प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना | 09 Nov 2024

स्रोत: पी.आई.बी

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मत्स्य पालन विभाग ने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) की एक उप-योजना, प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (PM-MKSSY) पर चर्चा करने के लिये एक बैठक आयोजित बुलाई।

नोट:

  • मत्स्य पालन और जलकृषि क्षेत्र, जिसे "सूर्योदय क्षेत्र" कहा जाता है, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, आजीविका सृजित करने और भारत की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
    • क्षेत्र के विकास को समर्थन प्रदान करने के लिये मत्स्य पालन और जलकषि अवसंरचना विकास निधि (FIDF) तथा नीली क्रांति जैसी कई योजनाएँ शुरू की गई हैं।
  • वित्त वर्ष 2022-23 में समुद्री उत्पादों के निर्यात में 26.73% की वृद्धि के साथ भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा मत्स्य उत्पादक और मत्स्य उत्पादों का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक देश है।
    • रोज़गार की दृष्टि से यह क्षेत्र देश में 28 मिलियन से अधिक लोगों की आजीविका का आधार है।

प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (PM-MKSSY) क्या है?

परिचय: 

  • सरकार द्वारा फरवरी 2024 में वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2026-27 तक चार वर्षों की अवधि के लिये केंद्रीय क्षेत्र की उप-योजना प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना (PM-MKSSY) को मंजूरी प्रदान की गई।

उद्देश्य: 

  • बेहतर सेवा वितरण के लिये राष्ट्रीय मत्स्य पालन डिजिटल प्लेटफॉर्म (NFDF) के तहत कार्य आधारित डिजिटल पहचान के निर्माण द्वारा असंगठित मत्स्य पालन क्षेत्र का क्रमिक रूप से औपचारिकीकरण।
  • मत्स्यपालकों और सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिये संस्थागत वित्त तक अधिक पहुँच की सुविधा प्रदान करना।
  • वित्तीय संसाधनों तक पहुँच को सुगम बनाता है, तथा मत्स्यपालकों को वित्तपोषण एवं स्थिर विकल्पों के साथ सशक्त बनाता है।
  • जलकृषि बीमा के उपयोग को प्रोत्साहित करना, जोखिमों को कम करना और आपूर्ति शृंखला गुणवत्ता नियंत्रण के लिए ट्रेसेबिलिटी को शामिल करना।

प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) क्या है?

परिचय:

  • मत्स्य पालन विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रम PMMSY का उद्देश्य नीली क्रांति के लिये भारत के मत्स्य उद्योग को सतत् और ज़िम्मेदार तरीके से विकसित करना है।
    • यह मछुआरों के कल्याण को सुनिश्चित करते हुए क्षेत्र के व्यापक विकास पर ध्यान केंद्रित करती है।
  • PMMSY को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25 तक 5 वर्षों की अवधि के लिये कार्यान्वित किया जा रहा है।

उद्देश्य:

  • PMMSY मत्स्य पालन, उत्पादकता, गुणवत्ता और बुनियादी ढाँचे में अंतराल को को कम कर मछुआरों के सामाजिक-आर्थिक कल्याण की गारंटी देते हुए मूल्य शृंखला का आधुनिकीकरण करता है।

PMMSY के लक्ष्य:

  • मत्स्य पालन और उत्पादकता:
    • वर्ष 2018-19 में 13.75 मिलियन मीट्रिक टन से वर्ष 2024-25 तक मत्स्य उत्पादन को बढ़ाकर 22 मिलियन मीट्रिक टन करना।
    • जलकृषि उत्पादकता को वर्तमान राष्ट्रीय औसत 3 टन से बढ़ाकर 5 टन प्रति हेक्टेयर करना।
    • घरेलू मत्स्य खपत को प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम से बढ़ाकर 12 किलोग्राम करना।
  • आर्थिक मूल्य संवर्द्धन:
    • कृषि सकल मूल्य संवर्द्धन (GVA) में मत्स्य पालन क्षेत्र का योगदान वर्ष 2018-19 के 7.28% से बढ़ाकर वर्ष 2024-25 तक लगभग 9% करना।
    • निर्यात आय को वर्ष 2018-19 के 46,589 करोड़ रुपए से दोगुना करके वर्ष 2024-25 तक 1,00,000 करोड़ रुपए तक पहुँचाना।
    • मत्स्य पालन क्षेत्र में निजी निवेश और उद्यमशीलता के विकास को सुविधाजनक बनाना।
    • फसल-उपरांत होने वाली हानि को 20-25% से घटाकर लगभग 10% करना।
  • आय और रोज़गार सृजन में वृद्धि:
    • मूल्य शृंखला में 55 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर सृजित होंगे।
    • मछुआरों एवं मत्स्यपालकों की आय दोगुनी करना।

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