प्रीलिम्स फैक्ट्स: 08 जून, 2020 | 08 Jun 2020
ऑनलाइन नैमिषा-2020
ONLINE NAIMISHA-2020
हाल ही में राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (National Gallery of Modern Art- NGMA) ने 8 जून से 3 जुलाई, 2020 तक ग्रीष्मकालीन कला कार्यक्रम ‘ऑनलाइन नैमिषा-2020’ (ONLINE NAIMISHA-2020) का आयोजन करने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु:
- लगभग महीने भर चलने वाला यह ऑनलाइन कार्यक्रम नई दिल्ली स्थित NGMA की एक पहल है जिसके अंतर्गत प्रतिभागियों को कलाकारों के साथ अभ्यास करने एवं उनसे सीखने का अवसर प्राप्त होता है।
- इस कार्यक्रम में 8 जून से 3 जुलाई, 2020 तक चार कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। इन कार्यशालाओं के निम्नलिखित शीर्षक हैं:
- चित्रकला कार्यशाला
- मूर्तिकला कार्यशाला
- प्रिंटमेकिंग
- इंद्रजाल- द मैजिक ऑफ आर्ट (स्वतंत्रता को समझने के लिये अंतःविषय रचनात्मक कार्यशाला)
राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय
(National Gallery of Modern Art- NGMA):
- राष्ट्रीय कला संग्रहालय बनाने का विचार सर्वप्रथम वर्ष 1949 में अंकुरित एवं प्रस्फुटित हुआ था, जिसके पश्चात् 29 मार्च, 1954 को प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और गणमान्य कलाकारों एवं कला प्रेमियों की उपस्थिति में देश के उपराष्ट्रपति डॉ. एस. राधाकष्ण ने औपचारिक रूप से NMGA की स्थापना की।
- राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय के मुख्य लक्ष्य एवं उद्देश्यों में वर्ष 1850 से अब तक की आधुनिक कलाकृतियों (आधुनिक कलात्मक वस्तुओं) को प्राप्त करना एवं उनका संरक्षण करना, देश और विदेशों में विशिष्ट प्रदर्शनियों का आयोजन, कला से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में उच्च शिक्षा को प्रोत्साहन देना शामिल है।
G-20 देशों द्वारा $21 बिलियन का फंड
$ 21 billion Fund by G-20 Countries
हाल ही में G-20 समूह के सदस्य देशों ने COVID-19 महामारी से निपटने के लिये $21 बिलियन से अधिक फंड जुटाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
प्रमुख बिंदु:
- G-20 समूह ने COVID-19 महामारी से निपटने के लिये विभिन्न स्तर पर किये जा रहे वैश्विक प्रयासों का समन्वय किया है।
- आवंटित किये गए 21 बिलियन डॉलर फंड का उपयोग COVID-19 से संबंधित अनुसंधान एवं विकास, टीके, चिकित्सा विज्ञान एवं निदान में किया जायेगा।
- इससे पहले G-20 समूह के देशों द्वारा मार्च 2020 के अंत में COVID-19 एवं उसके आर्थिक प्रभाव से निपटने हेतु वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये 5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का फंड जारी करने की बात की थी।
G-20 समूह:
- वर्ष 1997 के वित्तीय संकट के पश्चात् वैश्विक अर्थव्यवस्था में संतुलन बनाए रखने के लिये यह निर्णय लिया गया कि विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एक मंच पर एकत्रित होना चाहिये।
- G-20 समूह का उद्देश्य वैश्विक आर्थिक स्थिरता और सतत् आर्थिक संवृद्धि हासिल करने हेतु सदस्यों के मध्य नीतिगत समन्वय स्थापित करना तथा वित्तीय विनियमन (Financial Regulations) को बढ़ावा देना जो कि जोखिम (Risk) को कम करते हैं तथा भावी वित्तीय संकट (Financial Crisis) को रोकते हैं।
- G-20 समूह वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत, वैश्विक निवेश का 80% तथा पूरे विश्व की जनसंख्या के दो-तिहाई हिस्से का प्रतिनिधित्त्व करता है।
- सदस्य देश: इस समूह में भारत समेत 19 देश तथा यूरोपीय संघ शामिल है। जिनमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्राँस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम एवं संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।
- G-20 एक मंच के रूप में कार्य करता है न कि एक संगठन के रूप में, अत: इसका कोई स्थायी सचिवालय और प्रशासनिक संरचना नहीं है।
पेट्रापोल एकीकृत चेकपोस्ट
Petrapole Integrated Checkpost
पश्चिम बंगाल एक महीने से अधिक समय के बाद रविवार को उत्तर 24 परगना ज़िले में स्थित पेट्रापोल एकीकृत चेकपोस्ट (Petrapole Integrated Checkpost) के माध्यम से पड़ोसी बांग्लादेश के साथ पुनः द्विपक्षीय व्यापार शुरू करेगा।
- गौरतलब है कि COVID-19 के मद्देनज़र लागू किये गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण दोनों देशों के मध्य व्यापार रोक दिया गया था।
प्रमुख बिंदु:
- यह भारत एवं बांग्लादेश के मध्य पेट्रापोल-बेनापोल सीमा चौकी पर भारत की ओर स्थित एक चेक पोस्ट है।
- यह पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना ज़िले में बोंगाँव (Bongaon) के निकट बांग्लादेश-भारत सीमा पर अवस्थित है।
- पेट्रापोल पश्चिम बंगाल राज्य के दक्षिण में अवस्थित एकमात्र स्थलीय पोर्ट है। यह एशिया का सबसे बड़ा स्थलीय सीमा शुल्क स्टेशन भी है।
- इस स्थलीय पोर्ट के माध्यम से भारत एवं बांग्लादेश के मध्य लगभग 60% द्विपक्षीय व्यापार होता है।
सुंदरबन में सौर माइक्रो-ग्रिड
Solar Micro-Grids in Sundarban
सुंदरबन में स्थापित सौर माइक्रो-ग्रिड (Solar Micro-Grids) यहाँ के कई स्थानों को विद्युत की आपूर्ति कर रहा है।
प्रमुख बिंदु:
- सौर माइक्रो ग्रिड छोटे एवं स्थानीय ग्रिड होते हैं जो सौर ऊर्जा का उपयोग करके 10 से 100 किलोवाट क्षमता की बिजली आपूर्ति करते हैं।
- सुंदरबन में स्थापित सौर माइक्रो-ग्रिड मुख्य ग्रिड से जुड़े नहीं हैं और ये केवल स्थानीय आबादी की ज़रूरतों को ही पूरा कर सकते हैं।
- गैर-लाभकारी संस्थान वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर-इंडिया (WWF-INDIA) ने सुंदरबन के एक भाग सतजेलिया (Satjelia) द्वीप में 6 माइक्रो-ग्रिड का निर्माण किया है जिनमें से प्रत्येक में 10 किलोवाट विद्युत की आपूर्ति की जाती है जो लगभग 600 परिवारों की ज़रूरतों को पूरा करती है।
- इस तरह के एक-एक ग्रिड को शीघ्र ही सुंदरबन के कुमिरमारी (Kumirmari) द्वीप एवं गोसाबा ब्लॉक में स्थापित किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि 1990 के दशक के मध्य से सुंदरबन में दुनिया के सबसे अधिक सौर ऊर्जा प्रतिष्ठान (लगभग 200,000 ऑफ-ग्रिड कनेक्शन) हैं। हालाँकि वर्ष 2012 से इस क्षेत्र में मुख्यधारा के विद्युत ग्रिड की पहुँच होने के बाद सौर ऊर्जा ग्रिडों का प्रभाव कम होता गया।
- विश्व बैंक (World Bank) द्वारा समर्थित ‘एकीकृत तटीय क्षेत्र प्रबंधन (Integrated Coastal Zone Management- ICZM) परियोजना’ के तहत मुख्य ग्रिड की पहुँच सागर (Sagar) द्वीप तक हो गई है।
- एकीकृत तटीय क्षेत्र प्रबंधन परियोजना एक विश्व बैंक समर्थित परियोजना है जिसका उद्देश्य देश में व्यापक तटीय प्रबंधन दृष्टिकोण के कार्यान्वयन के लिये राष्ट्रीय क्षमता का निर्माण करना है।