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पिलैटस पीसी-7 एमके II

  • 05 Dec 2023
  • 4 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

पिलैटस पीसी-7 एमके II (Pilatus PC-7 Mk II) ट्रेनर एयरक्राफ्ट के तेलंगाना के डंडीगल में वायु सेना अकादमी से एक नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण भारतीय वायु सेना (IAF) के दो पायलटों की मौत हो गई जो लगभग एक दशक में विमान से जुड़ी पहली दुर्घटना है।

पिलैटस पीसी-7 एमके II ट्रेनर एयरक्राफ्ट क्या है? 

  • ट्रेनर एयरक्राफ्ट: 
    • ट्रेनर एयरक्राफ्ट पायलटों और वायुसैनिकों को प्रशिक्षण देने के लिये बनाए गए विशेष विमान हैं। चूँकि आधुनिक सैन्य विमान नए पायलटों के लिये जटिल और चुनौतीपूर्ण होते हैं, इसलिये ट्रेनर एयरक्राफ्ट एक मूलभूत कदम के रूप में कार्य करते हैं।
    • ये विमान सरल, अपेक्षाकृत धीमे और अधिक किफायती हैं, जो नव प्रशिक्षुओं को बुनियादी कौशल सीखने में मदद करते हैं। ये लागत प्रभावी भी हैं, जिससे वायु सेना को कैडेट प्रशिक्षण के लिये बड़ी मात्रा में इन्हें खरीदने में सहायता मिलती है।
  • भारतीय वायुसेना के ट्रेनर एयरक्राफ्ट के प्रकार:
    • भारतीय वायुसेना वर्तमान में 75 पिलैटस पीसी-7 एमके II एयरक्राफ्ट संचालित करती है, जिनका उपयोग कैडेट के उड़ान प्रशिक्षण के पहले चरण में बुनियादी प्रशिक्षण के लिये किया जाता है।
    • बुनियादी प्रशिक्षण के बाद कैडेट HAL किरण, एक मध्यवर्ती जेट-संचालित ट्रेनर तथा फिर BAE हॉक, एक ब्रिटिश उन्नत ट्रेनर के लिये आगे बढ़ते हैं।
  • पिलैटस एयरक्राफ्ट की विशेषताएँ:
    • PC-7 एक टर्बो-प्रोप विमान है जिसमें टेंडेम सीटिंग मौजूद है, जिसे 1970 के दशक के मूल मॉडल के उन्नत संस्करण के रूप में 1990 के दशक में पेश किया गया था।
    • प्रैट एंड व्हिटनी इंजन द्वारा संचालित इसकी अधिकतम गति 412 किमी./घंटा है, यह 10,000 मीटर से अधिक की ऊँचाई तक उड़ान भरने में सक्षम है तथा बाहरी टैंकों के बिना इसकी सीमा 1,200 किमी. है, जो 4 घंटे से थोड़ा अधिक उड़ान समय प्रदान करता है।
  • भारतीय वायुसेना को पीसी-7 एमके-II की आवश्यकता: 
    • IAF ने अपने पायलटों के लिये बुनियादी उड़ान प्रशिक्षण हेतु तत्काल आवश्यक प्रशिक्षक विमानों की कमी को पूरा करने के लिये वर्ष 2012 में हस्ताक्षरित एक अनुबंध के तहत पिलैटस एयरक्राफ्ट लिमिटेड (स्टैन्स, स्विट्ज़रलैंड  में स्थित एक एयरोस्पेस निर्माता) से 75 विमान खरीदे।
    • यह कमी तब महसूस हुई जब वर्ष 2010 में स्वदेशी रूप से विकसित एचपीटी-32 विमान की सेवाएँ घातक दुर्घटनाओं के बाद रोक दी गईं, जिसमें कई भारतीय वायुसेना के पायलटों की मौत हो गई थी।
  • पीसी-7 एमके II का प्रतिस्थापन: 
    • रक्षा मंत्रालय ने पीसी-7 की जगह 70 एचटीटी-40 खरीदने के लिये हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किये।
    • स्वदेशी रूप से निर्मित HTT-40 एक बुनियादी प्रशिक्षण विमान है जो चार-ब्लेड वाले टर्बो-प्रोप इंजन (PC-7 तीन-ब्लेड वाला है) द्वारा संचालित है।
      • विमान में वातानुकूलित कॉकपिट, आधुनिक एवियोनिक्स, हॉट रिफ्यूलिंग और ज़ीरो-ज़ीरो इजेक्शन सीटें होंगी।
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