प्रीलिम्स फैक्ट्स: 2/08/2019 | 02 Aug 2019
'वर्किंग हॉलिडे मेकर' वीज़ा कार्यक्रम
Australia to extend its backpacker work visa scheme to Indians
हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने भारत सहित एक दर्जन से अधिक देशों में 'वर्किंग हॉलिडे मेकर' (Working Holiday Maker) वीज़ा कार्यक्रम का विस्तार करने का निर्णय लिया है।
- इस वीज़ा का उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया के घरेलू क्षेत्रों, मुख्यतः कृषि क्षेत्र में श्रमिकों की भर्ती करना है ताकि श्रमिकों की कमी की समस्या को हल किया जा सके।
- 'वर्किंग हॉलिडे मेकर' कार्यक्रम एक सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य युवा यात्रियों को अपने अवकाश के दौरान अल्पकालिक रोज़गार के माध्यम से पैसा कमाने का अवसर प्रदान करना है।
- इसी के साथ यह कार्यक्रम ऑस्ट्रेलिया की क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने में भी मदद करता है।
- इस कार्यक्रम के तहत आवेदन करने वाले युवाओं को कुछ न्यूनतम अर्हताएँ पूरी करनी होंगी:
- आवेदकों को अंग्रेजी का न्यूनतम ज्ञान होना चाहिये
- वे या तो स्नातक स्तर की शिक्षा प्राप्त कर रहे हों या कर चुके हों
'क्यूएस बेस्ट स्टूडेंट सिटीज़ रैंकिंग'
‘QS Best Student Cities Ranking’
ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म क्यू एस क्वाक्वैरेली साइमंड्स ( QS Quacquarelli Symonds) ने छात्रों के लिये सबसे बेहतर शहरों की लिस्ट 'क्यूएस बेस्ट स्टूडेंट सिटीज रैंकिंग' (‘QS Best Student Cities Ranking’) जारी की है।
- छात्रों के लिये सबसे बेहतर शहरों की सूची में लंदन को लगातार दूसरे वर्ष दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहर के रूप में नामित किया गया है, जबकि दूसरे नंबर पर जापान का टोक्यो तथा तीसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया का मेलबर्न है।
- इस सूची में कुल 120 शहरों को शामिल किया गया था।
- भारत में छात्रों के लिये सबसे अच्छा शहर बेंगलुरु (81) है, इसके बाद मुंबई (85), दिल्ली (113) तथा चेन्नई (115) का स्थान है।
- यह रैंकिंग किसी शहर में विश्वविद्यालयों की संख्या, उनके प्रदर्शन, रोज़गार अवसर, शहर में जीवन की गुणवत्ता एवं अनुकूलता के आधार पर निर्धारित की गई।
- लंदन में भारतीय छात्रों की संख्या में वर्ष 2017-18 में 20% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो 2016-17 में 4,545 से बढ़कर 2017-18 में 5,455 हो गई। हालाँकि यह संख्या अभी भी बहुत कम है।
- 120 देशों की इस सूची में अमेरिका और UK के 14-14 शहर शामिल हैं।
- QS टॉप-120 रैंकिंग में एशिया के दो शहरों को टॉप-10 में जगह मिली है- टोक्यो दूसरे और सियोल 10वें स्थान पर है।
- हॉन्गकॉन्ग 14वें, बीजिंग 32वें और शंघाई लिस्ट में 33वें स्थान पर है। रैंकिंग में ऑस्ट्रेलिया के 7 शहरों को जगह मिली है। इनमें मेलबर्न (3) और सिडनी (9) टॉप-10 में शामिल हैं।
ई-कार
E-Cars
भारतीय सेना ने पर्यावरण पारिस्थितिकी में सहयोग के उद्देश्य से नई दिल्ली में अपने अधिकारियों के उपयोग के लिये ई-कार (E-Cars) पहल की शुरुआत की है।
