प्रीलिम्स फैक्ट्स: 05- 08- 2019 | 05 Aug 2019
‘‘उत्कृष्ट संस्थान’’ के लिये 20 संस्थानों की अनुशंसा
हाल में श्री एन गोपालस्वामी की अध्यक्षता में UGC की 542वीं बैठक का आयोजन किया गया।
- इस दौरान सरकार द्वारा नियुक्त उच्चाधिकार प्राप्त विशेषज्ञ समिति (Empowered Expert Committee- EEC) की रिपोर्ट पर विचार किया गया जिसमें 15 सरकारी संस्थानों और 15 निजी संस्थानों को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा दिये जाने की बात कही गई थी।
- इस योजना के तहत अब तक केवल 10 सार्वजनिक एवं 10 निजी संस्थानों को उच्च संस्थानों का दर्जा प्रदान करने की व्यवस्था थी। UGC ने पारदर्शी एवं उचित मानदंडों के आधार पर 15 सार्वजनिक एवं 15 निजी संस्थानों की सूची की जाँच की है।
- 10 सार्वजनिक एवं निजी संस्थानों की सूची की पहचान के लिये इस्तेमाल किये गए सिद्धांत निम्नलिखित थे:
- इस योजना का लक्ष्य वैश्विक श्रेणी के लिये संस्थानों को तैयार करना है, इसलिये किसी भी मौजूदा संस्थान जिसे वैश्विक/राष्ट्रीय श्रेणी/रैंकिंग में शामिल नहीं किया गया हैं को उत्कृष्ट संस्थान के दर्जे के लिये अनुशंसित नहीं किया जाएगा।
- उपरोक्त मानदंड को ध्यान में रखने के बाद यदि कोई रिक्ति शेष रहती है, तो भविष्य में स्थापित होने वाले संस्थान (ग्रीनफील्ड) के प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा।
- उपरोक्त सिद्धांतों के अनुसार, UGC ने QS-2020 की वैश्विक रैंकिंग के आधार पर 15 अनुशंसाओं की सूची को रैंकिंग दी है। जहाँ एक ही स्थान पर दो संस्थान हैं वहां QS-2019 के आधार पर निर्णय लिया गया है।
- उल्लेखनीय है कि निजी संस्थानों को प्रख्यात/उच्च संस्थानों के रूप में प्रस्तावित करने के मामले में कोई वित्तीय सहायता नहीं दी जायेगी लेकिन इन्हें विशेष श्रेणी डीम्ड विश्वविद्यालय के रूप में अधिक स्वायत्तता प्रदान कि जायेगी।
आतिश दाभोलकर
Atish Dabholkar
प्रसिद्द भारतीय वैज्ञानिक ‘सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी आतिश दाभोलकर’ को ट्राइस्टे, इटली में अब्दुस सलाम इंटरनेशनल सेंटर फॉर थियोरेटिकल फिजिक्स (Abdus Salam International Centre for Theoretical Physics- ICTP) के नए निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है।
- दाभोलकर संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) के सहायक महानिदेशक के पद के साथ इंटरनेशनल सेंटर फॉर थियोरेटिकल फिजिक्स (ICTP) के निदेशक का पदभार संभालेंगे।
- ये फर्नांडो क्यूवेदो की जगह लेंगे जिन्होंने वर्ष 2009 में इस केंद्र का नेतृत्व सँभाला था।
- दाभोलकर वर्तमान में ICTP की उच्च ऊर्जा, ब्रह्मांड विज्ञान और खगोल भौतिकी अनुभाग के प्रमुख हैं।
शैक्षिक पृष्ठभूमि
- श्री दाभोलकर का जन्म वर्ष 1963 में कोल्हापुर ज़िले के गरगोती में हुआ और यहीं पर इन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की।
- इन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। प्रिंसटन विश्वविद्यालय से सैद्धांतिक भौतिकी में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की, इसके बाद रटगर्स विश्वविद्यालय, हार्वर्ड विश्वविद्यालय और कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पोस्ट-डॉक्टरेट किया तथा विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान कार्य किया।
- वर्ष 2010 तक वह मुंबई में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च में सैद्धांतिक भौतिकी के प्रोफेसर थे तथा स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर एवं सर्न में एक विज़िटिंग वैज्ञानिक रहे।
रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य
Ranganathittu bird sanctuary
कर्नाटक स्थित यह अभयारण्य जहाँ सामान्यतः प्रत्येक वर्ष लगभग चार लाख आगंतुक आते हैं, खुद को मानसून के अनुरूप तैयार कर रहा है।
- उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों आई बाढ़ ने केरल तथा कर्नाटक के कई बड़े हिस्सों को नष्ट कर दिया था जिसमें रंगाथिटिटू पक्षी अभयारण्य में उपस्थित सैकड़ों घोंसले एवं द्वीप नष्ट हो गए थे।
- पिछले वर्ष कृष्णा राजा सागर बांध का अतिरिक्त पानी छोड़ दिये जाने के परिणामस्वरूप इस अभयारण्य में कई ऐसे द्वीप जलमग्न हो गए थे जहाँ पक्षी अपना बसेरा एवं घोंसला बनाते थे।
- यह अभयारण्य कर्नाटक में स्थित है।
- यहाँ पक्षियों की 200 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- इनमें से कई पक्षी जैसे- सफेद सारस, उत्तरी क्षेत्रों में पाए जाने वाले चौड़ी चोंच वाले बत्तख, खंजन (Wagtails) और चहचहाने वाली चिड़िया आदि मध्य एशिया, साइबेरिया एवं हिमालय के प्रवासी पक्षी हैं।
एरिया 51
Area 51
नेवादा रेगिस्तान में स्थित अमेरिकी सेना का गुप्त ठिकाना माने जाने वाले एरिया 51 पर प्रवेश करने के लिये हज़ारों लोगों ने एक फेसबुक कार्यक्रम ‘Storm Area 51’ पर हस्ताक्षर किये हैं।
- ‘Shitposting cause im in shambles’, ‘SmyleeKun’ और ‘The Hidden Sound’ नाम के तीन फेसबुक पेज़ ने मिलकर एक इवेंट बनाया और उसका नाम दिया ‘Storm Area 51’ जिसका अर्थ है एरिया 51 में घुसपैठ।
- इसकी टैगलाइन Storm Area 51, They Can’t Stop All of Us है।
- यह क्षेत्र (Area 51) आधिकारिक तौर पर नेवादा टेस्ट एवं प्रशिक्षण रेंज के रूप में जाना जाता है, जो नेलिस वायु सेना बेस न(Nellis Air Force Base) का हिस्सा है और इसका उपयोग अमेरिकी वायु सेना के प्रशिक्षण केंद्र के रूप में किया जाता है।
- ऐसा माना जाता है कि यहाँ एलियन पर शोध किया जाता है तथा यहाँ पर एलियन आते हैं।
- कुछ साल पहले तक अमेरिका ऐसी किसी जगह के वज़ूद से ही इनकार किया करता था। लेकिन वर्ष 2013 में अमेरिका ने कुछ दस्तावेजों को सार्वजनिक कर ये मान लिया है कि ‘एरिया-51’ उसका स्पेशल टेस्टिंग एरिया है, जहाँ अज्ञात फ्लाइंग ऑब्जेक्ट (Unidentified flying object- UFO) जैसी चीजों पर भी परीक्षण किया जाता है।