प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 09 जुलाई, 2020
- 09 Jul 2020
- 15 min read
गोल्डन बर्डविंग
Golden Birdwing
हाल ही में हिमालयी तितली ‘गोल्डन बर्डविंग’ (Golden Birdwing) को 88 वर्षों के बाद भारत की सबसे बड़ी तितली के रूप में खोजा गया।
प्रमुख बिंदु:
- ‘गोल्डन बर्डविंग’ (Golden Birdwing) का वैज्ञानिक नाम ‘ट्रॉइडस आइकस’ (Troides aeacus) है।
- इस तितली की प्रजाति ने उस अज्ञात प्रजाति का स्थान लिया है जिसे एक ब्रिटिश सेना अधिकारी ब्रिगेडियर इवांस (Brigadier Evans) ने वर्ष 1932 में खोजा था।
गोल्डन बर्डविंग की खोज:
- ‘मादा गोल्डन बर्डविंग’ को उत्तराखंड के दीदीहाट (Didihat) से जबकि ‘नर गोल्डन बर्डविंग’ मेघालय के शिलांग में ‘वानखर तितली संग्रहालय’ (Wankhar Butterfly Museum) से खोजा गया।
गोल्डन बर्डविंग की विशेषताएँ:
- इस प्रजाति के पंखों की लंबाई 194 मिलीमीटर तक होती है। इस प्रजाति की मादा गोल्डन बर्डविंग, दक्षिणी बर्डविंग (190 मिलीमीटर) की तुलना में मामूली रूप से बड़ी होती है।
- इससे पहले सबसे बड़ी भारतीय तितली जो वर्ष 1932 में दर्ज की गई थी वह ‘दक्षिणी बर्डविंग’ (Southern Birdwing) प्रजाति से ही संबंधित थी। जिसे तब ‘कॉमन बर्डविंग’ (Common Birdwing) [वैज्ञानिक नाम- ट्रॉइडेस हेलेना (Troides Helena)] की उप-प्रजाति के रूप में माना जाता था।
दक्षिणी बर्डविंग (Southern Birdwing):
- दक्षिणी बर्डविंग (Southern Birdwing) का वैज्ञानिक नाम ‘ट्रॉइडेस मिनोस’ (Troides Minos) है।
- इसके पंखों की लंबाई 140-190 मिलीमीटर तक होती है। इसे भारत की सबसे बड़ी तितलियों में से एक माना जाता है।
- दक्षिणी बर्डविंग (Southern Birdwing) को IUCN की रेड लिस्ट में ‘अत्यंत कम संकट’ (Least Concern) की श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है।
- हालाँकि ब्रिगेडियर इवांस ने जिस तितली की माप की थी वह अज्ञात थी और किसी अन्य तितली के पंखों को 190 मिलीमीटर के रूप में नहीं मापा गया जिसे उन्होंने खोजा था।
- नर गोल्डन बर्डविंग के पंखों की लंबाई 106 मिलीमीटर होती है। जो मादा गोल्डन बर्डविंग से अत्यंत छोटा होता है।
मापक (Measurement):
- शल्कपंखी या लेपिडाॅॅप्टेरा (Lepidoptera) के अध्ययन में उपयोग किया जाने वाला एकमात्र पैमाना या माप ‘पंखों के फैलाव की माप’ है।
- इसमें तितलियों को ‘उनके पंखों के आधार’ से ‘ऊपरी छोर’ तक मापा जाता है।
लेपिडाॅॅप्टेरा (Lepidoptera):
- शल्कपंखी या लेपिडॉप्टेरा (Lepidoptera), कीटों का एक विशाल समूह है जिसमें तितलियां एवं शलभ (Moths) के अतिरिक्त बहुत से कीट सम्मिलित हैं।
- कीटों के वर्गीकरण के लिये लेपिडॉप्टेरा शब्द का उपयोग सर्वप्रथम लिनिअस (Linnaeus) ने किया।
- यह शब्द लैटिन के लेपिडॉस (Lepidos- शल्क) तथा टिरॉन (Pteron- पंख) के मिलने से बना है।
- इस समूह में लगभग 174,250 प्रजातियाँ सम्मिलित हैं।
कृषि अवसंरचना कोष
Agriculture Infrastructure Fund
8 जुलाई, 2020 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई देशव्यापी केंद्रीय क्षेत्र योजना-कृषि अवसंरचना कोष (Central Sector Scheme-Agriculture Infrastructure Fund) को मंज़ूरी प्रदान की।
प्रमुख बिंदु:
- यह योजना ऋण अनुदान एवं वित्तीय सहायता के माध्यम से फसल कटाई के बाद बुनियादी ढाँचा प्रबंधन एवं सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों हेतु व्यवहारिक परियोजनाओं में निवेश के लिये मध्यम एवं दीर्घकालिक ऋण वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करेगी।
