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प्रिलिम्स फैक्ट्स: 05 SEP 2020

  • 05 Sep 2020
  • 12 min read

ब्रिक्स देशों के संस्कृति मंत्रियों की पाँचवीं  बैठक

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद सिंह पटेल ने 3 सितंबर, 2020 को वर्चुअल रूप से पाँचवीं ब्रिक्स संस्कृति मंत्रियों की बैठक (BRICS Cultural ministers meeting) में भाग लिया।

BRICS

प्रमुख बिंदु

  • यह बैठक रूसी फेडरेशन की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के ज़रिये आयोजित की गई। ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका के संस्कृति मंत्रालयों के शिष्टमंडलों ने बैठक में प्रतिभाग किया।
  • बैठक के दौरान ब्रिक्स देशों में सांस्कृतिक क्षेत्र पर महामारी की स्थिति के प्रभाव पर चर्चा की गई और ब्रिक्स के भीतर संयुक्त सांस्कृतिक ऑनलाइन परियोजनाओं के संभावित कार्यान्वयन की समीक्षा की गई। 

बैठक में भारतीय पक्ष द्वारा प्रस्तावित सुझाव:

  • वर्ष 2021 के अंत तक ब्रिक्स अलायंस ऑफ म्यूज़ियम के तत्वावधान में साझी विषय वस्तुओं पर एक डिजिटल ऑनलाइन प्रदर्शनी की मेजबानी करने की संभावनाओं की खोज करना। 
  • ब्रिक्स अलायंस ऑफ लाईब्रेरीज के तत्वाधान में 2021 में भारत की ब्रिक्स प्रेजीडेंसी के दौरान ब्रिक्स कॉर्नर खोलना। 
    • यह कॉर्नर ब्रिक्स देशों के इतिहास एवं संस्कृति से संबंधित सूचना प्रसारित करेगा। 
  • राष्ट्रीय आधुनिक कला दीर्घा (The National Gallery of Modern Arts), नई दिल्ली ब्रिक्स अलायंस ऑफ म्यूज़ियम्स एंड गैलरीज़ के तत्वावधान में ‘बॉडिंग रीजंस एंड इमेजिनिंग कल्चरल सिनर्जीज़‘ शीर्षक की ब्रिक्स संयुक्त प्रदर्शनी की मेजबानी करेगा। 
  • इस प्रदर्शनी का आयोजन ब्रिक्स कार्यक्रम के साथ प्रस्तावित है जिसका आयोजन भारत वर्ष 2021 में करेगा। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य ब्रिक्स अलायंस के तहत पाँच सम्मानित संस्थानों से लगभग 100 कलाकृतियों को प्रस्तुत करना है।
  • इस बैठक के दौरान सभी देशों के मंत्रियों द्वारा घोषणापत्र पर सहमति जताई गई और इस पर ब्रिक्स देशों के सभी प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किये।

नई हाइब्रिड जीवाणुशोधन तकनीक

हाल ही में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान तिरूपति (IIT Tirupati) तथा भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान, तिरूपति (IISER Tirupati) ने मिलकर एक पोर्टेबल ऑप्टिकल कैविटी (Portable Optical Cavity) विकसित किया है।

Hybrid-rays

विशेषता:

  • पोर्टेबल ऑप्टिकल कैविटी, हाइब्रिड जीवाणुशोधन प्रणाली (Hybrid Sterilization Technology) नामक एक नई तकनीक आधारित प्रणाली है जो COVID-19 से बचने के लिये आवश्यक व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (Personal Protective Equipment- PPE) को संक्रामक रोगाणुओं से सुरक्षित रखेगी जिससे इसका कई बार आसानी से उपयोग किया जा सकेगा।
  • पारंपरिक यूवी प्रणाली (UV system) के विपरीत, यह इकाई उपचार क्षेत्र में फोटॉन फ्लक्स (Photon Flux) के उपयोग को अनुकूलित करने के लिये ऑप्टिकल कैविटी अवधारणा (Optical Cavity Concept) का अनुसरण करती है। यह प्रणाली यूवी विकिरण (UV Radiation) को परिभाषित करती है और फोटॉन-फ्लक्स तथा जीवाणुशोधन के प्रभाव को बढ़ाती है। यूवी-सी (UV-C), शीत प्लाज्मा (Cold Plasma), और H2O2 स्प्रे (H2O2 Spray) का सुसंगत संचालन अधिक हाइड्रॉक्सिक रेडिकल (Hydroxyl Radical) उत्पादन के कारण जीवाणुशोधन दक्षता को मज़बूत करता है।

महत्त्व:

  • यह जीवाणुशोधन इकाई (Portable Sterilization Unit) व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों के अतिरिक्त अन्य घरेलू वस्तुओं के कुशल और तीव्र परिशोधन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
  • इसका उपयोग स्वास्थ्य पेशेवरों और अन्य कोविड योद्धाओं द्वारा किया जा सकेगा।

लाभ:

  • खतरनाक ठोस अवशिष्ट को सीमित किया जा सकता है।
  • आर्थिक व्यय के भार में कमी आएगी इसके अतिरिक्त सभी लोगों की आवश्यक व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों तक पहुँच हो सकेगी। 

तकनीकी सहयोग:

  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science and Technology- DST) के तहत कार्यरत सांविधिक निकाय, विज्ञान और अभियांत्रिकी अनुसंधान बोर्ड (Science and Engineering Research Board- SERB) के सहयोग से यह जीवाणुशोधन इकाई विकसित की गई है।

