लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट: 09 अप्रैल, 2021

  • 09 Apr 2021
  • 5 min read

भारतीय ऊर्जा एक्सचेंज

Indian Energy Exchange

भारतीय ऊर्जा एक्सचेंज (IEX) के विद्युत बाज़ार ने मार्च 2021 के महीने में 8,248.52 MU (मिलियन यूनिट्स) का उच्च स्तर हासिल किया है, जिससे पिछले सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं।

प्रमुख बिंदु:

  • यह भारत में विद्युत के भौतिक वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाण-पत्र और ऊर्जा बचत प्रमाण-पत्र के लिये एक राष्ट्रव्यापी, स्वचालित व्यापार मंच प्रदान करने वाला पहला और सबसे बड़ा ऊर्जा एक्सचेंज है।
  • यह एक्सचेंज उचित मूल्य निर्धारण में सक्षम बनाता है और व्यापार निष्पादन की गति और दक्षता को बढ़ाते हुए भारत में विद्युत बाज़ार तक पहुँच और पारदर्शिता को बढ़ाता है।
  • यह ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ (NSE) और ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ (BSE) के साथ सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनी है।
  • यह केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (CERC) द्वारा अनुमोदित और विनियमित है तथा वर्ष 2008 से कार्यरत है।

उद्देश्य:

  • उपभोक्ताओं की वहनीय ऊर्जा तक पहुँच स्थापित करने के लिये पारदर्शी और कुशल ऊर्जा बाज़ार स्थापित करके प्रौद्योगिकी और नवाचार का लाभ उठाना।

व्यापारिक प्लेटफॉर्म के रूप में:

विद्युत का भौतिक वितरण:

  • डे-अहेड मार्केट (DAM):  
    • यह आधी रात से शुरू होकर अगले 24 घंटों में किसी भी 15 मिनट के समय के वितरण के लिये एक भौतिक बिजली बाज़ार है।
  • टर्म अहेड मार्केट (TAM):
    • TAM के तहत अनुबंध 11 दिनों तक बिजली खरीदने/बेचने हेतु एक सीमा को कवर करता है।
    • यह प्रतिभागियों को इंट्रा-डे कॉन्ट्रैक्ट्स के माध्यम से उसी दिन के लिये आकस्मिक अनुबंध के माध्यम से अगले दिन के लिये, दैनिक अनुबंधों के आधार पर सात दिनों के लिये बिजली खरीदने में सक्षम बनाता है।

नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाण-पत्र (REC):

  • REC तंत्र के तहत एक जनरेटर देश के किसी भी हिस्से में नवीकरणीय संसाधनों के माध्यम से बिजली पैदा कर सकता है।
    • बिजली उत्पादन के रूप में एक जनरेटर की किसी भी पारंपरिक स्रोत के बराबर लागत होती है जबकि इसकी पर्यावरणीय साख बाज़ार निर्धारित मूल्य पर एक्सचेंजों के माध्यम से बेची जाती है।
  • देश के किसी भी हिस्से से संबद्ध इकाई अपने ‘नवीकरणीय खरीद दायित्व’ (RPO) अनुपालन को पूरा करने के लिये इन REC को खरीद सकती है।
    • संबद्ध इकाइयाँ या तो नवीकरणीय ऊर्जा खरीद सकती हैं या संबंधित राज्यों के RPO के तहत अपने RPO लक्ष्यों को पूरा करने के लिये REC खरीद सकती हैं।

ऊर्जा बचत प्रमाण पत्र:

  • ये ‘ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी’ (BEE) की ‘परफॉर्म, अचीव, ट्रेड’ (PAT) योजना के तहत जारी होने वाले पारंपरिक प्रमाण-पत्र हैं।
  • यह बड़े ऊर्जा-गहन उद्योगों में ऊर्जा दक्षता को प्रोत्साहित करने के लिये एक बाज़ार आधारित तंत्र है।

 केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (CERC):

  • CERC भारत में बिजली क्षेत्र का एक नियामक है।
  • यह थोक बिजली बाज़ारों में प्रतिस्पर्द्धा, दक्षता और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार, निवेश को बढ़ावा देने और मांग आपूर्ति की खाई को पाटने के लिये संस्थागत बाधाओं को हटाने पर सरकार को सलाह देने का इरादा रखता है।
  • यह विद्युत अधिनियम, 2003 के तहत अर्द्ध-न्यायिक स्थिति के साथ एक सांविधिक निकाय है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2