प्रारंभिक परीक्षा
प्रिलिम्स फैक्ट: 16 जनवरी, 2021
- 16 Jan 2021
- 9 min read
हेनले पासपोर्ट सूचकांक 2021
(Henley Passport Index 2021)
हाल ही में जारी हेनले पासपोर्ट सूचकांक (Henley Passport Index), 2021 में भारतीय पासपोर्ट को 85वाँ स्थान प्राप्त हुआ है।
प्रमुख बिंदु:
हेनले पासपोर्ट सूचकांक:
- हेनले पासपोर्ट सूचकांक विश्व के सभी देशों के पासपोर्ट्स की रैंकिंग को दर्शाता है, इस सूची में किसी पासपोर्ट को इस आधार पर रैंकिंग प्रदान की जाती है कि पासपोर्ट धारक बिना पूर्व वीजा के कितने देशों की यात्रा कर सकता है।
- मूल रूप से डॉ. क्रिश्चियन एच. केलिन (हेनले एंड पार्टनर्स के अध्यक्ष) द्वारा बनाई गई यह रैंकिंग पूरी तरह से 'इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन' (International Air Transport Association- IATA) के डेटा पर आधारित है, जो विश्व में यात्राओं का सटीक और सबसे बड़ा डेटाबेस रखता है।
- इसे वर्ष 2006 में लॉन्च किया गया था और इसमें 199 पासपोर्ट शामिल हैं।
नवीनतम रैंकिंग:
- शीर्ष रैंक धारक:
- जापान इस सूचकांक में अपना स्थान (1st) बनाए रखने में सफल रहा, जापानी पासपोर्ट धारक विश्व भर के 191 देशों में पूर्व वीज़ा के बिना भी यात्रा कर सकते हैं।
- इस सूचकांक में सिंगापुर (190 के स्कोर के साथ) दूसरे स्थान पर और जर्मनी तथा दक्षिण कोरिया (189 के स्कोर के साथ) सामूहिक रूप से तीसरे स्थान पर रहे।
- पारंपरिक रूप से इस सूचकांक में यूरोपीय संघ के देशों, ब्रिटेन या अमेरिका शीर्ष स्थान पर रहे हैं। परंतु इस वर्ष एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देश विश्व के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट वाले देशों के रूप में उभरे हैं क्योंकि इनमें कुछ ऐसे देश शामिल हैं, जहाँ COVID-19 महामारी से उबरने की प्रक्रिया सबसे पहले शुरू की गई थी।
- निचली रैंक वाले देश:
- सीरिया, इराक और अफगानिस्तान क्रमशः 29, 28 और 26 के स्कोर के साथ सबसे खराब पासपोर्ट वाले देश बने हुए हैं।
- भारत का प्रदर्शन:
- इस सूचकांक में भारत 58 के स्कोर के साथ 85वें स्थान पर रहा।
- भारतीय पासपोर्ट का प्रदर्शन इससे पहले वर्ष 2020 (84वें) और वर्ष 2019 (82वें) में बेहतर रहा था।
- पड़ोसी देशों के साथ तुलना:
- इस सूचकांक में पाकिस्तान को 107वाँ और नेपाल को 104वाँ स्थान प्राप्त हुआ।
संबंधित सरकारी पहल:
- सरकार द्वारा अधिक-से-अधिक देशों के साथ संबंधों को मज़बूती प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि भारतीय यात्रियों को वीज़ा मुक्त यात्रा, आगमन पर वीज़ा (वीज़ा ऑन अराइवल) और ई-वीज़ा जैसी सुविधाएँ आसानी से मिल सकें और भारतीय नागरिकों के लिये अंतर्राष्ट्रीय यात्रा को आसान बनाया जा सके।
- हालाँकि वीज़ा जारी करना और इससे जुड़ी प्रक्रिया संबंधित देश का संप्रभु एवं व्यक्तिगत निर्णय है, परंतु भारतीय नागरिकों के लिये आसान तथा उदारीकृत वीज़ा नीति के मामले को द्विपक्षीय बैठकों में एवं अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अन्य देशों के साथ नियमित रूप से उठाया जाता है।
अस्मी: मशीन पिस्टल
ASMI:The Machine Pistol
