मेडिसिन/फिजियोलॉजी में नोबेल पुरस्कार 2022 | 06 Oct 2022
हाल ही में विलुप्त होमिनिन और मानव विकास के जीनोम के क्षेत्र में शोध के लिये स्वीडिश आनुवंशिकीविद् स्वंते पाबो को फिजियोलॉजी या मेडिसिन के लिये वर्ष 2022 का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया है।
- वर्ष 2021 में यह सम्मान संयुक्त राज्य अमेरिका के दो वैज्ञानिकों डेविड जूलियस और आर्डेम पटापोटियन को तापमान और स्पर्श के लिये रिसेप्टर्स की उनकी खोजों हेतु दिया गया था।
स्वंते पाबो के शोध:
- मानव विकास: होमो सेपियन्स, लगभग 300,000 वर्ष पहले अफ्रीका में पहली बार दिखाई दिये, जबकि निकटतम ज्ञात पूर्वज, निएंडरथल, अफ्रीका के बाहर विकसित हुए और लगभग 400,000 वर्ष से 30,000 वर्ष पहले तक यूरोप एवं पश्चिमी एशिया में उनकी आबादी थी, जहाँ से वे विलुप्त हो गए थे।
- निएंडरथल का जीनोम अनुक्रमण: निएंडरथल के जीनों को अनुक्रमित करने के बाद यह पाया जाता है कि हमारे विलुप्त रिश्तेदारों के पुरातन जीन अनुक्रम वर्तमान मनुष्यों के शरीर विज्ञान को प्रभावित करते हैं।
- उदाहरण के लिये जीन EPAS1 का डेनिसोवन संस्करण उच्च ऊँचाई पर जीवित रहने में लाभ प्रदान करता है और वर्तमान तिब्बतियों में आम है।
- अन्य उदाहरण निएंडरथल जीन हैं जो विभिन्न प्रकार के संक्रमणों के प्रति हमारी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रभावित करते हैं।
- डेनिसोवा की खोज: वर्ष 2008 में साइबेरिया के दक्षिणी भाग में डेनिसोवा गुफा में उंगली की हड्डी का 40,000 वर्ष पुराना टुकड़ा खोजा गया था।
- इस हड्डी के DNA अनुक्रमण से पहले अज्ञात होमिनिन की खोज हुई थी, जिसे डेनिसोवा नाम दिया गया था।
- विभिन्न मानव प्रजातियों का सह-अस्तित्व: आधुनिक मनुष्यों के पूर्वज, निएंडरथल और डेनिसोवन्स लगभग 20,000 वर्षों तक सह-अस्तित्व में रहे, इस दौरान उन्होंने न केवल एक-दूसरे के साथ अंतःक्रिया की बल्कि अंतर-नस्ल भी विकसित की।
- आधुनिक समय में यूरोपीय या एशियाई मूल के मनुष्य में लगभग 1-4% जीनोम निएंडरथल से उत्पन्न हुए हैं।
- इसके अलावा डेनिसोवा और होमो सेपियन्स के बीच जीन स्थानांतरण भी हुआ था। यह संबंध पहली बार मेलानेशिया तथा दक्षिण-पूर्व एशिया के अन्य हिस्सों के लोगों में देखा गया था, जहाँ लोगों का 6% डीएनए डेनिसोवा से संबंधित है।
- नोवेल पद्धति:
- प्राचीन डीएनए को अनुक्रमित करना आसान नहीं है क्योंकि यह अत्यधिक खंडित होने के साथ कवक और बैक्टीरिया जैसे रोगाणुओं के संदूषण से युक्त होता है। समय के साथ डीएनए रासायनिक रूप से संशोधित हुए हैं।
- इसलिये पाबो ने निएंडरथल के माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए का अध्ययन करने का फैसला किया।
- माइटोकॉन्ड्रिया, जिसे लोकप्रिय रूप से कोशिका का पावरहाउस कहा जाता है, कोशिका के अंदर का एक अंग है जिसका अपना डीएनए होता है।
- यद्यपि माइटोकॉन्ड्रियल जीनोम छोटा होता है और इसकी कोशिका में केवल कुछ आनुवंशिक जानकारी होती हैं लेकिन इसकी हज़ारों प्रतियाँ मौजूद होती है। इससे इसके सफल अनुक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।
- महत्त्व:
- मानव विकास को समझने में वैचारिक सफलता सर्वोपरि है।
- पाबो के शोध के परिणामस्वरूप पेलियोजेनोमिक्स नामक एक नई वैज्ञानिक शाखा का उदय हुआ है, जो प्राचीन या विलुप्त जीवों के जीन के अध्ययन और विश्लेषण से संबंधित है।
निएंडरथल कौन थे?
- निएंडरथल, वर्तमान मानव प्रजातियों के निकटतम थे जो यूरोप और पश्चिम एशिया में रहते थे तथा लगभग 30,000 साल पूर्व (विलुप्त होने से पहले) उनका विस्तार दक्षिणी साइबेरिया एवं मध्य पूर्व तक हो गया।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. कभी-कभी मीडिया में 'डेनिसोवन' शब्द का उल्लेख किस संदर्भ में किया जाता है? (2019) (a) डायनासोर के प्रकार के जीवाश्म उत्तर: b
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