प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 02 मई, 2019
- 02 May 2019
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99942 एपोफिस
क्षुद्रग्रह 99942 एपोफिस (APOPHIS) 13 अप्रैल, 2029 को पृथ्वी की सतह से लगभग 31,000 किमी. ऊपर से होकर गुजरेगा।
- 99942 एपोफिस 340 मीटर चौड़ा है।
- मिस्र के अराजकता के देवता के नाम पर इस क्षुद्रग्रह का नाम रखा गया है।
- हालाँकि, इस क्षुद्रग्रह से पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है लेकिन इसके आकार ने वैज्ञानिक समुदाय के बीच उत्सुकता बढ़ा दी है।
क्षुद्रग्रह 99942 एपोफिस (APOPHIS)
क्षुद्रग्रह
- क्षुद्रग्रहों को कभी-कभी ‘छोटे ग्रह’ (Minor Planets) भी कहा जाता है।
- ये चट्टानी अवशेष हैं, जिन्हें लगभग 4.6 बिलियन वर्ष पूर्व सौरमंडल के आरंभिक निर्माण के दौरान छोड़ दिया गया था।
- सभी क्षुद्रग्रहों का कुल द्रव्यमान पृथ्वी के उपग्रह के द्रव्यमान से कम होता है। 150 से अधिक क्षुद्रग्रहों के दो चन्द्रमा हैं।
- इसलिये इन्हें ‘बाइनरी क्षुद्रग्रह’ भी कहा जाता है। इसमें एक समान आकार के दो चट्टानी पिंड एक दूसरे की परिक्रमा करते हैं।
- इनका वर्गीकरण मुख्य क्षुद्रग्रह पट्टी (Main Asteroid Belt), ट्रोजन्स (Trojans) और पृथ्वी के समीप उपस्थित क्षुद्रग्रह (Near Earth Asteroids) के रूप में किया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस
1 मई को दुनिया भर में ‘अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस’ (International Labor Day) मनाया जाता है। इसे मई दिवस (May Day) के नाम से भी जाना जाता है।
- दुनिया भर में सभी कामगारों व श्रमिकों के सम्मान में यह दिवस आयोजित किया जाता है।
- वर्ष 1889 में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन (International Socialist Conference) ने हेमार्केट नरसंहार (Haymarket Massacre) में मारे गए निर्दोष लोगों की याद में इस दिवस को मनाने का फैसला किया था।
हेमार्केट नरसंहार
- 1886 में अमेरिकी मज़दूर संघों द्वारा यह निश्चय किया गया कि वे 8 घंटे से अधिक काम नहीं करेंगे और उन्होंने अपनी मांग के समर्थन में हड़ताल शुरू कर दी।
- इस हड़ताल के दौरान शिकागो के हेमार्केट में एक बम विस्फोट की घटना हुई, जिसमें 100 से अधिक लोग घायल हुए।
- इस घटना की प्रतिक्रिया में पुलिस ने जवाबी कार्यवाही करते हुए मज़दूरों पर गोली चला दी जिसमें इसमें कई मज़दूर मारे गए।
- भारत में मज़दूर दिवस कामकाजी लोगों के सम्मान में मनाया जाता है। भारत में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान द्वारा 1 मई, 1923 को मद्रास में इसकी शुरुआत की गई। हालाँकि उस समय इसे मद्रास दिवस के रूप में मनाया गया था।
चंद्रयान 2
हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation-ISRO) ने जानकारी दी कि इस वर्ष जुलाई में चंद्रयान-2 लॉन्च किया जाएगा।
- चंद्रयान- 2 (चंद्रमा के लिये भारत का दूसरा मिशन) पूरी तरह से स्वदेशी मिशन है। गौरतलब है कि इस मिशन में तीन मॉड्यूल होंगे जो इस प्रकार हैं-
♦ ऑर्बिटर
♦ लैंडर (विक्रम)
♦ रोवर (प्रज्ञान)
- जीएसएलवी मार्क-3 चंद्रयान-2 आर्बिटर और लैंडर को धरती की कक्षा में स्थापित करेगा, जिसके बाद उसे चाँद की कक्षा में पहुँचाया जाएगा।
- चंद्रयान-2 के चंद्रमा की कक्षा में पहुँचने के बाद लैंडर चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा और रोवर को तैनात करेगा।
- रोवर पर लगाए गए उपकरण चंद्रमा की सतह का अवलोकन करेंगे और डेटा भेजेंगे, जो चंद्रमा की मिट्टी के विश्लेषण के लिये उपयोगी होगा।
नियमगिरि हिल्स
हाल ही में 16 सदस्यीय फैक्ट-फाइंडिंग टीम ने निष्कर्ष निकाला है कि लांजीगढ़ (कालाहांडी) में वेदांता रिफाइनरी के पास रहने वाले ग्रामीणों को लाल मिट्टी के तालाब (रिफाइनरी द्वारा उत्पन्न अपशिष्ट) से आने वाली धूल के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
- 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने वेदांता लिमिटेड द्वारा नियमगिरि से बॉक्साइट का खनन किये जाने की योजना को खारिज कर दिया था।
- नियमगिरि दक्षिणी ओडिशा के रायगडा और कालाहांडी ज़िलों में एक पहाड़ी क्षेत्र है।
- नियमगिरि के मूल निवासियों में मुख्य रूप से कुटिया कोंध और डोंगरिया कोंध नामक दो जनजातियाँ हैं, जो इन पहाड़ियों को अपने देवता नियाम राजा का आवास मानती हैं।
- ओडिशा में 700 मिलियन टन ज्ञात बॉक्साइट भंडार है, जिसमें से 88 मिलियन टन नियमगिरि में होने का अनुमान लगाया गया है।
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