नैनीताल की ज़ोनिंग हेतु NGT के निर्देश | 24 Sep 2024
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने नैनीताल शहर को निषिद्ध (Prohibited), विनियमित (Regulated) और विकसित (Development) ज़ोन में वर्गीकृत करने का निर्देश दिया।
- इस ज़ोनिंग का उद्देश्य अनियंत्रित शहरीकरण के पर्यावरणीय प्रभाव को सीमित करना और विकास संबंधी उत्तरदायित्व को प्रबंधित करना है।
- NGT ने "वहन क्षमता" की अवधारणा पर ज़ोर दिया, जो कि अधिकतम जनसंख्या और विकास के स्तर को संदर्भित करता है जिसे नैनीताल अपने पर्यावरण को नुकसान पहुँचाए बिना प्रबंधित कर सकता है,
- होटलों के पास पार्किंग निर्माण के लिये बाँज (Oak) और देवदार के पेड़ों की कटाई से नैनीताल के जलग्रहण क्षेत्र में बड़ी पारिस्थितिक क्षति हुई है, जिससे नैनीताल झील का पुनर्भरण प्रभावित हुआ है।
- नैनीताल झील एक चंद्राकार मीठे पानी की झील है जो जिसका निर्माण विवर्तनिक गतिविधियों के फलस्वरूप हुआ था। यह उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में स्थित है।
- NGT एक वैधानिक निकाय है जिसकी स्थापना राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम, 2010 के तहत पर्यावरण संरक्षण और वनों के संरक्षण से संबंधित मामलों के प्रभावी और शीघ्र निपटान हेतु की गई है।
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