- इस योजना के अंतर्गत बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों के द्वारा ऋण के रूप में एक लाख करोड़ रुपए की राशि ‘प्राथमिक कृषि साख समितियों’ (Primary Agricultural Credit Societies- PACS), विपणन सहकारी समितियों (Marketing Cooperative Societies), किसान उत्पादक संगठनों (Farmer Producers Organizations), स्वयं सहायता समूहों (Self Help Group), किसानों, संयुक्त देयता समूहों (Joint Liability Groups), बहुउद्देशीय सहकारी समितियों (Multipurpose Cooperative Societies), कृषि उद्यमियों, स्टार्ट-अप, एग्रीगेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स (Aggregation Infrastructure Providers) और केंद्रीय/राज्य एजेंसियों या स्थानीय निकायों द्वारा प्रायोजित सार्वजनिक निजी भागीदारी परियोजनाओं को उपलब्ध कराई जाएगी।
- इस ऋण का वितरण आगामी 4 वर्षों में किया जाएगा। चालू वित्त वर्ष में 10,000 करोड़ रुपए और अगले क्रमशः तीन वित्तीय वर्ष में 30,000 करोड़ रुपए (अर्थात् प्रत्येक वर्ष के 30,000 करोड़ रुपए) की मंज़ूरी प्रदान की गई।
- इस वित्तपोषण सुविधा के तहत सभी प्रकार के ऋणों पर 2 करोड़ रुपए की सीमा तक ब्याज पर 3% प्रति वर्ष की छूट प्रदान की जाएगी। यह छूट अधिकतम 7 वर्षों के लिये उपलब्ध होगी।
- इसके अलावा 2 करोड़ रुपए तक के ऋण के लिये ‘क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज़’ (Credit Guarantee Fund Trust for Micro and Small Enterprises- CGTMSE) योजना के अंतर्गत इस वित्तपोषण सुविधा के माध्यम से पात्र उधारकर्त्ताओं के लिये क्रेडिट गारंटी कवरेज भी उपलब्ध होगा।
- इस कवरेज के लिये भारत सरकार द्वारा शुल्क का भुगतान किया जाएगा।
- किसान उत्पादक संगठनों के संदर्भ में कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग (Department of Agriculture, Cooperation & Farmers Welfare) की एफपीओ संवर्द्धन योजना (FPO promotion scheme) के अंतर्गत बनाई गई इस सुविधा से क्रेडिट गारंटी का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
- कृषि अवसंरचना कोष का प्रबंधन एवं निगरानी ‘ऑनलाइन प्रबंधन सूचना प्रणाली’ (Online Management Information System) प्लेटफॉर्म के माध्यम से की जाएगी।
- यह सभी योग्य संस्थाओं को फंड के अंतर्गत ऋण लेने के लिये आवेदन करने में सक्षम बनाएगा।
- यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कई बैंकों द्वारा दी जाने वाली ब्याज दरों में पारदर्शिता, ब्याज अनुदान एवं क्रेडिट गारंटी सहित योजना विवरण, न्यूनतम दस्तावेज़, अनुमोदन की तीव्र प्रक्रिया के साथ-साथ अन्य योजना लाभों के साथ एकीकरण जैसे लाभ भी प्रदान करेगा।
- इस योजना की समय-सीमा वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2029 तक 10 वर्ष के लिये निर्धारित की गई है।
बूबोनिक प्लेग
Bubonic Plague
5 जुलाई, 2020 को चीनी क्षेत्र ‘इनर मंगोलिया’ (Inner Mongolia) के बयान नूर (Bayan Nur) शहर में स्थानीय अधिकारियों ने बूबोनिक प्लेग (Bubonic Plague) का मामला सामने आने के बाद एक चेतावनी जारी की।
- गौरतलब है कि 7 जुलाई, 2020 को चीन ने ‘इनर मंगोलिया’ (Inner Mongolia) में बूबोनिक प्लेग के एक मामले की आधिकारिक पुष्टि की।
प्रमुख बिंदु:
- यद्यपि बूबोनिक प्लेग कोई नई बीमारी नहीं है किंतु यदि इसका इलाज़ न किया जाए तो यह खतरनाक सिद्ध होता है।