- दिल्ली में सेना में ई-कार की शुरुआत विश्व पर्यावरण दिवस पर हुई थी और 1 अगस्त, 2019 को भारतीय सेना के लिये पहली बार ई-कार को हरी झंडी दिखाकर लॉन्च किया गया।
- पायलट परियोजना के रूप में 10 ई-कारें चलाई जाएंगी तथा विकास, दक्षता तथा न्यूनतम उत्सर्जन सुनिश्चित करने के बाद दिल्ली में ई-कारों की संख्या में वृद्धि की जाएगी।
- उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना हमेशा ही पर्यावरणीय पहल में सबसे आगे रही है। वर्तमान में भारतीय सेना के पास बड़ी संख्या में टेरिटोरियल आर्मी बटालियन (Territorial Army Battalions- ECO) हैं जिन्होंने वन संरक्षण जैसे पर्यावरण संरक्षण की पहल की है।
- कश्मीर से कन्याकुमारी तक दूरदराज क्षेत्रों साथ ही पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात सैन्य इकाइयाँ पारिस्थितिक संतुलन के संरक्षण एवं पर्यावरण की सुरक्षा के लिये स्थानीय लोगों के साथ निकट समन्वय बनाकर विभिन्न गतिविधियों को अंजाम दे रही हैं।
बांदीपुर अभयारण्य
Bandipur Sanctuary
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा जारी बाघ अभयारण्यों के आर्थिक मूल्यांकन के अनुसार, बांदीपुर टाइगर रिज़र्व पर किया जाने वाला मौद्रिक मूल्य 6,405.7 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष है।
- बांदीपुर के आर्थिक मूल्यांकन और देश के नौ अन्य बाघ अभ्यारण्यों का अनुमान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट में सेंटर फॉर इकोलॉजिकल सर्विसेज मैनेजमेंट द्वारा किया गया।टाइगर रिज़र्व की आर्थिक, वैज्ञानिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक एवं मनोरंजक सेवाओं के निर्धारण के लिये कई तरीकों का इस्तेमाल किया गया।
- रिज़र्व पर खर्च किये गए प्रत्येक रुपये के लिये विभिन्न मूर्त और गैर-मूर्त लाभों के माध्यम से वापसी की दर लगभग 700% है। अतः संरक्षित क्षेत्रों के समग्र आर्थिक लाभों को देखते हुए बाघ संरक्षण को बढ़ावा दिया जाना चाहिये।
- इस लाभ के तहत पार्क में जल संरक्षण, संरक्षण एवं प्रावधान के लिये राज्य द्वारा बचाई गई लागत, जलवायु विनियमन आदि की लागत का लगभग 700% से अधिक रिटर्न प्राप्त हुआ। साथ ही मिट्टी की हानि को रोकना, रोग का जैविक नियंत्रण, परागण को प्रोत्साहन, इमारती लकड़ियाँ, कार्बन तथा प्रजातियों का संरक्षण आदि लाभ भी इसमें शामिल हैं।
होप प्रोब
Hope Probe
हाल में संयुक्त अरब अमीरात ने जुलाई वर्ष 2020 में मंगल ग्रह पर अरब देशों के पहले अंतरिक्ष यान ‘होप प्रोब’ लॉन्च किये जाने की घोषणा की है।
- यह अंतरिक्ष कार्यक्रम एमिरेट्स मार्स मिशन (Emirates Mars Mission- EMM)) के नाम से जाना जाएगा।
- इस मिशन का उद्देश्य मंगल ग्रह के वायुमंडल की ऊपरी सतह की जानकारी एकत्र करना है।
- इसके तहत पानी के मुख्य घटक हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन गैसों के घटते स्तर का अध्ययन किया जाएगा।
- संभवतः यह लाल ग्रह यानी मंगल की सतह की तस्वीर धरती पर भेजने वाला अंतरिक्ष में पहला खोजी अभियान हो सकता है।