सौर ऊर्जा चालित स्प्रेयर

Affordable Solar Powered Sprayers

हाल ही में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research- CSIR) के केंद्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (Central Mechanical Engineering Research Institute- CMERI) ने कृषि क्षेत्र में जल संकट से निपटने के लिये सस्ता सौर ऊर्जा चालित बैटरी आधारित स्प्रेयर विकसित किया है। 

प्रमुख बिंदु

  • CSIR-CMERI ने ‘सीमांत किसानों’ तथा ‘छोटे किसानों’ दोनों के लिये बैटरी द्वारा संचालित दो अलग-अलग प्रकार की छिड़काव प्रणालियाँ विकसित की हैं। 
  • 5 लीटर की क्षमता वाला बैक पैक स्प्रेयर (पीठ पर रखकर छिड़काव करने वाला यंत्र), ‘सीमांत किसानों’ के लिये बनाया गया है, जबकि 10 लीटर की क्षमता वाला कॉम्पैक्ट ट्रॉली स्प्रेयर (Compact Trolley Sprayer) ‘छोटे किसानों’ के लिये बनाया गया है। 
  • ये यंत्र दो अलग-अलग टैंकों, प्रवाह नियंत्रण और दबाव नियंत्रण से युक्त हैं जिनका उपयोग विभिन्न कृषि कार्यों में किया जाएगा- 
    • विभिन्न फसलों को आवश्यकतानुसार जल आपूर्ति 
    • लक्षित/स्थान विशिष्ट सिंचाई
    • कीटों को नियंत्रित करने के लिये कीटनाशक/फफूंदीनाशक का उचित उपयोग बनाए रखना
    • पत्तियों की सतह पर जल आधारित सूक्ष्म खुरदरापन पैदा करना
    • मृदा में नमी का स्तर बनाए रखना 
    • खरपतवार पर नियंत्रण 
  • यह प्रणाली सौर-क्षमता आधारित बैटरियों पर कार्य करती है, इस प्रकार यह देश के ऊर्जा और विद्युत से वंचित कृषि क्षेत्रों में भी उपयोग को सक्षम बनाती है।
  • यह स्प्रयेर अधिक लागत वाले वाष्पशील जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने में सहायक साबित हो सकता है। 
  • इस स्प्रेयर का विनिर्माण तथा संचालन काफी आसान है जो भारतीय किसानों के समक्ष आने वाले जल संकट को दूर करने में मददगार साबित होगा। 

Solar-Powered-Sprayers

  • केंद्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (CMERI) के अनुसार, यह स्प्रयेर कृषि क्षेत्र में जल के उपयोग को कम करते हुए कृषि क्षेत्र में क्रांति ला सकता है। 
  • इस क्रांतिकारी तकनीक से शुष्क और अर्द्द-शुष्क क्षेत्रों (Arid and Semi-arid Regions) में भी कृषि कार्य को सुगम बनाया जा सकेगा।
  • यह स्प्रेयर सीमांत और छोटे दोनों किसानों के लिये एक लागत प्रभावी सामाजिक-आर्थिक समाधान प्रदान करता है। 

मेंटल हेल्थ रिहैबिलिटेशन हेल्पलाइन-किरण

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने मानसिक स्वास्थ्य संबंधित मुद्दों और COVID-19 संकट को देखते हुए मानसिक स्वास्थ्य संसाधनों तक सबकी पहुँच सुनिश्चित करने हेतु एक टोल-फ्री हेल्पलाइन- 'किरण'शुरू करने की बात कही है।

Helpline-Kiran

प्रमुख बिंदु:

  • मेंटल हेल्थ रिहैबिलिटेशन हेल्पलाइन नंबर 1800-599-0019, जिसका नाम किरण रखा गया है, पर काॅल करने वालों को प्रारंभिक जाँच, प्राथमिक चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक सहायता, संकट प्रबंधन, मानसिक कल्याण, व्यवहार संबंधी विचलनों को रोकने, मनोवैज्ञानिक संकट प्रबंधन आदि के संबंध में सहायता प्रदान की जायेगी।
  • इस सहायता एवं समर्थन हेतु त्रिस्तरीय तंत्र की व्यवस्था की गई है। काॅल  करने वाले को पहले उसके स्थान पर स्थित हेल्पलाइन केंद्र से जोड़ा जाएगा। उसके बाद उसे पुनर्वास/ नैदानिक, मनोवैज्ञानिक/ मनोचिकित्सकों के पास आवश्यकतानुसार भेजा जाएगा। इसके अतिरिक्त  तृतीय स्तर पर फाॅलो-अप और सहायता प्रदान की जाएगी।
  • इसका लक्ष्य है कि इस प्रयास के माध्यम से देशभर में तनाव, चिंता, अवसाद, घबराहट, पोस्ट ट्रामेटिक स्ट्रेस डिसआर्डर, मादक पदार्थो के सेवन, आत्मघाती विचारों, महामारी संबंधित मनोवैज्ञानिक मुद्दों का सामना कर रहे लोगों की समस्याओं को हल किया जा सके।
  • मंत्रालय के अनुसार, COVID-19 के दौरान मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से गुजरने वाले लोगों के लिए आपातकालीन सहायता की सख्त आवश्यकता है।
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