- 14वीं शताब्दी में बूबोनिक प्लेग के कारण केवल यूरोप में लगभग 50 मिलियन मौतें हुई थीं।
बूबोनिक प्लेग:
- बूबोनिक प्लेग जिसे ‘प्लेग बेसिलस’ (Plague Bacillus) या ‘येर्सिनिया पेस्टिस’ (Yersinia Pestis) भी कहा जाता है, लसिका पर्व (Lymph Nodes) पर हमला करता है जिससे सूजन, दर्द एवं मवाद बनता है।
- मानव शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) का एक हिस्सा ‘लसीका प्रणाली’ (Lymphatic System) को प्रभावित करके यह लिम्फ नोड्स या लसिका पर्व में सूजन का कारण बनता है और शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है।
- यह सेप्टिकैमिक प्लेग (Septicaemic Plague) एवं न्यूमोनिक प्लेग (Pneumonic Plague) जो गंभीर निमोनिया का कारण बनता है, से भिन्न होता है।
- सेप्टिकैमिक प्लेग (Septicaemic Plague) का प्रभाव यदि मनुष्य के शरीर में रक्तप्रवाह पर पड़ता है तो यह मेनिन्जाइटिस (Meningitis) और एंडोटॉक्सिक (Endotoxic) शॉक का कारण बन सकता है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) का कहना है कि शीघ्र एवं प्रभावी उपचार के बिना बूबोनिक प्लेग के 50-60% मामले खतरनाक हैं। किंतु यह बीमारी पूरी तरह से इलाज योग्य है।
कारण:
- बूबोनिक प्लेग बैक्टीरिया यर्सिनिया पेस्टिस (Yersinia Pestis) के कारण होने वाला एक जीवाणुकारी संक्रमण है।
- बूबोनिक प्लेग एक संक्रमित पिस्सू ज़ेनोसेल्ला चेओपिस (Xenopsylla Cheopis) के काटने से उत्पन्न होता है जिसे ‘रैट पिस्सू’ भी कहा जाता है।
सामान्य लक्षण:
- बुबोनिक प्लेग का सबसे सामान्य संकेत एक या अधिक बढ़े हुए एवं दर्दनाक ‘लिम्फ नोड्स’ होते हैं जिन्हें बूबोएस (Buboes) के रूप में जाना जाता है।
- बुबोनिक प्लेग से संबंधित बूबोएस आमतौर पर मानव शरीर में काँख (Armpits), ऊपरी ऊरु (Upper Femoral), कमर एवं गर्दन के क्षेत्र में पाए जाते हैं।
इदलिब प्रांत
Idlib Province
7 जुलाई, 2020 को जारी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (United Nations Human Rights Council) की एक रिपोर्ट में कहा गया कि सीरिया के इदलिब प्रांत (Idlib Province) में सिविलियन इंफ्रास्ट्रक्चर पर सीरियाई एवं रूसी हवाई हमले युद्ध अपराधों (War Crimes) की की श्रेणी में आते है।
प्रमुख बिंदु:
- इस रिपोर्ट में 1 नवंबर, 2019 से 1 जून, 2020 के बीच इदलिब प्रांत में होने वाली घटनाओं का आकलन किया गया है।
- इस समय के दौरान इदलिब प्रांत को एक सशस्त्र समूह द्वारा नियंत्रित किया गया था जिसे हयात तहरीर अल-शाम (Haya’t Tahrir al-Sham- HTS) कहा जाता था जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी समूह है।
- इदलिब प्रांत एकमात्र ऐसा सीरियाई क्षेत्र था जो सीरियाई सरकार के नियंत्रण से बाहर था। वर्ष 2019 के बाद से सीरियाई एवं रूसी सेनाओं ने इदलिब प्रांत पर कब्जा करने का प्रयास किया।
इदलिब प्रांत:
- इदलिब, सीरिया के उत्तर-पश्चिमी में स्थित एक शहर है जो अलेप्पो (Aleppo) से 59 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में है।
- यह इदलिब गवर्नोरेट (Idlib Governorate) की राजधानी है।
- वर्ष 2011 में सीरियाई गृह युद्ध की शुरुआत में सीरियाई विद्रोही गुटों द्वारा इदलिब शहर पर कब्जा कर लिया गया था।
- सीरिया में 16वीं और 19वीं शताब्दी के बीच ओटोमन साम्राज्य के दौरान इदलिब, कड़ा (Kada) की राजधानी थी।
- इदलिब जैतून, कपास, गेहूँ एवं फलों विशेष रूप से चेरी का एक प्रमुख उत्पादन केंद्र है।