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NRI कोटा और शिक्षा

  • 25 Sep 2024
  • 2 min read

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स

हाल ही में, सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब सरकार के उस निर्णय की निंदा की जिसमें उसने मेडिकल कॉलेजों में अनिवासी भारतीयों (NRI) कोटा (15%) को बढ़ाकर , उनके दूर के रिश्तेदारों जैसे चाचा, चाची और चचेरे भाई-बहनों को भी इसमें शामिल करने का निर्णय लिया था।

  • सर्वोच्च न्यायालय ने NRI कोटे के विस्तार को एक “धोखाधड़ी” बताया, जो योग्यता-आधारित प्रवेश को कमज़ोर करता है तथा इसे एक “पैसा कमाने की रणनीति” कहा, जो कम योग्य उम्मीदवारों को योग्यता के बजाय धन और संबंधों के आधार पर प्रवेश पाने की अनुमति प्रदान कर सकता है।
  • सर्वोच्च न्यायालय ने पीए इनामदार बनाम महाराष्ट्र राज्य मामले, 2005 का संदर्भ दिया, जिसमें NRI कोटे के दुरुपयोग को रोकने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया था ।
    • हालाँकि, NRI उम्मीदवारों की इसी प्रकार की व्यापक परिभाषा हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे अन्य राज्यों में भी अपनाई गई थी ।
  • NRI कोटा NRI, PIO और OCI को प्रवेश पाने की अनुमति प्रदान करता है, अक्सर इसके लिये निवासियों को प्रवेश परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होती है।
    • अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTI) NRI छात्रों को तकनीकी संस्थानों में 5% तक प्रवेश की अनुमति प्रदान करता है, जबकि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के अनुसार  यह सीमा मेडिकल संस्थानों में 15% है।
  • NRI से तात्पर्य ऐसे भारतीय नागरिक से है जो एक वित्तीय वर्ष में 182 दिन भारत से बाहर रहता है । 

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