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प्लैटिपस

  • 06 Oct 2023
  • 5 min read

स्रोत: डाउन टू अर्थ 

हालिया शोध ने पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में वर्ष 2019-20 ब्लैक समर झाड़ियों की आग के बाद जल में रहने वाले जीव, प्लैटिपस (Platypuses) से संबंधित एक परेशान करने वाली स्थिति पर प्रकाश डाला है।

  • अपने जलीय आवास के बावजूद, प्लैटिपस की आबादी आग के बाद के वातावरण में घट रही है। यह अध्ययन इन अद्वितीय प्राणियों के संरक्षण के निहितार्थों पर प्रकाश डालता है। अध्ययन में प्लैटिपस की उपस्थिति का पता लगाने के लिये पर्यावरण DNA (eDNA) का उपयोग किया गया था।

प्लैटिपस से संबंधित प्रमुख बिंदु:

  • परिचय:
    • इसके अलावा नर प्लैटिपस के टखनों पर एक ज़हरीला गाँठ/स्पर होता है, जो स्तनधारियों के बीच एक अनोखी विशेषता है, जिसका उपयोग वे मुख्य रूप से प्रजनन के मौसम के दौरान करते हैं।
    • हालाँकि यह घातक नहीं है, फिर भी यह ज़हर मनुष्यों में गंभीर दर्द और सूजन उत्पन्न  कर सकता है।
      • प्लैटिपस एक स्तनपायी जीव है जो केवल ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है।इसका सुव्यवस्थित शरीर और चौड़ी, सपाट पूंछ घने जलरोधी फर से ढकी हुई है, जो उत्कृष्ट थर्मल इन्सुलेशन प्रदान करती है। उनके पास तैरने के लिये जालीयुक्त पाद होते हैं और नदियों तथा झरनों में भोजन खोजने के लिये उनकी चोंच में इलेक्ट्रोरिसेप्टर होते हैं।
      • इकिडना के साथ प्लैटिपस को मोनोट्रेम नामक स्तनधारियों के एक अलग क्रम में समूहीकृत किया जाता है, जो अन्य सभी स्तनधारियों से अलग होते हैं क्योंकि वे अंडे देते हैं।
  • पर्यावास और वितरण:
    • प्लैटिपस ऑस्ट्रेलियाई दृश्भूमियों में मीठे जल वाले वातावरण प्रणालियों में निवास करते हैं।
    • वे उष्णकटिबंधीय वर्षावन के निचले इलाकों, उत्तरी क्वींसलैंड के पठारों और यहाँ तक ​​कि तस्मानिया एवं ऑस्ट्रेलियाई आल्प्स जैसे ठंडे, अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्रों में भी पाए जा सकते हैं।
  • मौसम और व्यवहार:
    • प्लैटिपस पूरे वर्ष, विशेषकर शाम और रात में सक्रिय रहना पसंद करते हैं।
    • प्लैटिपस अपना अधिकांश समय नदी के किनारे बिलों में या चट्टानी दरारों में बिताते हैं।
  • खाद्य व्यवहार:
    • प्लैटिपस मुख्य रूप से रात में विभिन्न प्रकार के जलीय अकशेरुकी जीवों को खाते हैं।
    • ये कीट, लार्वा, झींगा, स्विमिंग बीटल, जल-कीट, टैडपोल, कृमि और विभिन्न प्रकार के सूक्ष्म जीवों को खाते हैं।
    • ये बड़े शिकार को उठाकर जल सतह पर ले आते हैं फिर इन्हें खाते हैं।
  • शिकारी और ख़तरे:
    • प्रमुख शिकारियों में मगरमच्छ, गोन्ना, कारपेट पायथन, चील और बड़ी मछलियाँ शामिल हैं।
    • लोमड़ी, कुत्ते और डिंगो जैसे स्थलीय शिकारी जंतु इनके लिये खतरे की स्थिति उत्पन्न कर सकते हैं।
    • एक्टोपारासाइट्स, टिक प्रजातियाँ और फंगल संक्रमण भी प्लैटिपस को प्रभावित कर सकते हैं।
  • संरक्षण की स्थिति:
    • IUCN रेड लिस्ट: संकट के नज़दीक।

पर्यावरण DNA:

  • DNA, डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड का संक्षिप्त रूप, जीवों में विद्यमान वह वंशानुगत पदार्थ है जिसमें उनके निर्माण और जीवन के लिये जैविक निर्देश निहित होते हैं।
    • पर्यावरण DNA (eDNA) परमाण्विक या माइटोकॉन्ड्रियल DNA है जो किसी जीव द्वारा पर्यावरण में मुक्त किया जाता है।
    • eDNA के स्रोतों में स्रावित मल, श्लेष्मा व युग्मक, त्वचा और बाल शामिल हैं।
  • जलीय वातावरण में eDNA को विद्युत धारा और अन्य हाइड्रोलॉजिकल प्रक्रियाओं द्वारा तनु कर वितरित किया जाता है, लेकिन पर्यावरणीय परिस्थितियों के आधार पर यह केवल 7-21 दिनों तक रहता है।
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