हाल ही में भारत की पहली स्वदेशी 9 MM मशीन पिस्टल (9mm Machine Pistol) को इन्फैंट्री स्कूल, महोव और DRDO के आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (DRDO’s Armament Research & Development Establishment- ARDE), पुणे द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।
- मशीन पिस्तौल मुख्य रूप से पिस्तौल का स्व-लोडिंग संस्करण है जो पूरी तरह से स्वचालित है।
प्रमुख बिंदु:
पिस्तौल का नाम ‘अस्मी’ (Asmi) रखा गया है जिसका अर्थ गर्व, आत्मसम्मान तथा कठिन परिश्रम है।
अस्मी की विशेषताएँ:
- इस पिस्तौल में 9MM की गोली इस्तेमाल की जाएगी।
- इस पिस्तौल का वज़न लगभग 2 किलोग्राम, नाल (Barre) की लंबाई 8 इंच और मैगज़ीन (Magazine) की क्षमता 33 राउंड है।
- इसका ऊपरी रिसीवर एयरक्राफ्ट ग्रेड एल्युमीनियम तथा निचला रिसीवर कार्बन फाइबर (Carbon Fibre) से बना है।
- इसके ट्रिगर घटक सहित विभिन्न भागों की डिज़ाइनिंग और प्रोटोटाइपिंग में 3डी प्रिंटिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल किया गया है।
महत्त्व:
- इसका इस्तेमाल कमांडो, सैनिकों, टैंक तथा विमान कर्मियों आदि द्वारा आमने-सामने की लड़ाई, चरमपंथ विरोधी व आतंकवाद-रोधी कार्यवाहियों में अधिक किया जा सकेगा।
प्रभावी लागत:
- एक मशीन पिस्तौल की उत्पादन लागत लगभग 50 हज़ार रुपए है और इसे निर्यात किये जाने की भी संभावना है।
भारतीय सेना दिवस
Indian Army day
भारत में प्रतिवर्ष 15 जनवरी को जवानों और भारतीय सेना के सम्मान में सेना दिवस मनाया जाता है।
- इस वर्ष भारत अपना 73वाँ सेना दिवस मना रहा है।
प्रमुख बिंदु
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
- 15 जनवरी, 1949 को फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा (जो उस समय लेफ्टिनेंट जनरल थे) ने अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना के कमांडर-इन-चीफ का कार्यभार ग्रहण किया। के.एम. करियप्पा इस पद को संभालने वाले पहले भारतीय थे।
- के.एम. करियप्पा ने जय हिंद के नारे को अपनाया, जिसका अर्थ है ‘भारत की विजय’ (Victory of India)। वह फील्ड मार्शल की फाइव स्टार रैंक प्राप्त करने वाले दो भारतीय सेना अधिकारियों में से एक हैं, जबकि दूसरे फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ हैं।
सेना दिवस:
- देश के उन सैनिकों को सम्मान देने के लिये प्रतिवर्ष सेना दिवस मनाया जाता है, जिन्होंने निस्वार्थ सेवा, भाईचारे और देश प्रेम की सबसे बड़ी मिसाल कायम की है।
- सेना दिवस के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष दिल्ली छावनी के करियप्पा परेड ग्राउंड में परेड का आयोजन किया जाता है।
भारतीय सेना:
- भारतीय सेना का उद्भव ईस्ट इंडिया कंपनी की सेनाओं से हुआ था, जो बाद में 'ब्रिटिश भारतीय सेना' और आखिरकार स्वतंत्रता के बाद भारतीय सेना बन गई।
- भारतीय सेना की स्थापना लगभग 126 साल पहले अंग्रेज़ों द्वारा 1 अप्रैल, 1895 को की गई थी।
- ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स 2021 (Global Fire Power Index 2021) के अनुसार, भारत की सेना को दुनिया की चौथी सबसे मज़बूत सेना माना जाता है।
- ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स: इस सूचकांक में देशों की रैंकिंग को 50 मानकों के आधार पर निर्धारित किया जाता है, जिसमें सैन्य संसाधन, प्राकृतिक संसाधन, उद्योग, भौगोलिक विशेषताएँ और उपलब्ध मानव शक्ति शामिल है।