प्रीलिम्स फैक्ट्स: 04 फरवरी, 2019 | 04 Feb 2019

डॉल्फिन: पंजाब का जलीय जीव


हाल ही में पंजाब सरकार ने लुप्तप्राय (Critically Endangered) इंडस रिवर डॉल्फिन (Indus River Dolphin) को पंजाब का जलीय जीव घोषित करने की मंज़ूरी दी है।

  • वन्यजीव प्रांतीय बोर्ड की मीटिंग के दौरान इंडस डॉल्फिन को एक दुर्लभ जलीय जीव बताते हुए यह फैसला लिया गया है।
  • पंजाब में ब्यास नदी में यह डॉल्फिन पाई जाती है, लेकिन इनकी संख्या बहुत कम रह गई है।
  • पिछले वर्ष WWF-India और पंजाब सरकार द्वारा कराए गए Indus River Dolphin Survey में इनकी संख्या 5 से 11 के बीच बताई गई थी।
  • गौरतलब है कि ब्यास नदी की पर्यावरण प्रणाली के संरक्षण में इंड्स डॉल्फिन अहम भूमिका निभाती है।

विश्व कैंसर दिवस


विश्व के लोगों को कैंसर के खिलाफ़ लड़ाई लड़ने में एकजुट करने के लिये प्रतिवर्ष 4 फरवरी को ‘विश्व कैंसर दिवस’ मनाया जाता है। यह एक वैश्विक कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य कैंसर के विषय में जागरूकता बढ़ाना, आवश्यक जानकारियों का प्रसार करना तथा वैश्विक स्तर पर सरकारों और व्यक्तियों को इस विषय में कार्रवाई करने के लिये संवेदनशील बनाना है।

  • विश्व कैंसर दिवस (World Cancer Day) प्रत्येक वर्ष 4 फरवरी को मनाया जाता है।
  • विश्व कैंसर दिवस की स्थापना 4 फरवरी, 2000 को पेरिस में न्यू मिलेनियम हेतु कैंसर के खिलाफ विश्व सम्मेलन में पेरिस चार्टर द्वारा की गई थी।

world cancer day

  • वर्ष 2019 में तीन वर्षों, 2019-21 के लिये #IAmAndIWill अभियान की शुरुआत की गई है।
  • #IAMANDIWILL व्यक्तिगत प्रतिबद्धता हेतु एक सशक्त कॉल-टू-एक्शन आग्रह है जो भविष्य को प्रभावित करने के लिये यथाशीघ्र की जाने वाले कार्रवाई को इंगित करता है।
  • विश्व स्वास्थ्य सगठन के अनुसार, कैंसर की वज़ह से एक मिनट में 17 लोगों की मौत हो जाती है।

cancer

  • तमाम प्रयासों के बावजूद कैंसर के मरीज़ों की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही है। इसी कारण हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाने का निर्णय लिया गया ताकि लोगों को अधिक-से-अधिक जागरूक किया जा सके।

कैंसर क्या है?

  • कैंसर अर्थात् शरीर के भीतर कुछ कोशिकाओं का अनियंत्रित होकर बढ़ना।
  • अनुपचारित कैंसर आसपास के सामान्य ऊतकों या शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है तथा इसके कारण बहुत से गंभीर रोग, विकलांगता यहाँ तक की मृत्यु भी हो सकती है।

कारण

  • शारीरिक कैंसरकारी तत्त्व जैसे कि पराबैंगनी और आयनीकरण करने वाली विकिरण।
  • रासायनिक कैंसरकारी तत्त्व जैसे - ऐस्बेस्टस, तंबाकू, एफ्लोटॉक्सिन (दूषित आहार) और आर्सेनिक (दूषित पेयजल)।
  • जैविक कैंसरकारी तत्त्व जैसे - कुछ वायरस, बैक्टीरिया या हेपेटाइटिस बी और सी वायरस तथा मानव पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) जैसे- परजीवियों से होने वाला संक्रमण।
  • कैंसर के विकास का एक अन्य महत्त्वपूर्ण कारक वृद्धावस्था है।
  • तंबाकू और अल्कोहल का सेवन, अस्वास्थ्यकर आहार एवं शारीरिक निष्क्रियता ।

20वाँ भारत रंग महोत्सव


नई दिल्ली में 20वाँ अंतर्राष्ट्रीय नाट्य समारोह (INTERNATIONAL THEATRE FESTIVAL), 'भारत रंग महोत्सव' मनाया जा रहा है जो 1 फरवरी से 21 फरवरी तक चलेगा।

  • इस महोत्सव का आयोजन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NATIONAL SCHOOL OF DRAMA-NSD) द्वारा किया जा रहा है।
  • इस महोत्सव के अंतर्गत दिल्ली में 89 नाटक आयोजित किये जाएंगे। हिंदी में 25 नाटक, बांग्ला में 16, कन्नड़ में 5, ओड़िया में 2, गुजराती में 2, मणिपुरी में 2, अंग्रेज़ी में 3, असमिया में 2, मलयालम में 2 और मैथिली, तेलुगू, नेपाली व संस्कृत में 1-1 नाटक होगा।
  • इस महोत्सव में 15 विदेशी नाटक भी शामिल हैं।
  • थियेटर को बढ़ावा देने के लिये राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय डिब्रूगढ़, वाराणसी, रांची, मैसूर और राजकोट में भी समानांतर महोत्सवों का आयोजन कर रहा है।

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बौनी आकाशगंगा


हाल ही में शोधकर्त्ताओं ने हबल अंतरिक्ष टेलिस्कोप की सहायता से तीन करोड़ प्रकाश वर्ष दूर, हमारे ब्रह्माण्ड में पीछे की ओर मौजूद एक बौनी आकाशगंगा का पता लगाया है।

  • गौरतलब है कि बौनी आकाशगंगा में दूसरी आकाशगंगाओं की तुलना में काफी कम तारे होते हैं।
  • शोधकर्त्ताओं ने एनजीसी 6752 के भीतर सफेद बौने तारों का अध्ययन करने के लिये नासा/ईएसए हबल अंतरिक्ष टेलिस्कोप का इस्तेमाल किया था। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency-ESA) के अनुसार, इस अध्ययन का उद्देश्य गोल तारामंडल की आयु का पता लगाने के लिये इन तारों का इस्तेमाल करना था लेकिन इस प्रक्रिया में शोधकर्त्ताओं को बौनी आकाशगंगा मिल गई। शोधकर्त्ताओं के लिये यह एक अप्रत्याशित खोज है।
  • बेदिन 1 नामक यह पड़ोसी आकाशगंगा आकार में बहुत छोटी है। शोधकर्त्ताओं ने बताया कि यह छोटी होने के साथ ही बहुत धुँधली भी है।
  • यह शोध ‘मंथली नोटिसेस ऑफ द रॉयल एस्ट्रॉनॉमिकल सोसायटी: लेटर्स’ (Monthly Notices of the Royal Astronomical Society: Letters) जर्नल में प्रकाशित किया गया है।