पारुवेत उत्सवम् | 22 Feb 2024
स्रोत: द हिंदू
इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH) संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) द्वारा वार्षिक उत्सव 'पारुवेत' (कृत्रिम शिकार प्रशिक्षण अभ्यास) को 'अमूर्त सांस्कृतिक विरासत' घोषित कराने के लिये प्रयास कर रहा है।
पारुवेत उत्सवम् क्या है?
- परिचय:
- यह आंध्र प्रदेश के अहोबिलम में श्री नरसिम्हा स्वामी मंदिर में मनाया जाने वाला एक वार्षिक उत्सव है जिसमें कृत्रिम शिकार प्रशिक्षण अभ्यास भी किया जाता है।
- मठ के 7वें जीयर (पोंटिफ) द्वारा लिखित संस्कृत नाटक वसंतिका परिणयम से पता चलता है कि 'गुरु परंपरा' के माध्यम से 600 वर्ष पुराने अहोबिला मठ के शासन के तहत मंदिर ने आदिवासी समुदायों के बीच श्रीवैष्णववाद का प्रचार प्रसार किया।
- यह उत्सव सांप्रदायिक सद्भाव का प्रतीक है, जिसके दौरान मंदिर के गर्भगृह से देवता को 40 दिनों (एक मंडला) के लिये अहोबिलम के आसपास 32 चेंचू आदिवासी बस्तियों में ले जाया जाता है।
- आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत आदिवासी व्यक्तियों द्वारा अपने धनुष से निशाना साधने और पालकी पर दो तीर चलाने से होती है, जो देवता के प्रति श्रद्धा के साथ उनकी सुरक्षात्मक निगरानी का प्रतीक है।
- संक्रांति उत्सव उस दिन मनाया जाता है जिस दिन देवता उनके गाँव पहुँचते हैं।
- जबकि पारुवेत आमतौर पर विजयादशमी अथवा संक्रांति के दौरान कई मंदिरों में मनाया जाता है, यह केवल अहोबिलम में है कि इसे 'मंडला' (चालीस दिनों) के लिये आयोजित किया जाता है।
- चेंचू पीले वस्त्र तथा तुलसी माला पहनकर 'नरसिम्हा दीक्षा' लेते हैं और इस अवधि के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं।
- पंचरात्र आगम (मंदिर पूजा का सिद्धांत) पारुवेत को 'मृगयोत्सव' के रूप में संदर्भित करता है साथ ही मंदिर पूजा में इसके महत्त्व पर बल देते हुए इसके आचरण के लिये दिशा-निर्देश प्रदान करता है।
- यह आंध्र प्रदेश के अहोबिलम में श्री नरसिम्हा स्वामी मंदिर में मनाया जाने वाला एक वार्षिक उत्सव है जिसमें कृत्रिम शिकार प्रशिक्षण अभ्यास भी किया जाता है।
- लोककथाएँ:
- लोककथाओं में यह कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने अपने नरसिम्हा अवतार में महालक्ष्मी से विवाह किया था, जो अहोबिलम में चेंचूलक्ष्मी नाम की एक आदिवासी लड़की के रूप में अवतरित हुईं, जहाँ चेंचू जनजातियों ने नरसिम्हा को अपने बहनोई के रूप में सम्मानित किया और उन्हें मकर संक्रांति के लिये घर आमंत्रित किया।
- चेंचू जनजाति:
- चेंचू, जिसे 'चेंचुवारु' या 'चेंचवार' भी कहा जाता है, संख्यात्मक रूप से ओडिशा की सबसे छोटी अनुसूचित जनजाति है।
- वे मुख्य रूप से भारत के दक्षिणपूर्वी भाग में नल्लामलाई पहाड़ी शृंखला में निवास करते हैं।
- वे आंध्र प्रदेश की मध्य पहाड़ियों की एक आदिवासी अर्ध-घुमंतू जनजाति हैं।
-
- उनका पारंपरिक जीवन जीने का तरीका शिकार और भोजन एकत्र करने पर आधारित रहा है।
- चेंचू जनजातियाँ आंध्र प्रदेश के साथ-साथ तेलंगाना की विशेष रूप से सुभेध जनजातीय समूह (PVTGs) हैं।
अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर क्या है?
- अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर वे प्रथाएँ, अभिव्यक्तियाँ, ज्ञान और कौशल हैं जिन्हें समुदाय, समूह तथा कभी-कभी व्यक्ति अपनी सांस्कृतिक धरोहर के हिस्से के रूप में पहचानते हैं।
- इन्हें जीवंत सांस्कृतिक धरोहर भी कहा जाता है और आमतौर पर निम्नलिखित रूपों में से एक के रूप में व्यक्त किया जाता है:
- मौखिक परंपराएँ
- कला प्रदर्शन
- सामाजिक प्रथाएँ
- अनुष्ठान एवं उत्सव कार्यक्रम
- प्रकृति और ब्रह्मांड से संबंधित ज्ञान तथा अभ्यास
- पारंपरिक शिल्प कौशल
वर्ष |
यूनेस्को द्वारा परंपरा को अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता |
2023 |
गुजरात का गरबा |
2021 |
कोलकाता में दुर्गा पूजा |
2017 |
कुंभ मेला |
2016 |
नवरोज़, योग |
2014 |
जंडियाला गुरु, पंजाब, भारत के ठठेरों में बर्तन बनाने की पारंपरिक पीतल तथा ताँबे की शिल्पकला |
2013 |
मणिपुर का संकीर्तन, अनुष्ठान गायन, ढोल बजाना एवं नृत्य |
2012 |
लद्दाख का बौद्ध मंत्रोच्चार: ट्राँस-हिमालयी लद्दाख क्षेत्र में पवित्र बौद्ध ग्रंथों का पाठ |
2010 |
राजस्थान का कालबेलिया लोक गीत तथा छाऊ नृत्य, |
2009 |
रम्माण, भारत के गढ़वाल हिमालय का धार्मिक त्योहार और अनुष्ठान रंगमंच |
2008 |
कुटियाट्टम, संस्कृत रंगमंच, वैदिक मंत्रोच्चारण की परम्परा रामलीला, रामायण का पारंपरिक प्रदर्शन |
इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH) क्या है?
- INTACH की स्थापना भारत में संस्कृतिक धरोहर के बारे में जानकारी के प्रसार और संरक्षण के उद्देश्य से वर्ष 1984 में नई दिल्ली में की गई थी।
- यह सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत एक गैर-लाभकारी धर्मार्थ संगठन है।
- INTACH ने न केवल अमूर्त धरोहर बल्कि प्राकृतिक धरोहर के संरक्षण में अभूतपूर्व कार्य किया है।
- वर्ष 2007 में संयुक्त राष्ट्र ने INTACH को संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद के साथ एक विशेष सलाहकार का दर्जा प्रदान किया।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:Q. हाल ही में निम्नलिखित में से किसे यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में सम्मिलित किया गया है?(2009) (a) दिलवाड़ा मंदिर उत्तर: (b) Q. हाल ही में निम्नलिखित में से किसकी पांडुलिपियों को यूनेस्को के मेमोरी ऑफ वर्ल्ड रजिस्टर में सम्मिलित किया गया है? (2008) (a) अभिधम्म पिटक उत्तर: (d) |