प्रीलिम्स फैक्ट्स: 08 मार्च, 2019 | 08 Mar 2019
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2019 (International Women's Day 2019)
- प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है इस बार 109वाँ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है।
- इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का विषय है - ‘लैंगिक समानता को प्राप्त करने के प्रयासों के मद्देनजर, महिलाओं और लड़कियों के लिए इनके द्वारा नवाचार, समान सोच, बदलाव के लिये नवाचार, सोच में बदलाव’।
- 1909 में पहली बार महिलाओं के अधिकारों को लेकर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था।
- विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।
- राष्ट्रपति ने इस दिवस के अवसर पर सभी देशवासियों के लिये शुभकामना करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं के प्रति सम्मान व्यक्त किया और महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में आगे बढ़ने का संदेश दिया।
- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन एक रिपोर्ट जारी करता है जिसका उद्देश्य ‘ए क्वांटम लीप फॉर जेंडर इक्वलिटी : फॉर ए बेटर फ्यूचर ऑफ वर्क फॉर ऑल’ है।
इरोड हल्दी को मिला GI टैग (GI Tag for Erode Turmeric)
- हाल ही में सरकार ने इरोड क्षेत्र में उगाई जाने वाली हल्दी के लिये भौगोलिक संकेतक टैग प्रदान किया जिससे इस क्षेत्र के किसानों और व्यापारियों को प्रसिद्ध 'इरोड मंजल' हल्दी पर एकमात्र अधिकार प्रदान किया गया।
- वर्ष 2013 में सबसे पहले GI टैग के लिये आवेदन इरोड के व्यापारियों के एसोसिएशन द्वारा किया गया था। कुछ दिन बाद ही एक जाँच के बाद आवेदन स्वीकार को स्वीकार कर लिया गया इसे अगस्त 2018 में सार्वजनिक रूप से अधिसूचित किया गया।
- कुछ दिन पहले महाराष्ट्र स्थित सांगली की हल्दी को ज्यॉग्राफिकल इंडेक्स (जीआई) रैकिंग प्रदान की गई थी।
इरोड
- तमिलनाडु के कोयंबटूर ज़िले में स्थित इरोड और इसके आसपास के क्षेत्र हल्दी की खेती के लिये प्रसिद्ध हैं जिनमें कोडुमुडी, सिवागिरी, हवानी, गोबीचेट्टिपलायम, अन्थियूर, चेनमपट्टी, सत्यमंगलम और थलावाडी प्रमुख रूप से शामिल हैं।
- इन क्षेत्रों में चिन्ना नादान किस्म की हल्दी का उत्पादन बड़े पैमाने पर एक महत्त्वपूर्ण वाणिज्यिक मसाला फसल के रूप में किया जाता है।
- इसकी खेती से हज़ारों छोटे और सीमांत किसान जुड़े हुए हैं।
- इस हल्दी के उत्पादन के लिये गर्म और नम जलवायु की आवश्यकता होती है और जिसके लिये यह ज़िला अनुकूल है क्योंकि यहाँ का तापमान 20 से 37.9 डिग्री सेल्सियस तक होता है। हल्दी के लिये दोमट या जलोढ़ मिट्टी सबसे अच्छी होती है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- ऐसा माना जाता है कि 2000 ईसा पूर्व के संगम युग के दौरान तमिल किसानों द्वारा अपने घरों के सामने हल्दी के पौधे उगाए जाते थे।
- इस बात के प्रमाण हैं कि हल्दी का उत्पादन चेरा, चोल और पांडियन के समय भी किया जाता था।
- हल्दी का धार्मिक और सामाजिक-सांस्कृतिक परंपराओं में अधिक महत्त्व है क्योंकि इसे एक शुभ और पवित्र जड़ी-बूटी माना जाता है।
- खाद्य पदार्थों में सुगंध एवं रंग के लिये इसका इस्तेमाल किया जाता है, साथ ही दवा और सौंदर्य प्रसाधनों आदि में भी हल्दी उपयोगी है।
सांगली की हल्दी को मिला जीआई टैग
भौगोलिक संकेतक (Geographical Indication-GI)
भारत और रूस ने किया परमाणु पनडुब्बी सौदा (India, Russia Nuclear Submarine Deal)
हाल ही में भारत ने रूस के साथ हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा प्रदाता के रूप में अपनी भूमिका बढ़ाने के लिये एक तीसरी परमाणु-संचालितपनडुब्बी चक्र III को पट्टे पर लेने हेतु 3 बिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किये।
- चक्र III पनडुब्बी को 2025 तक भारतीय नौसेना में शामिल किये जाने का अनुमान लगाया जा रहा है।
- 1988 में भारतीय नौसेना ने तीन साल के लिये एक परमाणु ऊर्जा चालित क्रूज मिसाइल पनडुब्बी को पट्टे पर लिया था जिसे आईएनएस चक्र नाम दिया गया था।
- 2012 में एक दूसरी पनडुब्बी जिसका नाम चक्र II था को 10 साल के लिये लीज पर लिया गया था, जो वर्तमान में पूर्वी नौसेना कमान के पास है। भारत और रूस इस पनडुब्बी के पट्टे को वर्ष 2027 तक बढ़ाने पर चर्चा कर रहे हैं।
- चक्र III नामक नई पनडुब्बी के लिये पट्टे की अवधि अभी तक तय नहीं है। हालाँकि इस पनडुब्बी द्वारा कम-से-कम एक दशक तक भारतीय नौसेना को सेवा दिए जाने की उम्मीद है।