एक राष्ट्र, एक छात्र आईडी | 30 Oct 2023
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में कई राज्य सरकारों ने स्कूलों से विद्यार्थियों के लिये एक नए पहचान पत्र बनाने हेतु माता-पिता की सहमति लेने का अनुरोध किया, जिसे स्वचालित स्थायी शैक्षणिक खाता रजिस्ट्री (Automated Permanent Academic Account Registry- APAAR) के रूप में जाना जाता है।
- यह केंद्र सरकार की 'एक राष्ट्र, एक छात्र आईडी' पहल का हिस्सा है, जो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 पर आधारित है।
विद्यार्थियों के लिये ID, APAAR का उद्देश्य?
- परिचय:
- पहल के तहत प्रत्येक विद्यार्थी को एक लाइफटाइम APAAR आईडी मिलेगी, जिससे शिक्षार्थियों, स्कूलों और सरकारों के लिये पूर्व-प्राथमिक शिक्षा से उच्च शिक्षा तक शैक्षणिक प्रगति को ट्रैक करना आसान हो जाएगा।
- APAAR डिजिलॉकर के प्रवेश द्वार के रूप में भी कार्य करेगा। डिजिलॉकर एक डिजिटल प्रणाली है जहाँ छात्र अपने महत्त्वपूर्ण दस्तावेज़ और उपलब्धियाँ, जैसे; परीक्षा परिणाम एवं रिपोर्ट कार्ड संगृहीत कर सकते हैं।
- आवश्यकता:
- APAAR शुरू करने का लक्ष्य शिक्षा ग्रहण करने की कागज़ी प्रक्रियाओं में होने वाली समस्याओं को समाप्त करना और छात्रों को दस्तावेज़ साथ लाने या ले जाने की आवश्यकता को कम करना है।
- इसका उद्देश्य एक सकारात्मक बदलाव लाना है, जिससे राज्य सरकारों को साक्षरता दर, विद्यार्थियों के स्कूल छोड़ने की दर तथा कई अन्य तथ्यों को ट्रैक करने में सहायता मिलेगी जिसके परिणामस्वरूप शिक्षा में सुधार करना सरल हो सकेगा।
- APAAR का उद्देश्य शैक्षणिक संस्थानों के लिये एकल, विश्वसनीय संदर्भ प्रदान करके धोखाधड़ी और डुप्लिकेट शैक्षणिक प्रमाणपत्रों से निपटना भी है।
APAAR ID की कार्यप्रणाली:
- शैक्षणिक क्रेडिट बैंक (ABC) के साथ जुड़ाव:
- प्रत्येक विधार्थी के पास एक अलग APAAR ID होगी जो शैक्षणिक क्रेडिट बैंक (ABC) से जुड़ी होगी, जो एक डिजिटल स्टोरहाउस है जिसमें छात्रों द्वारा उनके शैक्षणिक करियर में अर्जित क्रेडिट का विवरण होगा।
- स्कूलों का परिवर्तन:
- यदि छात्र स्कूल बदलता है, चाहे राज्य के भीतर या किसी अन्य राज्य में, ABC में उसका सारा डेटा सिर्फ APAAR ID साझा करने से उसके नए स्कूल में स्थानांतरित हो जायेगा।
- छात्रों को दस्तावेज़ या स्थानांतरण प्रमाणपत्र प्रदान करने की आवश्यकता नहीं होगी।
- यदि छात्र स्कूल बदलता है, चाहे राज्य के भीतर या किसी अन्य राज्य में, ABC में उसका सारा डेटा सिर्फ APAAR ID साझा करने से उसके नए स्कूल में स्थानांतरित हो जायेगा।
- APAAR के लिये नामांकन:
- APAAR के लिये पंजीकरण करने के लिये छात्रों को नाम, उम्र, जन्मतिथि, लिंग और एक तस्वीर सहित बुनियादी जानकारी दर्ज़ करनी होगी। इस जानकारी को उनके आधार नंबर का उपयोग करके सत्यापित किया जाएगा।
- छात्रों को एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता होगी और वे APAAR ID बनाने के लिये शिक्षा मंत्रालय के साथ अपने आधार नंबर तथा जनसांख्यिकीय जानकारी साझाकरण को स्वीकार या अस्वीकार करने का विकल्प चुन सकते हैं।
- नाबालिगों के लिये माता-पिता को सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा, जिससे मंत्रालय UIDAI के साथ प्रमाणीकरण के लिये छात्र के आधार नंबर का उपयोग कर सके।
- APAAR ID बनाने के लिये पंजीकरण स्वैच्छिक है, अनिवार्य नहीं।
APAAR को लेकर चिंताएँ:
- गोपनीयता के मुद्दे:
- आधार विवरण साझा करने से माता-पिता और छात्रों में चिंता बढ़ जाती है, उन्हें डर है कि इससे बाह्य समूह उनकी व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- UDISE+ से संबंधित चिंताएँ:
- सरकार का कहना है कि छात्रों द्वारा साझा की गई जानकारी को गोपनीय रखा जाएगा और शैक्षिक गतिविधियों में लगी संस्थाओं, जैसे संयुक्त ज़िला शिक्षा सूचना प्रणाली प्लस (Unified District Information System for Education + - UDISE+) डेटाबेस को छोड़कर किसी तीसरे पक्ष के साथ साझा नहीं किया जाएगा।
- लेकिन डेटा के किसी भी उल्लंघन को रोकने तथा UDISE+ हेतु सख्ती से पालन करने के लिये वर्तमान में कोई निर्धारित दिशा-निर्देश नहीं हैं।
- सरकार का कहना है कि छात्रों द्वारा साझा की गई जानकारी को गोपनीय रखा जाएगा और शैक्षिक गतिविधियों में लगी संस्थाओं, जैसे संयुक्त ज़िला शिक्षा सूचना प्रणाली प्लस (Unified District Information System for Education + - UDISE+) डेटाबेस को छोड़कर किसी तीसरे पक्ष के साथ साझा नहीं किया जाएगा।
संयुक्त ज़िला शिक्षा सूचना प्रणाली प्लस (UDISE Plus):
- यह स्कूली शिक्षा पर सबसे बड़ी प्रबंधन सूचना प्रणालियों में से एक है। इसे वर्ष 2018-2019 में डेटा प्रविष्टि में तेज़ी लाने, त्रुटियों को कम करने, डेटा गुणवत्ता में सुधार करने और डेटा सत्यापन को आसान बनाने हेतु शुरू किया गया था।
- यह स्कूल और उसके संसाधनों से संबंधित कारकों के विषय में विवरण एकत्र करने संबंधी एक एप्लीकेशन है।
- यह UDISE का एक अद्यतित और उन्नत संस्करण है, जिसे शिक्षा मंत्रालय द्वारा वर्ष 2012-13 में शुरू किया गया था।
- इसमें 1.49 मिलियन से अधिक स्कूल, 9.5 मिलियन शिक्षक और 265 मिलियन से अधिक छात्र शामिल हैं।
- यह समग्र भारत में सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा 1 से 12 तक के शिक्षा मापदंडों को मापने में मदद करता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. भारतीय संविधान के निम्नलिखित में से कौन-से प्रावधान शिक्षा पर प्रभाव डालते हैं? (2012)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर- (d) |