प्रीलिम्स फैक्ट्स: 09 दिसंबर, 2019 | 09 Dec 2019
टायर पायरोलिसिस
Tyre Pyrolysis
हाल ही में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 19 राज्यों में 270 टायर पायरोलिसिस इकाइयों की जाँच की और पाया कि ये इकाइयाँ प्रदूषण को बढ़ावा दे रही हैं।
पृष्ठभूमि:
- राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) ने अप्रैल 2019 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गई रिपोर्ट में माना था कि टायर पायरोलिसिस इकाइयों में 40% से अधिक इकाइयाँ नियमों का अनुपालन नहीं कर रही हैं।
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 19 राज्यों में स्थित कुल 637 इकाइयों मे से 251 इकाइयाँ नियमबद्ध थीं, वहीं 270 इकाइयाँ नियमों का पालन नहीं कर रही थीं, जबकि 116 इकाइयाँ बंद थीं।
टायर पायरोलिसिस के विषय में:
- टायर पायरोलिसिस अपशिष्ट टायरों को उपयोगी संसाधनों जैसे-ईंधन तेल, कार्बन ब्लैक, स्टील वायर आदि में बदलने की तकनीक है।
- इस तकनीक में अपशिष्ट टायरों को 250-500ºC तापमान पर गर्म किया जाता है जिससे कार्बन पदार्थ, पायरो-गैस एवं तेल अवशेष के रूप में उत्सर्जित होते है वहीं इन उत्सर्जित पदार्थों का पर्याप्त प्रबंधन न होने से मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचता है।
- यह तकनीक टायर जलाने की तुलना में अधिक सुरक्षित मानी जाती है।
अन्य बिन्दु:
- भारत पुनर्चक्रण और निपटान के लिये ऑस्ट्रेलिया एवं यू.के. से इस्तेमाल किये गए टायरों का आयात भी करता है।
- भारत में प्रतिदिन लगभग 100 मिलियन टायरों का अपशिष्ट उत्पन्न होता है जिसमें कुछ का ही पुनर्नवीनीकरण हो पाता हैं।
- NGT ने विषाक्त पदार्थों के उत्सर्जन के कारण वर्ष 2014 में इस्तेमाल हुए टायरों को खुले में जलाने या ईंट भट्टों में ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी थी।
नाट्यशास्त्र उत्सव
Natyasastra Utsav
1-3 दिसंबर तक संगीत नाटक अकादमी द्वारा कलाक्षेत्र फाउंडेशन और भरत इलांगो फाउंडेशन फॉर एशियन कल्चर के सहयोग से ‘नाट्यशास्त्र उत्सव’ का आयोजन किया गया।
उत्पत्ति
- नाट्यशास्त्र एक प्राचीन ग्रंथ है जिसमें नाट्य कला के विभिन्न पहलुओं और नाट्य सिद्धांतों का विस्तृत वर्णन किया गया है।
- माना जाता है कि ऋग्वेद से पाठ्य वस्तु, सामवेद से गान, यजुर्वेद से अभिनय और अथर्ववेद से रस योजना लेकर भरत मुनि ने तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व नाट्यशास्त्र की रचना की थी।
- नाट्यशास्त्र को ‘पंचम वेद’ भी कहा जाता है।
विशेषताएँ
- संस्कृत में रचित इस ग्रंथ को 36 अध्यायों में विभाजित किया गया है, जिसमें ललित कला का वर्णन करते हुए 6000 से अधिक छंदबद्ध सूत्र या पद लिखे गए हैं।
- यह ग्रंथ भरत मुनि से नाट्यवेद के बारे में पूछने वाले साधुओं और भरत मुनि के बीच एक संवाद के रूप में लिखा गया है।
- भरत मुनि ने इस ग्रंथ में नाटक के कुल 15 प्रकारों का वर्णन किया है। साथ ही इसमें आठ प्रकार के छोटे नाटकों का भी उल्लेख किया गया है।
- ग्रंथ में अभिनय के चार पहलुओं का वर्णन किया गया है:
- अंगिक: शरीर के कुछ हिस्सों की गतियों के माध्यम से संदेश पहुँचाना।
- वाचिक: संवाद सहित अभिनय।
- आहार्य: वेशभूषा और श्रृंगार।
- सात्विक: होंठ, भोंहों एवं अन्य अंगों के सूक्ष्म संचलन से आंतरिक भावों का प्रकटन।
सार्क का स्थापना दिवस
Founding Day Of SAARC
8 दिसंबर, 2019 को 35वें सार्क चार्टर दिवस के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री ने एक समृद्ध व शांतिपूर्ण दक्षिण एशिया के उभार की संभावनाओं पर चर्चा की।
