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NIA को गैर-अनुसूचित अपराधों की जाँच का अधिकार: सर्वोच्च न्यायालय

  • 20 Dec 2024
  • 2 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में, सर्वोच्च न्यायालय (SC) ने माना है कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) की जाँच करने की शक्ति केवल अनुसूचित अपराधों की जाँच तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अनुसूचित अपराधों से संबंधित होने पर गैर-अनुसूचित अपराधों की भी जाँच कर सकती है।

  • सर्वोच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि यदि NDPS अधिनियम, 1985 (जो NIA अधिनियम के तहत अनुसूचित नहीं है) के तहत अपराध UAPA के अपराधों से जुड़े हैं और अधिनियम के तहत अनुसूचित हैं, तो NIA उन अपराधों की जाँच कर सकती है।

NIA अधिनियम, 2008 के अंतर्गत अनुसूचित अपराध:

  • NDPS अधिनियम, 1985 मादक पदार्थों से संबंधित गतिविधियों को नियंत्रित करता है, तथा नशीली दवाओं की तस्करी जैसे अपराधों के लिये कारावास (10-20 वर्ष), जुर्माना (न्यूनतम 1 लाख रुपए) और गंभीर अपराधों को दोहराने पर मृत्युदंड का प्रावधान करता है। 
    • इसमें मादक पदार्थ संबंधी अपराधों से जुड़ी संपत्ति जब्त करने का भी प्रावधान किया गया है तथा इसके प्रवर्तन के लिये वर्ष 1986 में भारतीय मादक पदार्थ नियंत्रण ब्‍यूरो की स्थापना की गई।
  • NIA भारत की केंद्रीय आतंकवाद-रोधी कानून प्रवर्तन एजेंसी है, जिसे NIA अधिनियम, 2008 के तहत स्थापित किया गया है।
    • यह भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को प्रभावित करने वाले अपराधों की जाँच करता है, जिसमें हथियारों, मादक पदार्थों की तस्करी और जाली मुद्रा प्रचलन जैसे सीमा पार अपराध शामिल हैं।
  • यह गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।

और पढ़ें: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण

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