पीनट एलर्जी | 02 Aug 2024

स्रोत: बीबीसी

हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ने शिशुओं में पीनट एलर्जी के उपचार के लिये एक अभूतपूर्व कार्यक्रम शुरू किया है, जिसका उद्देश्य ओरल इम्यूनोथेरेपी के माध्यम से प्रतिरक्षा प्रणाली मज़बूत करना है।

  • ऑस्ट्रेलिया को प्रायः "एलर्जी कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड" के रूप में जाना जाता है, जहाँ 10 में से 1 शिशु का खाद्य पदार्थों के माध्यम से एलर्जी का उपचार किया जाता है।
    • भारत में शिशुओं में पीनट एलर्जी का प्रचलन काफी कम (लगभग 0.03%) है।
  • यह कार्यक्रम 12 महीने से कम उम्र के शिशुओं के लिये उपलब्ध है, जो पीनट एलर्जी के प्रति संवेदनशील हैं जिसके परिणामस्वरूप वे सहभागी अस्पतालों की निगरानी में हैं।
  • पीनट एलर्जी:
    • ऐसा तब होता है, जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली पीनट प्रोटीन को हानिकारक मान लेती है।
    • पीनट एलर्जी सीधे संपर्क (पीनट/मूंगफली या मूंगफली युक्त खाद्य पदार्थ खाने से), क्रॉस-संपर्क (अनजाने में पीनट/मूंगफली को अन्य खाद्य पदार्थों में शामिल करने से) या साँस के ज़रिए (पीनट/मूंगफली के पाउडर या एरोसोल में साँस लेने से) के ज़रिए हो सकता है।
  • लक्षण:

  • उपचार विधि: पीनट एलर्जी का उपचार बचाव पर केंद्रित है, लेकिन ओरल इम्यूनोथेरेपी, जैसे कि पलफोर्ज़िया (4-17 वर्ष की आयु के लिये स्वीकृत), गंभीर प्रतिक्रियाओं को कम कर सकती है। हालाँकि यह कोई उपचार नहीं है क्योंकि यह कुछ परिस्थितियों के लिये उपयुक्त नहीं है।

और पढ़ें: बच्चों में मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम