प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स : 01 फरवरी, 2019
- 01 Feb 2019
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गंगा एक्सप्रेस वे (Ganga Express Way)
हाल ही में उत्तरप्रदेश मंत्रिमंडल की पहली बार कुंभ मेले में आयोजित बैठक के दौरान ‘गंगा एक्सप्रेस वे’ के निर्माण को मंज़ूरी दी गई।
- राज्य मंत्रिमंडल के अनुसार, यह विश्व का सबसे बड़ा ‘एक्सप्रेस वे’ होगा।
- यह एक्सप्रेस वे प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) को मेरठ से जोड़ेगा।
- इस ‘एक्सप्रेस वे’ की लंबाई लगभग 600 किमी. होगी और यह ग्यारह ज़िलों मेरठ, अमरोहा, बुलंदशहर, बदायूं, शाहजहांपुर, फरुखाबाद, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज को जोड़ेगा ।
- राज्य के विभाजन के बाद यह पहली बार था जब मंत्रिमंडल की बैठक राज्य की राजधानी लखनऊ से बाहर आयोजित की गई।
- उत्तराखंड बनने से पहले उत्तरप्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक कभी-कभी नैनीताल में होती थी। यह भी अंतिम बार 1962 में हुई थी, तब इसकी अध्यक्षता तत्कालीन मुख्यमंत्री गोविन्द बल्लभ पंत ने की थी।
रिसर्च फेलोशिप बढ़ाने की घोषणा (Hike in Research Fellowship)
हाल ही में केंद्र सरकार अनुसंधान कर्मियों की फेलोशिप बढ़ाने का फैसला लिया है। सरकार का यह निर्णय 1 जनवरी, 2019 से प्रभावी माना जाएगा।
- इन अनुसंधान कर्मियों में भौतिक और रासायनिक विज्ञान सहित विज्ञान और प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणितीय विज्ञान, कृषि विज्ञान, जीव विज्ञान, फार्मेसी आदि किसी भी क्षेत्र में दाखिला लेने वाले Ph.D छात्रों और अन्य अनुसंधान कर्मियों को शामिल किया गया है।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी में काम कर रहे Ph.D विद्वान औद्योगिक प्रतिस्पर्धा, शैक्षणिक जीवंतता और प्रौद्योगिकी नेतृत्व वाले नवाचारों के लिये देश के ज्ञान के आधार में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं।
- फेलोशिप में की गई इस बढ़ोतरी से 60,000 से भी अधिक अनुसंधान कर्मियों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा।
संशोधित फेलोशिप राशि
फेलोशिप की श्रेणी | वर्तमान फेलोशिप | संशोधित फेलोशिप |
जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) | 25,000 रुपए | 31,000 रुपए |
सीनियर रिसर्च फेलो (SRF) | 28,000 रुपए | 35,000 रुपए |
वरिष्ठ अनुसंधान एसोसिएट्स | 40,000 रुपए | 51,000 रुपए |
- सभी रिसर्च फेलो को केंद्र सरकार के मानदंडों के अनुसार मकान किराया भत्ता भी मिलेगा।
- फेलोशिप की मात्रा सहित मूल्य, गुणवत्ता और डॉक्टरेट अनुसंधान के अनुभव को बढ़ाने पर असर पड़ने वाले सभी फेलोशिप मामलों की समय-समय पर जांच करने के लिये एक अधिकार प्राप्त अंतर-मंत्रालयी समिति (Empowered Inter-Ministerial Committee) का गठन किया गया है।
रसायन विज्ञान की आवर्त सारणी के 150 साल
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन यूनेस्को ने ‘रासायनिक तत्त्वों की आवर्त सारणी के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष’ (International Year of the Period Table of Chemical Elements) की शुरुआत की है।
- रासायनिक तत्त्वों की आवर्त सारणी को तैयार किये हुए 150 वर्ष पूरे हो गए हैं और संयुक्त राष्ट्र की वैज्ञानिक एजेंसी इसके उपलक्ष्य में पूरे के वर्ष तक कार्यक्रम आयोजन करने की योजना बनाई है।
- रूसी रसायनज्ञ दिमित्री मेंडेलीव (Dmitri Mendeleev) ने पहली बार 1869 में आवर्त सारणी प्रकाशित की थी।
- इस सारणी में अंतिम बार मार्च 2015 में संशोधन किया गया था और 4 नए तत्त्वों (113, 115, 117 और 118) को जोड़ा गया था। ये चारों तत्त्व प्रकृति में नहीं पाए जाते लेकिन हल्के तत्त्वों के मेल से बनते हैं।
यूनेस्को (UNESCO)
- यूनेस्को (UNESCO) 'संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization)' का संक्षिप्त रूप है। यह संयुक्त राष्ट्र का ही एक भाग है।
- मुख्यालय-पेरिस (फ्राँस)
- गठन - 16 नवंबर, 1945
- कार्य - शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति और संचार के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देना।
- उद्देश्य - इसका उद्देश्य शिक्षा एवं संस्कृति के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से शांति एवं सुरक्षा की स्थापना करना है, ताकि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में वर्णित न्याय, कानून का राज, मानवाधिकार एवं मौलिक स्वतंत्रता हेतु वैश्विक सहमति बन पाए।