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन
- दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) की स्थापना 8 दिसंबर,1985 को ढाका में सार्क चार्टर पर हस्ताक्षर के साथ की गई थी।
- मालदीव, भारत, भूटान, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका सार्क के संस्थापक सदस्य हैं जिन्होंने इसकी स्थापना के लिये इस चार्टर पर हस्ताक्षर किये।
- सार्क को प्राय: दक्षेस भी कहा जाता है और इसका मुख्यालय नेपाल की राजधानी काठमांडू में है।
- वर्ष 2007 में अफगानिस्तान सार्क का आठवाँ सदस्य देश बना।
अन्य तथ्य
- आमतौर पर सार्क शिखर सम्मेलन का द्विवार्षिक आयोजन सदस्य देशों द्वारा अंग्रेजी वर्णमाला क्रम में किया जाता है। शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करने वाले सदस्य को उस वर्ष संगठन का अध्यक्ष माना जाता है।
- अंतिम सार्क सम्मेलन का आयोजन वर्ष 2014 में काठमांडू में किया गया था।
- वर्ष 2016 में सार्क सम्मेलन का आयोजन इस्लामाबाद में होना था लेकिन उसी वर्ष 18 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के उरी में भारतीय सेना के एक शिविर पर आतंकवादी हमले के बाद भारत ने शिखर सम्मेलन में भाग लेने से मना कर दिया था ।
- बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान द्वारा भी इस्लामाबाद की बैठक में भाग लेने से मना करने के बाद यह शिखर सम्मेलन रद्द कर दिया गया था।
- पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों द्वारा इस क्षेत्र में की जा रही सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनज़र पिछले तीन वर्षों से भारत सार्क से दूर हट रहा है।
एशियाई हाथी विशेषज्ञ समूह
Asian Elephant Specialist Group
4-6 दिसंबर, 2019 तक इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंज़र्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) के एशियाई हाथी विशेषज्ञ समूह (Asian Elephant Specialist Group -AsESG) की 10वीं बैठक का आयोजन मलेशिया के सबाह प्रांत के कोटा किनबालु में किया गया।
बैठक के बारे में:
- 130 से भी अधिक हाथी संरक्षणवादियों, साझेदार संगठनों और विशेषज्ञों ने इस बैठक में भाग लिया।
- इस बैठक के दौरान एशियाई एलीफैंट रेंज में शामिल राज्यों द्वारा हाथी संरक्षण के लिये राष्ट्रीय कार्य योजना, मानव-हाथी संघर्ष के प्रबंधन हेतु सर्वोत्तम अभ्यासों, हाथियों की अवैध हत्या की निगरानी में समूह के सदस्यों को शामिल करने के लिये तंत्र, बंदी बनाए गए हाथियों के कल्याण से संबंधित विषयों और हाथी संरक्षण में अफ्रीकी देशों के अनुभवों को साझा करने एवं इनसे सीखने जैसे विस्तृत मुद्दों पर चर्चा की गई।
AsESG के बारे में:
- IUCN एशियाई हाथी विशेषज्ञ समूह (AsESG) एशियाई हाथियों (वैज्ञानिक नाम-एलिफस मैक्सिमस) के अध्ययन, निगरानी, प्रबंधन एवं संरक्षण हेतु वैज्ञानिक और गैर-वैज्ञानिक दोनों प्रकार के विशेषज्ञों का एक वैश्विक नेटवर्क है।
- AsESG इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंज़र्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) के स्पीशीज़ सर्वाइवल कमीशन (SSC) का एक अभिन्न अंग है।
- AsESG का उद्देश्य एशियाई हाथियों की आबादी को पर्याप्त स्तर पर बनाए रखने हेतु इनके दीर्घकालिक संरक्षण को बढ़ावा देना है।
- AsESG में 18 देशों के लगभग 110 विशेषज्ञ शामिल हैं और वर्तमान में इस समूह के अध्यक्ष विवेक मेनन (भारत) हैं।
- एशियाई हाथी के लिये रेड लिस्ट प्राधिकरण के रूप में AsESG, IUCN की रेड सूची का नियमित आकलन करता है।