नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 16 जनवरी से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

रैपिड फायर

मोरान समुदाय के लिये PRC

  • 24 Mar 2025
  • 2 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

असम सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में रहने वाले मोरान समुदाय के सदस्यों को स्थायी निवास प्रमाण पत्र (PRC) देने का निर्णय लिया है।

  • मोरान के बारे में: इसे असम की एक मूल जनजाति के रूप में मान्यता प्राप्त है, तथा इसकी एक छोटी आबादी अरुणाचल प्रदेश में भी रहती है। वे धर्म से वैष्णव हैं और मोआमरिया संप्रदाय से संबंधित हैं। 
    • श्री शंकर देव के शिष्य श्री अनिरुद्ध देव (1553-1624) ने उन्हें असम में नव-वैष्णववाद से परिचित कराया।
    • असम के नव-वैष्णव धर्म में, सत्र (मठ) और नामघर (ग्राम स्तर के प्रार्थना घर) इस धर्म के स्तंभ हैं।
    • वे असम में अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की भी मांग कर रहे हैं।
  • PRC के बारे में: यह किसी व्यक्ति के उस विशेष राज्य में स्थायी निवास का प्रमाण है।
    • असम में PRC उन भारतीय नागरिकों को प्रदान किया जाता है जिनके पूर्वज वहाँ 50 वर्षों से अधिक समय से रह रहे हों और जो कम से कम 20 वर्षों से वहाँ रह रहे हों।
  • मोआमरिया विद्रोह (1769-1799): अनिरुद्ध देव की शिक्षाओं से प्रेरित होकर असम में निम्न जाति के किसानों द्वारा किये गए इस विद्रोह ने अहोम सत्ता को चुनौती दी और राज्य को कमज़ोर कर दिया। अहोमों ने विद्रोह को दबाने के लिये ब्रिटिश मदद मांगी। यद्यपि विद्रोह को दबा दिया गया, लेकिन प्रथम आंग्ल-बर्मी युद्ध (वर्ष 1824-26) के दौरान राज्य बर्मी लोगों के हाथों में चला गया और अंततः ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया।

और पढ़ें: असम में जनजातियाँ

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2