प्लवक क्रैश | 13 Apr 2024
हाल ही में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal - NGT) पैनल ने पुडुचेरी में समुद्र के लाल होने का कारण प्लवक क्रैश (Plankton Crash) की घटना को बताया है।
- NGT पैनल ने अपशिष्टों के कारण शैवालीय प्रस्फुटन और संदूषण को खारिज़ करते हुए सुझाव दिया कि वहाँ उच्च लौह सांद्रता थी जो सामान्यतः प्लवक प्रस्फुटन को बढ़ावा देती है।
- एक विशिष्ट एककोशिकीय फाइटोप्लांकटन प्रजाति, नोक्टिलुका सिंटिलन्स (Noctiluca scintillans) का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा जल में लाल रंग के निर्वहन के लिये ज़िम्मेदार था।
- समुद्र की सतह का तापमान, जल की लवणता, pH और घुलित ऑक्सीजन जैसे पर्यावरणीय पैरामीटर फाइटोप्लांकटन क्रैश के लिये अनुकूल थे।
शैवाल प्रस्फुटन:
- शैवाल प्रस्फुटन को जलीय पारिस्थितिकी तंत्र में शैवाल की संख्या में तेज़ी से वृद्धि के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
- इसे आमतौर पर जलीय पारिस्थितिकी तंत्र में पोषक तत्त्व (जैसे नाइट्रोजन या फास्फोरस) के प्रवेश के कारण जल की सतह पर होने वाले मलिनकिरण से पहचाना जाता है