरकारी अधिकृत पोर्टल है जहाँ संस्कृति मंत्रालय के विभिन्न संगठनों (जैसे- भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार, गांधी स्मृति और दर्शन स्मृति, भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र) के ज्ञान एवं सांस्कृतिक संसाधन एक ही मंच पर सार्वजनिक क्षेत्र में उपलब्ध हैं।
- इसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे की एक टीम द्वारा विकसित किया गया था, जबकि डेटा का संकलन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) द्वारा किया गया है।
- यह पोर्टल देश भर में अभिलेखागार, संग्रहालयों, अकादमियों और पुस्तकालयों से दस्तावेज़ो, छवियों, ऑडियो-वीडियो फ़ाइलों तथा अन्य डेटा को संगृहीत करता है।
- इस पोर्टल पर वर्तमान में 90 लाख से अधिक वस्तुओं के बारे में जानकारी उपलब्ध है।
- यह परियोजना भारत की ‘डिजिटल इंडिया’ पहल का हिस्सा है, जो देश एवं विदेश दोनों में भारत की समृद्ध मूर्त और अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की जानकारी देती है।
- यह पोर्टल वर्तमान में अंग्रेज़ी और हिंदी भाषा के साथ भविष्य में अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध होगा।
पोर्टल पर उपलब्ध सामग्री:
- इस पोर्टल पर उपलब्ध सामग्री में मुख्य रूप से दुर्लभ पुस्तकें, ई-पुस्तकें, पांडुलिपियाँ, संग्रहालय की कलाकृतियों, आभासी दीर्घाओं, अभिलेखागार, फोटो अभिलेखागार, गज़ेटियर, भारतीय राष्ट्रीय ग्रंथ सूची, वीडियो, चित्र, व्यंजन, यूनेस्को, भारत के संगीत उपकरण शामिल हैं।
नवआर्म्स- 2019
NAVARMS-2019
नौसेना हथियार प्रणाली “नवआर्म्स - 2019” पर चौथी अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी सह प्रदर्शनी 12-13 दिसंबर, 2019 को नई दिल्ली के रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान में आयोजित की जाएगी।
संगोष्ठी की थीम: मेक इन इंडिया – युद्ध श्रेणी : अवसर और आवश्यकताएँ (Make in India - Fight Category: Opportunities and Imperatives)
मुख्य बिंदु:
- यह आयोजन विचारों के आदान-प्रदान, जागरूकता पैदा करने और नौसेना हथियार प्रणाली के क्षेत्र में भारतीय / अंतर्राष्ट्रीय रक्षा उद्योग के लिए उभरती संभावनाओं की पहचान करने का अवसर प्रदान करेगा।
- नवआर्म्स देश में आयोजित नौसेना हथियार प्रणालियों पर एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी और प्रदर्शनी है, जो नौसेना के हथियारों के जीवन चक्र प्रबंधन में सभी हितधारकों को आमंत्रित करने और उनके विचारों और चिंताओं को साझा करने के लिये एक साझा मंच प्रदान करती है।
- नवआर्म्स के पिछले तीन संस्करण 2007, 2010 और 2013 में आयोजित किये गए थे।