नोबेल शांति पुरस्कार 2023 | 07 Oct 2023
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
हाल ही में ईरानी कार्यकर्त्ता नरगिस मोहम्मदी को ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ उनकी लड़ाई तथा सभी के लिये मानवाधिकारों एवं स्वतंत्रता हेतु उनके संघर्ष के लिये रॉयल स्वीडिश अकादमी द्वारा प्रतिष्ठित नोबेल शांति पुरस्कार, 2023 प्रदान किया गया है।
- यह पुरस्कार शासन की अविवेकपूर्ण नीतियों की आलोचना करने के अधिकार को बढ़ावा देने तथा नागरिकों के मूल अधिकारों की रक्षा करने में उनके योगदान को मान्यता देता है।
- वर्ष 2022 में नोबेल शांति पुरस्कार बेलारूस के मानवाधिकार अधिवक्ता एलेस बायलियात्स्की, रूसी मानवाधिकार संगठन मेमोरियल और यूक्रेनी मानवाधिकार संगठन सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज़ को प्रदान किया गया था।
- साहित्य, रसायन विज्ञान, भौतिकी और चिकित्सा के लिये वर्ष 2023 के अन्य नोबेल पुरस्कारों की घोषणा पहले ही की जा चुकी है।
नरगिस मोहम्मदी
- परिचय:
- वर्ष 2023 की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी मानवाधिकारों और स्वतंत्रता के लिये संघर्षरत कार्यकर्त्ता रही हैं।
- अकादमी के अनुसार, इस वर्ष का नोबेल शांति पुरस्कार उन सैकड़ों-हज़ारों लोगों को भी सम्मानित करता है, जिन्होंने महिलाओं को निशाना बनाने वाली शासन की ऐसी धार्मिक नीतियों जो कि भेदभावपूर्ण एवं उत्पीड़नकारी थी, के खिलाफ संघर्ष किया है।
- ईरानी प्रदर्शनकारियों द्वारा अपनाया गया आदर्श वाक्य- "वूमेन - लाइफ -फ्रीडम" - नरगिस मोहम्मदी के संघर्ष और कार्य को उपयुक्त रूप से व्यक्त करता है।
- वर्ष 2023 की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी मानवाधिकारों और स्वतंत्रता के लिये संघर्षरत कार्यकर्त्ता रही हैं।
- योगदान:
- सुश्री मोहम्मदी उस देश में मृत्युदंड के खिलाफ वकालत करती हैं, जहाँ अधिकांशतः फाँसी की सज़ा की जाती हैं। कॉलेज के दिनों से ही वह महिलाओं के अधिकारों की प्रबल समर्थक थीं।
- जेल में बंद कार्यकर्त्ताओं और उनके परिवारों की सहायता करने के उनके प्रयासों के लिये उन्हें वर्ष 2011 में पहली बार गिरफ्तार किया गया था।
- मानवाधिकारों की लड़ाई:
- जेल में रहते हुए उन्होंने राजनीतिक कैदियों, विशेषकर महिलाओं के खिलाफ शासन द्वारा यातना एवं यौन हिंसा के व्यवस्थित उपयोग का विरोध करना शुरू कर दिया, जो कि ईरानी जेलों में किया जाता है।
- महसा अमिनी विरोध प्रदर्शन (ईरानी हिजाब आंदोलन-Iranian Hijab Movement) के दौरान, उन्होंने प्रदर्शनकारियों के लिये जेल से समर्थन व्यक्त किया तथा अपने साथी कैदियों के बीच एकजुटता कार्यों का आयोजन किया।
- मोहम्मदी द्वारा प्राप्त अन्य पुरस्कार हैं:
- अलेक्जेंडर लैंगर पुरस्कार 2009
- वर्ष 2023 की शुरुआत में यूनेस्को/गिलर्मो कैनो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम पुरस्कार और ओलोफ पाल्मे पुरस्कार।
- उनकी पुस्तक 'व्हाइट टॉर्चर: इंटरव्यूज़ विद ईरानी वूमेन प्रिज़नर्स' (White Torture: Interviews with Iranian Women Prisoners) ने अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव तथा मानवाधिकार फोरम में रिपोर्टेज़ के लिये एक पुरस्कार भी जीता।
ईरानी हिजाब आंदोलन
- ईरानी विधि महिलाओं को उनके नियमित परिधानों के साथ हिजाब या हेडस्कार्फ पहनने हेतु सख्त निर्देश देती है। इसका अनुपालन नहीं करने वालों को हाल ही में या तो गिरफ्तार किया गया या चेतावनी दी गई है, हालाँकि कई मामलों में कड़ी सज़ा के प्रकरण भी देखने को मिले हैं ।
- 22 वर्षीय महसा अमिनी को ईरानी महिलाओं के नियमित परिधानों संबंधी नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
- ईरान की मोरैलिटी पुलिस द्वारा महसा अमिनी की गिरफ्तारी और उसके बाद उनकी मृत्यु ने बड़े पैमाने पर ईरानी महिलाओं को अधिक स्वतंत्रता की मांग हेतु विरोध प्रदर्शन करने के लिये उत्प्रेरित किया ।
- हालाँकि यह मांग अब ईरान तक ही सीमित नहीं रह गई है बल्कि विश्वव्यापी विरोध का रूप ले चुकी है।
- ऑकलैंड, लंदन, मेलबर्न, न्यूयॉर्क, पेरिस, रोम, सियोल, स्टॉकहोम, सिडनी और ज्यूरिख सहित अन्य महत्त्वपूर्ण पश्चिमी शहरों में भी "वूमेन, लाइफ, लिबर्टी" वाले बैनरों के साथ प्रदर्शन देखने को मिले हैं।
- हालाँकि यह मांग अब ईरान तक ही सीमित नहीं रह गई है बल्कि विश्वव्यापी विरोध का रूप ले चुकी है।